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Lokesh Pal
January 30, 2025 05:30
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हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को ग्लेशियरों के संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है।
ग्लेशियल झील विस्फोट और बाढ़ जोखिम: तापमान में वृद्धि के कारण ग्लेशियल झीलों का विस्तार हुआ है, जिससे ग्लेशियल झील विस्फोट बाढ़ (जीएलओएफ) के बारे में चिंताएँ बढ़ गई हैं।
ग्लेशियर केवल जमे हुए जल भंडार नहीं हैं, बल्कि जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिक संतुलन के महत्वपूर्ण संकेतक हैं। अतः भारतीय हिमालयी क्षेत्र (आईएचआर) में स्वचालित मौसम केन्द्रों की स्थापना तथा सतत क्षेत्र-आधारित ग्लेशियर निगरानी की सुविधा के लिए अधिक मजबूत नीतियों और वित्तीय निवेश की अत्यधिक आवश्यकता है।
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