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अंतरराष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों पर वैश्विक अनुमान

Lokesh Pal January 21, 2025 03:29 12 0

संदर्भ

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों पर वैश्विक अनुमान’ का चौथा संस्करण जारी किया, जिसमें वैश्विक आर्थिक विकास में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों (IM) के महत्त्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला गया।

ILO रिपोर्ट की मुख्य बिंदु

  • वैश्विक श्रम बल प्रतिनिधित्व: वर्ष 2022 में वैश्विक श्रम बल में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का हिस्सा 4.7% (167.7 मिलियन) था, जिसमें 155.6 मिलियन लोग कार्यरत थे और 12.1 मिलियन लोग बेरोजगार थे।
    • वर्ष 2019-2022 के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की वार्षिक वृद्धि दर 1% से नीचे गिर गई, जिसका आंशिक कारण कोविड-19 महामारी है।
  • लैंगिक और आयु आधारित वितरण
    • लैंगिक आधार पर रोजगार
      • अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों में पुरुषों की संख्या कार्यबल का 61.3% थी, जबकि महिलाओं की संख्या 38.7% थी।
      • महिला अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों को कुल अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या और वैश्विक श्रम शक्ति दोनों में कम प्रतिनिधित्व का सामना करना पड़ता है।
    • आयु संवितरण
      • प्राइम-एज अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों श्रमिकों (25-54 वर्ष) ने 74.9% के साथ सबसे बड़ा समूह गठित किया।
      • युवा (15-24 वर्ष) और वरिष्ठ (55 वर्ष से ऊपर) वर्ग।
  • क्षेत्रीय रोजगार
    • सेवा क्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का 68.4% सेवा क्षेत्र में कार्य करता है, जिसमें महिलाओं का प्रभुत्व 80.7% है।
    • उद्योग: अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का योगदान 24.3% है, जो गैर-प्रवासियों के समान है।
    • कृषि: अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का योगदान 7.4% है, जबकि गैर-प्रवासियों का योगदान 24.3% है।
  • मेजबान देश
    • उच्च आय वाले देशों ने विशेष रूप से सेवाओं एवं देखभाल क्षेत्रों में 68.4% (114 मिलियन) अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों को आकर्षित किया।
    • उच्च-मध्यम आय वाले देशों ने 17.4% अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की मेजबानी की।
    • उत्तरी अमेरिका और यूरोप प्रमुख गंतव्य बने रहे, जबकि अरब राज्यों में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों कार्यबल हिस्सेदारी में मामूली गिरावट देखी गई।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासी

  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय प्रवासी वे व्यक्ति होते हैं, जो कम-से-कम एक वर्ष के लिए अपने मूल निवास से अलग किसी देश में चले जाते हैं, चाहे इसका कारण या कानूनी स्थिति कुछ भी हो।
    • शरणार्थी, शरण चाहने वाले और संबंधित समूह भी अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का हिस्सा हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की भूमिका

  • आर्थिक योगदान: मेजबान देशों में श्रम की कमी को दूर करना, विशेष तौर पर स्वास्थ्य सेवा, निर्माण और कृषि जैसे क्षेत्रों में।
    • विविध उद्योगों में उत्पादकता और नवाचार को बढ़ाना।
  • प्रेषण: घरेलू देशों को महत्त्वपूर्ण वित्तीय संसाधन भेजना, घरेलू आय और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान: सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ समाजों को समृद्ध बनाना।
  • वैश्विक संपर्क: व्यापार, निवेश और नेटवर्क के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत बनाना।
  • वृद्ध आबादी का समर्थन करना: उच्च आय वाले देशों में वृद्ध समाजों के लिए कार्यबल समाधान प्रदान करना।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों से संबंधित मुद्दे

  • लैंगिक असमानताएँ: अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के कार्यबल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है और उन्हें रोजगार में बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें भेदभाव और सीमित अवसर शामिल हैं।
  • क्षेत्रीय निर्भरता: सेवाओं जैसे कुछ क्षेत्रों पर अत्यधिक निर्भरता अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की आर्थिक मंदी के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाती है।
  • श्रम शोषण: कई अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों को मेजबान देशों में खराब कामकाजी परिस्थितियों, कम वेतन और कानूनी सुरक्षा की कमी का सामना करना पड़ता है।
  • सामाजिक बहिष्कार: प्रवासियों को अक्सर मेजबान देशों में सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से एकीकृत होने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
  • महामारी का प्रभाव: COVID-19 ने प्रवास प्रवाह, रोजगार के अवसरों और प्रेषण प्रणालियों को बाधित किया।

आगे की राह

  • लैंगिक समानता को बढ़ावा देना: नीतियों को वैश्विक अंतरराष्ट्रीय प्रवासी कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और समान अवसर प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  • समावेशी नीतियाँ: मेजबान देशों को अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों को शोषण से बचाने और स्वास्थ्य सेवा, आवास और सामाजिक सुरक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए ढाँचों की आवश्यकता है।
  • कौशल विकास: अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के कौशल संवर्द्धन की पहल से रोजगार में सुधार हो सकता है और मेजबान अर्थव्यवस्थाओं को लाभ हो सकता है।
  • क्षेत्रीय सहयोग: प्रेषक और प्राप्त करने वाले देशों के बीच मजबूत सहयोग से सुचारू प्रवास प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित हो सकता है।
  • निगरानी और डेटा संग्रह: अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का योगदान एवं संबंधित चुनौतियों का नियमित मूल्यांकन प्रभावी नीति निर्माण को सूचित कर सकता है।
  • वैश्विक एकजुटता: ILO जैसे संगठनों को अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के अधिकारों का समर्थन करना जारी रखना चाहिए और सतत् विकास रणनीतियों में उनके समावेश को बढ़ावा देना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के लिए प्रमुख पहल

  • अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (International Organization for Migration- IOM): वर्ष 1951 में स्थापित, IOM दुनिया भर में प्रवासन मुद्दों को संबोधित करने वाला अग्रणी अंतर-सरकारी निकाय है।
  • अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization-ILO): अपने सम्मेलनों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों को बढ़ावा देता है और निष्पक्ष श्रम प्रवासन प्रथाओं का समर्थन करता है।
  • प्रवासी अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (1990): संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया, यह सम्मेलन प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के अधिकारों की रक्षा करता है।
  • प्रवासन के लिए वैश्विक समझौता (2018): अंतरराष्ट्रीय प्रवास के सभी पहलुओं को शामिल करने वाला पहला अंतर-सरकारी ढाँचा, जिसका लक्ष्य सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवासन है।

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