हाल के वर्षों में देखा गया है कि कोंडा रेड्डी के पारंपरिक विवाह में व्यापक अनुष्ठान शामिल होते हैं, लेकिन वित्तीय बोझ को कम करने के लिए लिव-इन रिलेशनशिप को स्वीकृति मिल रही है।
प्रेम विवाह, भागकर विवाह करना तथा बातचीत या सेवा द्वारा विवाह करना भी आम बात है।
कोंडा रेड्डी जनजाति
नृवंशविज्ञान: विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के तट पर निवास करता है, मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले और खमामा जिले में।
भाषा: तेलुगु भाषा में एक अलग उच्चारण का प्रयोग करते हैं, जो उनकी सांस्कृतिक विशिष्टता को दर्शाता है।
धर्म: हिंदू धर्म का पालन करते हैं, स्थानीय देवताओं की पूजा करते हैं और पारंपरिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं।
परिवार और विवाह: परिवार पितृसत्तात्मक होते हैं, जिनमें एक विवाह प्रथा आदर्श होती है, हालाँकि बहुविवाह भी होता है।
आजीविका: यह जनजाति ज्वार की मुख्य फसल के साथ झूम खेती पर निर्भर करती है।
वे काजू, नाइजर और मिर्च जैसी व्यावसायिक फसलें भी उगाते हैं और जीविका के लिए वन संसाधनों पर निर्भर रहते हैं।
आवास: छप्पर वाली छतों वाले उनके अनोखे गोलाकार मिट्टी की दीवारों वाले घर भुंगा (Bhunga) वास्तुकला को दर्शाते हैं।
राजनीतिक संरचना: इस जनजाति की एक पारंपरिक शासन प्रणाली है, जिसका नेतृत्व वंशानुगत मुखिया, पेड्डा कापू (Pedda Kapu) करते हैं, जो गाँव के पुजारी के रूप में भी कार्य करते हैं।
सांस्कृतिक परिवर्तन: लिव-इन रिलेशनशिप जैसे आधुनिक प्रभाव सद्भाव और पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित करते हुए उनकी अनुकूलनशीलता को दर्शाते हैं।
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