बैंकनेट का ई-नीलामी पोर्टल (BANKNET’ e-auction Portal)
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने नई दिल्ली में संशोधित ई-नीलामी पोर्टल ‘बैंकनेट’ लॉन्च किया।
बैंकनेट पोर्टल
यह एक ई-नीलामी मंच है।
उद्देश्य: इसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के लिए वसूली प्रक्रिया को कारगर बनाने और संपत्ति की नीलामी को अधिक सुलभ, पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
‘बैंकनेट’ की मुख्य विशेषताएँ
केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म: सभी PSB से ई-नीलामी संपत्ति विवरण एक ही स्थान पर एकत्रित करता है।
लिस्टिंग में शामिल हैं
आवासीय संपत्तियाँ (फ्लैट, स्वतंत्र घर, खुले प्लॉट)।
वाणिज्यिक संपत्तियाँ, औद्योगिक भूमि/भवन, दुकानें।
वाहन, संयंत्र और मशीनरी।
कृषि और गैर-कृषि भूमि।
एकीकृत उपयोगकर्ता: एक ही प्लेटफॉर्म पर नीलामी पूर्व, नीलामी के दौरान तथा नीलामी पश्चात की निर्बाध प्रक्रियाएँ शामिल हैं।
प्रौद्योगिकी-संचालित संरचना: तृतीय-पक्ष एकीकरण के लिए खुले API के साथ माइक्रोसर्विस-आधारित प्रणाली।
विश्लेषिकी तथा रिपोर्टिंग: ‘व्यय विश्लेषण’तथा त्वरित MIS रिपोर्ट निर्माण के साथ डैशबोर्ड।
ग्राहक सहायता: कॉलबैक अनुरोध सुविधाओं के साथ समर्पित हेल्पडेस्क तथा कॉल सेंटर।
प्लेटफॉर्म के लाभ
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रिकवरी को बढ़ावा: रिकवरी प्रक्रिया को बढ़ाता है, बैलेंस शीट को मजबूत करता है और वृद्धि करता है।
परमाणु घड़ी (Atomic Clock)
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (MoD) ने रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (DSTL) में विकसित एक क्वांटम परमाणु घड़ी का अनावरण किया।
क्वांटम परमाणु घड़ी
क्वांटम परमाणु घड़ी एक उन्नत घड़ी है, जो समय को अत्यधिक सटीकता के साथ मापन के लिए क्वांटम यांत्रिकी का उपयोग करती है।
यह पारंपरिक घड़ियों की तुलना में अधिक सटीक है तथा रक्षा, नेविगेशन और संचार के लिए उपयोगी हैं।
यह ब्रिटेन में निर्मित पहली ऑप्टिकल परमाणु घड़ी है, जिसका परीक्षण प्रयोगशाला के बाहर किया गया है।
कार्यविधि
क्वांटम परमाणु घड़ियाँ, क्वांटम यांत्रिकी के आधार पर परमाणुओं या आयनों में होने वाले परिवर्तनों के आधार पर समय का मापन करती हैं।
सुपरपोजिशन तथा एंटैंगलमेंट
सुपरपोजिशन सटीक माप के लिए परमाणुओं को एक साथ कई अवस्थाओं में मौजूद रहने की अनुमति देता है।
एंटैंगलमेंट कणों की अवस्थाओं को जोड़ता है, जिससे सटीकता तथा समन्वय में सुधार होता है।
परमाणु शीतलन: हस्तक्षेप को कम करने के लिए परमाणुओं को लगभग शून्य तक ठंडा किया जाता है।
परमाणुओं को उत्प्रेरित करना: लेजर या माइक्रोवेव परमाणुओं को उत्प्रेरित करते हैं, जिससे वे निश्चित ऊर्जा अवस्थाओं के बीच आवागमन करते हैं।
आवृत्ति मापन: परमाणुओं द्वारा अवस्थाओं के बीच संक्रमण के लिए लगने वाले समय का उपयोग, समय को सटीक रूप से मापने के लिए किया जाता है।
क्वांटम इंटरफेरेंस: बेहतर परिशुद्धता के लिए सुपरपोजिशन का उपयोग करके एक साथ कई अवस्थाओं की तुलना करता है।
क्वांटम परमाणु घड़ी का महत्त्व
यह घड़ी इतनी सटीक है, कि अरबों वर्षों में यह एक सेकंड से भी कम समय की हानि करती है।
यह अत्यधिक सटीक समय मापन की अनुमति देती है।
परमाणु घड़ी
परमाणु घड़ी एक ऐसी घड़ी है जो परमाणुओं की गति के आधार पर समय को मापती है।
यह स्पष्ट करती है कि, विभिन्न ऊर्जा स्तरों के बीच परमाणु किस प्रकार परिवर्तित होते हैं जब वे कुछ विशेष प्रकार के विकिरणों के साथ क्रिया करते हैं।
यह कैसे कार्य करती है: परमाणु ऊर्जा स्तरों के बीच गमन करते समय विशिष्ट आवृत्तियों पर ऊर्जा को अवशोषित या छोड़ते हैं, और यही वह चीज है जो घड़ी को समय को सटीक रूप से रखने में मदद करती है।
विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (Logistics Ease Across Different States- LEADS) 2024’ रिपोर्ट
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने ‘विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (LEADS) 2024’ रिपोर्ट जारी की है।
LEADS-2024 रिपोर्ट
LEADS-2024 रिपोर्ट रिपोर्ट का छठा संस्करण है। लीड्स रिपोर्ट की परिकल्पना विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स (LPI) की तर्ज पर की गई थी।
जारीकर्ता: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार)।
उद्देश्य: रिपोर्ट राज्य/केंद्रशासित प्रदेश स्तर पर रसद प्रदर्शन में सुधार के बारे में जानकारी देती है।
स्तंभ: यह रिपोर्ट चार प्रमुख स्तंभों में लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है:-
लॉजिस्टिक्स अवसंरचना
लॉजिस्टिक्स सेवाएँ
परिचालन और विनियामक वातावरण
सतत लॉजिस्टिक्स
LEADS 2024 के प्रदर्शन की मुख्य विशेषताएँ
समूह
अचीवर्स (Achievers)
फास्ट मूवर्स
(Fast Movers)
एसपायरर्स (Aspirers)
तटीय समूह
गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु
आंध्र प्रदेश, गोवा
केरल, पश्चिम बंगाल
भू-आबद्ध समूह
हरियाणा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड
बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान
छत्तीसगढ़, झारखंड
उत्तर-पूर्वी समूह
असम, अरुणाचल प्रदेश
मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा
मणिपुर
केंद्र शासित प्रदेश
चंडीगढ़, दिल्ली
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, जम्मू और कश्मीर, लक्षद्वीप, पुडुचेरी
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