//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal
February 14, 2025 05:30
135
0
हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष जैसी निर्वात स्थितियों में स्वदेशी रूप से विकसित CE20 क्रायोजेनिक इंजन के पुनःप्रज्वलन (re-ignition) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
रूस द्वारा आवश्यक तकनीक के हस्तांतरण पर अमेरिका का तर्क कमजोर था, क्योंकि मिसाइलों को कुछ सेकंड के भीतर लॉन्च के लिए तैयार होना चाहिए, जबकि क्रायोजेनिक इंजन को कम-से-कम 24 घंटे ईंधन भरने की आवश्यकता होती है। यह भी पाखंडपूर्ण था, यह देखते हुए कि कुछ महीने पहले ही अमेरिका ने बहुत अधिक कीमतों पर इंजन बेचने की पेशकश की थी। |
CE20 क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस इंजन के साथ, इसरो पृथ्वी की कक्षा से बाहर अधिक जटिल मिशनों को पूरा करने के लिए तैयार है, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्नभारत का स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन विकास तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाता है, लेकिन यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में भू-राजनीतिक चुनौतियों को भी दर्शाता है। विश्लेषण कीजिए, कि यह उपलब्धि भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं, वैश्विक साझेदारी और रणनीतिक स्वायत्तता को कैसे प्रभावित करती है; साथ ही महत्त्वपूर्ण तकनीकी विकास में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भूमिका पर चर्चा कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) |
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments