हाल ही मेंभारतीय रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना के लिए डिजाइन की गई एक उन्नत ‘युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली-संजय’ (Battlefield Surveillance System) का उद्घाटन किया।
संजय क्या है?
‘संजय’ एक स्वचालित निगरानी प्रणाली है, जो विभिन्न जमीनी एवं हवाई सेंसर से डेटा को एकीकृत करती है।
इसकी मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं
डेटा एकीकरण: दोहराव को रोकने के लिए कई स्रोतों से जानकारी को संयोजित करता है।
केंद्रीकृत निगरानी: कमांडरों के लिए एक एकीकृत युद्धक्षेत्र चित्र बनाता है।
सुरक्षित संचार: एक सुरक्षित सेना डेटा नेटवर्क और उपग्रह प्रणालियों पर कार्य करता है।
विकास: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) एवं भारतीय सेना के सहयोग से विकसित।
यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत आत्मनिर्भरता पर भारत के फोकस को दर्शाता है।
यह प्रणाली अक्टूबर 2025 तक तीन चरणों में सेना के सभी परिचालन ब्रिगेड, डिवीजनों और कोर में लागू की जाएगी, जिसे रक्षा मंत्रालय ने ‘ईयर ऑफ रिफार्म’ घोषित किया है।
संजय के प्रमुख लाभ
उन्नत युद्धक्षेत्र पारदर्शिता: सेना कमान एवं मुख्यालय को वास्तविक समय के इनपुट प्रदान करता है।
उन्नत निगरानी क्षमताएँ: खुफिया, निगरानी एवं टोही (Intelligence, Surveillance, And Reconnaissance) संचालन के लिए एक बल गुणक (Force Multiplier) के रूप में कार्य करता है।
नेटवर्क-केंद्रित संचालन: कमांडरों को पारंपरिक एवं उप-पारंपरिक दोनों परिदृश्यों में प्रभावी ढंग से कार्य करने में सक्षम बनाता है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस
भारत 25 जनवरी, 2025 को अपना 15वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है।
इस वर्ष की थीम है, “मतदान से बढ़कर कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से मतदान करूँगा”।
आयोजन
राष्ट्रपति को मुख्य चुनाव आयुक्त से “इंडिया वोट्स 2024: ए सागा ऑफ डेमोक्रेसी” पुस्तक की पहली प्रति प्राप्त हुई।
भारतीय राष्ट्रपति सुचारू चुनाव सुनिश्चित करने वाले राज्य एवं जिला अधिकारियों को सर्वोत्तम चुनावी अभ्यास पुरस्कार प्रदान करेंगे।
मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने वाली पहलों को विशेष मान्यता दी जाएगी, जैसे नवोन्वेषी आउटरीच अभियान आदि।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस
स्मरणोत्सव: भारत के चुनाव आयोग की स्थापना के उपलक्ष्य में वर्ष 2011 से राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है।
वर्ष 1950 में स्थापित भारत निर्वाचन आयोग वर्ष 2025 में राष्ट्र की सेवा के 75 वर्ष पूर्ण कर लेगा।
उद्देश्य: भारत के जीवंत लोकतंत्र का जश्न मनाना एवं प्रत्येक नागरिक को वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए सशक्त बनाना।
भागीदारी: NVD राष्ट्रीय, राज्य, जिला, निर्वाचन क्षेत्र एवं मतदान केंद्र स्तर पर मनाया जाता है।
महत्त्व
अधिकार एवं कर्तव्य: राष्ट्रीय मतदान दिवस लोकतंत्र में अधिकार एवं जिम्मेदारी दोनों के रूप में मतदान के महत्त्व पर प्रकाश डालता है।
नए मतदाताओं का पंजीकरण: NVD का मुख्य फोकस इस दिन पहली बार मतदाताओं का पंजीकरण करना एवं मतदाता पहचान-पत्र प्रदान करना है।
चुनावी साक्षरता: इसका उद्देश्य अभियान चलाकर चुनावी साक्षरता को बढ़ावा देना है, जो लोगों को मतदान प्रक्रिया एवं उनके वोट के प्रभाव के बारे में शिक्षित करे।
SEBI की ‘सैचेटाइजेशन’ योजना
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड निवेश के ‘सैचेटाइजेशन’ (Sachetisation) के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने का प्रस्ताव दिया है।
‘सैचेटाइजेशन’ योजना
‘सैचेटाइजेशन’ की परिभाषा: छोटी, किफायती इकाइयों में उत्पादों की पेशकश को संदर्भित करता है, जो व्यापक आबादी, विशेष रूप से मूल्य-संवेदनशील एवं कम आय वाले समूहों तक पहुँच को सक्षम बनाता है।
पहल का उद्देश्य: सेबी ने कम आय वर्ग के लोगों को म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने हेतु 250 रुपये से शुरू होने वाले छोटे निवेश का प्रस्ताव दिया है।
प्राथमिक लक्ष्य
म्यूचुअल फंड को अधिक सुलभ एवं किफायती बनाना।
व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIPs) के माध्यम से छोटे, आवधिक निवेश को बढ़ावा देना।
व्यक्तियों को व्यवस्थित बचत एवं निवेश की आदत विकसित करने में सहायता करना।
लक्षित दर्शक: समाज के वंचित वर्गों, विशेष रूप से सीमित निवेश अवसरों वाले ग्रामीण एवं कम आय वाले क्षेत्रों तक पहुँचने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
SEBI की ‘सैचेटाइजेशन’ योजना की मुख्य विशेषताएँ
न्यूनतम SIP राशि: प्रस्तावित योजना ₹250 प्रति माह से शुरू होने वाली SIP की अनुमति देती है, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से पहली बार के निवेशक हैं।
पात्रता मापदंड
केवल नए म्यूचुअल फंड निवेशक ही इस पहल के लिए पात्र हैं।
मौजूदा म्यूचुअल फंड निवेशकों को इस श्रेणी के अंतर्गत विचार किए जाने से बाहर रखा गया है।
निवेश सीमा: परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMCs) में प्रति निवेशक अधिकतम तीन ₹250 SIP की अनुमति है।
बहिष्कृत योजनाएँ: ऋण योजनाएँ, क्षेत्रीय एवं विषयगत फंड, साथ ही स्मॉल-कैप तथा मिड-कैप इक्विटी फंड, उनकी उच्च अस्थिरता के कारण बाहर रखे गए हैं।
प्रतिबद्धता अवधि: निवेशकों को 5 वर्ष की अवधि (60 मासिक किस्तें) के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
बिना किसी प्रतिबंध के समय से पहले निकासी की अनुमति है।
प्रौद्योगिकी-संचालित निवेश प्रक्रिया: लेन-देन लागत को कम करने एवं दक्षता में सुधार के लिए निवेश UPI ऑटो पे या नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) के माध्यम से किया जाना चाहिए।
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