100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

जनसंख्या दबाव व संसाधन : सामूहिक समारोहों में भगदड़ एक प्रमुख चुनौती

Lokesh Pal February 17, 2025 05:15 33 0

संदर्भ:

हाल ही में, देश के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव कुंभ हेतु, प्रयागराज के लिए ट्रेनों में सवार होने के लिए प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों की भीड़ के बढ़ने के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई।

भगदड़ एवं भगदड़ की घटनाएँ :

  • परिभाषा: वेंगुओ वेंग एट अल. (2023) भगदड़ को भीड़ की एक आवेगपूर्ण सामूहिक गतिविधि के रूप में परिभाषित करते हैं, जो अक्सर शारीरिक चोटों और मौतों का कारण बनती है।
    • इलियास एट अल. भगदड़ को खतरे या जगह की कमी के कारण किसी स्थान विशेष में होने वाली अनियंत्रित भीड़ के रूप में परिभाषित करते हैं, जो व्यवस्थित आंदोलन को बाधित करती है और घबराहट के कारण चोटों और मौतों का कारण बनती है।
  • सुरक्षा संबंधी चिंता: भगदड़ में मृत्यु दर बहुत अधिक होती है, जो इसे सामूहिक समारोहों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बनाती है। गर्मी से संबंधित बीमारियों के साथ-साथ, भगदड़ बड़े सार्वजनिक आयोजनों, धार्मिक समारोहों और त्योहारों में महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करती है।

भगदड़ के लिए जिम्मेदार कारक:

  • अप्रभावी भीड़ प्रबंधन: सामूहिक समारोहों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी भीड़ प्रबंधन आवश्यक है।
    • खराब योजना, भीड़ के व्यवहार की समझ की कमी और हितधारकों के बीच अपर्याप्त समन्वय, सुरक्षा साधनों का अभाव भगदड़ की घटना में योगदान करते हैं।
  • मनोवैज्ञानिक कारक: भगदड़ को ट्रिगर करने में मानव मनोविज्ञान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें अक्सर घबराहट स्थिति को और खराब कर देती है।
    • अलेक्जेंडर मिंट्ज़ (1952) ने सिद्धांत दिया कि घबराहट से प्रेरित परिदृश्यों में, सफलता के लिए सहकारी व्यवहार आवश्यक है। हालाँकि, एक बार जब यह सहयोग टूट जाता है, तो अराजकता फैल जाती है, जिससे स्थिति और खराब हो जाती है।
  • “उन्माद” का सिद्धांत: समाजशास्त्री नील जे. स्मेलसर ने अपने काम थ्योरी ऑफ़ कलेक्टिव बिहेवियर (1962) में “उन्माद” की अवधारणा पेश की, इसे “सकारात्मक इच्छा-पूर्ति विश्वास के आधार पर कार्रवाई के लिए जुटाना” के रूप में वर्णित किया।
    • अतः भगदड़ के संबंध में उपर्युक्त मान्यताएँ, चाहे तर्कसंगत हों या तर्कहीन, बड़ी भीड़ में फैलती हैं, और व्यक्तियों को ऐसे तरीके से कार्य करने के लिए प्रभावित करती हैं जो अंततः उनके हितों को नुकसान पहुँचाते हैं।
    • बड़े समूह की सेटिंग में, एक “सनक” की तर्कहीन सामूहिक मान्यताएँ खतरनाक कार्यों को ट्रिगर कर सकती हैं, जिससे भगदड़ मच सकती है।
    • उदाहरण के लिए, हाथरस उत्तरप्रदेश में कुछ समय पूर्व की एक घटना में, एक उपदेशक के पैर छूने या मिट्टी इकट्ठा करने की इच्छा ने एक घातक भगदड़ को जन्म दिया।
  • संरचनात्मक कारक: पर्यावरण या स्थल में संरचनात्मक मुद्दे भीड़ से संबंधित आपदाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चुन-हाओ शाओ एट अल. (2018) ने भगदड़ में योगदान देने वाले कई प्रमुख कारकों को रेखांकित किया है :
    • प्रकाश की कमी
    • भीड़ के प्रवाह का अनुचित प्रबंधन
    • अवरोधों का ढहना या निर्माणाधीन इमारतें
    • अवरुद्ध निकास या निकासी मार्ग
    • खराब हार्डवेयर डिज़ाइन, जैसे प्रवेश द्वार पर घूमने वाले दरवाज़े
    • आग का खतरा
  • उच्च भीड़ घनत्व: भीड़ घनत्व, या प्रति इकाई क्षेत्र में लोगों की संख्या, सामूहिक समारोहों के लिए स्थानों को को व्यवस्थित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है।
    • भीड़ का उच्च घनत्व अक्सर जनता में अफरातफरी व घबराहट पैदा कर सकता है, खासकर तब जब भीड़ प्रबंधन रणनीतियाँ अपर्याप्त हों। 
    • सीमित स्थान पर अधिकाधिक भीड़ होने से भगदड़ सहित खतरनाक स्थितियों का जोखिम बढ़ जाता है।
  • भीड़ घनत्व पर सिमुलेशन: चुन-हाओ शाओ एवं अन्य द्वारा किए गए सिमुलेशन से ज्ञात होता है कि जब भीड़ का घनत्व 3 से 4 व्यक्ति प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच जाता है, तो निकासी का समय काफी बढ़ जाता है।
    • इन परिस्थितियों में, निकाले गए लोगों को अक्सर निकासी के इंतजार में 8 मिनट से अधिक समय लग जाता है, और जब निकास द्वार के पास अवरोध उत्पन्न हो जाता है, तो घबराहट बढ़ जाती है, जिससे भगदड़ का खतरा बढ़ जाता है।

भीड़ प्रबंधन:

  • परिभाषा: भीड़ प्रबंधन, उपस्थित लोगों की सुरक्षा और सुचारू प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए बड़ी सभाओं की योजना बनाने, आयोजन करने और निगरानी करने की व्यवस्थित प्रक्रिया है।
  • इसमें जोखिमों का अनुमान लगाना और संभावित खतरों को कम करने के लिए सबसे खराब स्थिति के लिए योजना बनाना शामिल है।

भीड़ प्रबंधन पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दिशा-निर्देश

  • नियंत्रण उपाय: सामूहिक समारोहों में भगदड़ की आवर्ती समस्या को पहचानते हुए, एनडीएमए ने प्रभावी भीड़ प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश विकसित किए हैं।
  • भागीदारी: इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य सभी हितधारकों की सहायता करना है, जिनमें शामिल हैं:
    • राज्य सरकारें
    • स्थानीय प्राधिकरण
    • कार्यक्रम आयोजक और प्रशासक
  • उद्देश्य: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) दिशा-निर्देशों का प्राथमिक लक्ष्य सक्रिय भीड़ प्रबंधन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना कि भगदड़ जैसी आपदाओं को रोकने के लिए उचित सुरक्षा उपायों की व्यवस्था की जाए।

महत्त्वपूर्ण दिशानिर्देश : 

  •  क्षमता नियोजन
    • आगंतुक निगरानी: भीड़ के प्रवाह को प्रबंधित करने के लिए प्रमुख बिंदुओं से गुजरने वाले आगंतुकों की गणना और निगरानी करने के तरीकों को लागू किया जाना चाहिए
    • मंचन बिंदु: भौतिक या आभासी स्थानों को निर्दिष्ट किया जाना चाहिए, जहां आगंतुकों को निर्देशित करने व नियंत्रण बढ़ाने के लिए उपाय किए जा सकें।
    • सुविधाएँ: विश्राम क्षेत्र, पानी, भोजन और स्वच्छता सुविधाओं जैसी आवश्यक सेवाएँ प्रदान की जानी चाहिए।
    • कई मार्गों को प्रोत्साहित करना : भीड़ को वितरित करने, भीड़भाड़ को कम करने और आवाजाही को बढ़ाने के लिए हर् संभव पर्याप्त प्रवेश व निकास बिंदुओं की व्यवस्था की जानी चाहिए।
  • भीड़ नियंत्रण
    • आगमन प्रबंधन: लोगों के आयोजन स्थल में प्रवेश करने की दर को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
    • आवागमन को विनियमित करना : बाधाओं को रोकने के लिए लोगों के आयोजन स्थल के भीतर आने-जाने के तरीके को प्रबंधित किया जाना चाहिए।
    • आउटफ्लो प्रबंधन: कार्यक्रम के बाद भीड़ की आवाजाही की योजना बनाएं, सुरक्षित और व्यवस्थित निकास प्रक्रिया सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  • खतरा, जोखिम और भेद्यता विश्लेषण (HRVA)
    • रणनीतिक योजना: कार्यक्रम स्थल से लेकर जिला और राज्य आपदा प्रबंधन योजनाओं तक सभी स्तरों पर खतरा, जोखिम और भेद्यता विश्लेषण का संचालन करके पारंपरिक भीड़ नियंत्रण से प्रभावी भीड़ प्रबंधन दृष्टिकोण में परिवर्तन किया जाना चाहिए।
    • एचआरवीए के चरण: किसी भी गंभीर घटना के लिए तैयार रहने के लिए प्रतिक्रिया, पुनर्प्राप्ति और शमन पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
    • निर्णय समर्थन प्रणाली: एचआरवीए डेटा का उपयोग एक ऐसी प्रणाली बनाने के लिए किया जाना चाहिए, जो भीड़ से संबंधित आपदाओं की स्थिति में बचाव और राहत कार्यों की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाती है।
      • खतरों और कारणों की पहचान करना: सभा स्थलों पर उपलब्ध जानकारी का उपयोग करके संभावित जोखिमों की पहचान की जानी चाहिए। 
      • जोखिम मूल्यांकन और योजना: खतरों की पहचान करने के बाद, उचित योजना के लिए विस्तृत जोखिम मूल्यांकन सुनिश्चित करना।
  • विफलता मोड और प्रभाव विश्लेषण (FMEA)
    • खतरा रेटिंग: प्रत्येक संभावित खतरे को रेटिंग देकर विफलता मोड और प्रभाव विश्लेषण (FMEA) को लागू किया जाना चाहिए :
      • गंभीरता (घटना का प्रभाव)
      • घटना की आवृत्ति (कितनी बार होने की संभावना है)
      • पता लगाने में कठिनाई (इसे कितनी आसानी से पहचाना जा सकता है)।
    • जोखिम प्राथमिकता संख्या (RPN) इन रेटिंग से प्राप्त होती है, जिसमें उच्च गंभीरता, आवृत्ति और कठिनाई उच्च जोखिम प्राथमिकता संख्या की ओर ले जाती है।
    • जोखिम प्राथमिकता संख्या के आधार पर, योजनाकारों को जोखिम को कम करने के लिए निवारक कार्रवाई करनी चाहिए।

भीड़ प्रबंधन के लिए मुख्य उपाय

  • भगदड़ जोखिम न्यूनीकरण ढांचा
    • अंतर-एजेंसी समन्वय: कानून प्रवर्तन, स्थानीय प्राधिकरण, कार्यक्रम आयोजकों और आपातकालीन सेवाओं को शामिल करने वाला एक बहु-विषयक दृष्टिकोण।
    • खतरे की पहचान: प्रतिबंधित स्थानों, संकीर्ण निकास और भीड़भाड़ जैसे जोखिम कारकों की पहचान करना।
    • शमन रणनीतियाँ: अवरोधों, भीड़ प्रवाह प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना जैसे सुरक्षा उपायों को लागू करना।
  • स्थानों का बेहतर डिजाइन
    • पर्याप्त निकास: सुचारू आवागमन की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में अच्छी तरह से चिह्नित निकास सुनिश्चित की जानी चाहिए।
    • खुले व चौड़े मार्गों को प्राथमिकता : भीड़ को तितर-बितर करने के लिए खुले व चौड़े मार्गों को प्राथमिकता देना। 
    • अलग-अलग प्रवेश और निकास बिंदु: भीड़भाड़ को कम करने और भगदड़ के जोखिम को कम करने के लिए, पृथक प्रवेश व निकास मार्ग।
  • भीड़ पर लाइव निगरानी
    • वास्तविक समय की निगरानी: भीड़ के घनत्व और आवाजाही पर नज़र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे, एआई-आधारित भीड़ विश्लेषण और ड्रोन का उपयोग किया जाना चाहिए
    • समस्याओं का पता लगाना: उच्च भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की पहचान करना और हस्तक्षेप के लिए सुरक्षा या स्वयंसेवकों को तैनात किया जाना चाहिए। 
    • भीड़ दबाव विश्लेषण: विशिष्ट क्षेत्रों में दबाव जोखिमों का पता लगाना और संकट आने से पहले निवारक कार्रवाई हेतु प्रयास किया जाना चाहिए।
  • अंतर-एजेंसी संचार
    • अधिकारियों के बीच समन्वय: मंदिर अधिकारियों, स्थानीय प्रशासन, पुलिस और कार्यक्रम आयोजकों के बीच संचार स्थापित किया जाना चाहिए।
    • आपातकालीन चेतावनी प्रणाली: आपात स्थिति के दौरान भीड़ को मार्गदर्शन करने के लिए लाउडस्पीकर, एसएमएस अलर्ट और साइनबोर्ड का उपयोग किया जाना चाहिए।
    • चेतावनी प्रोटोकॉल: चेतावनी जारी करने की जिम्मेदारी सौंपें और स्पष्ट निकासी प्रोटोकॉल विकसित किया जाना चाहिए।
  • स्वास्थ्य देखभाल तत्परता और आपातकालीन प्रतिक्रिया
    • चिकित्सा सुविधाएँ स्टैंडबाय पर: सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उच्च जोखिम वाले स्थानों के पास एम्बुलेंस, चिकित्सा दल और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र उपलब्ध हों।
    • आपातकालीन निकासी योजना: सुरक्षा कर्मियों और स्वयंसेवकों को बुनियादी भीड़ नियंत्रण और प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
    • त्वरित प्रतिक्रिया दल: अप्रत्याशित भीड़ और चिकित्सा आपात स्थितियों का प्रबंधन करने के लिए कर्मियों को तैनात किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष:

भीड़ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जिसमें नियोजन, निगरानी, ​​संचार और आपातकालीन तैयारी शामिल होती है। अधिकारियों को भीड़ के आकार को नियंत्रित करने, उचित स्थल डिजाइन सुनिश्चित करने और भगदड़ को रोकने के लिए वास्तविक समय की निगरानी करने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न. भीड़ प्रबंधन पर NDMA दिशा-निर्देशों की मौजूदगी के बावजूद, भारत में भगदड़ की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। मौजूदा नीतियों की प्रभावशीलता का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें और भीड़ प्रबंधन को मजबूत करने के उपाय सुझाएँ।

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.