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अरब सागर में प्रतिचक्रवातीय प्रणाली

Lokesh Pal February 22, 2025 12:58 19 0

संदर्भ

अरब सागर के ऊपर एक प्रतिचक्रवातीय प्रणाली द्वारा प्रचलित उत्तर-पश्चिमी पवनों के कारण मुंबई में फरवरी का तापमान सामान्य से अधिक देखा जा रहा है।

संबंधित तथ्य

  • IMD ने कम-से-कम फरवरी के अंत तक 36o से 37o सेल्सियस के बीच दैनिक अधिकतम तापमान का पूर्वानुमान लगाया है।
  • एक बड़ी दैनिक सीमा: मुंबई में भी एक बड़ी दैनिक सीमा (24 घंटे की अवधि में उच्चतम और निम्नतम तापमान) देखी जा रही है, क्योंकि प्रतिचक्रवातीय प्रणाली के कारण दिन गर्म और रातें अपेक्षाकृत ठंडी हो रही हैं।
    • एक बड़ी दैनिक सीमा फरवरी के लिए असामान्य है और आमतौर पर मार्च में देखी जाती है।

मुंबई में सामान्य से अधिक तापमान के कारण

  • पवन की दिशा: सुबह के समय ठंडी पूर्वी पवनें चलती हैं, जिसके बाद दोपहर में पवन की दिशा बदलकर उत्तर-पश्चिमी हो जाती है, जिससे दिन के तापमान में वृद्धि होती है।
  • पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति: पश्चिमी विक्षोभ के कारण मुंबई में ठंडी उत्तरी पवनें चलती हैं, जिसके कारण आमतौर पर फरवरी में वर्षा होती है, जिससे शहर का तापमान गिर जाता है।
  • प्रतिचक्रवाती प्रणाली: शहर में प्रवाहित होने वाली उत्तर-पश्चिमी पवनें अरब सागर में पश्चिमी तट से दूर एक प्रतिचक्रवाती प्रणाली द्वारा उत्पन्न हुई थीं।
    • इस प्रकार पवनें घड़ी की सुई की दिशा में चल रही हैं, जिससे उत्तर-पश्चिमी पवनें प्रवाहित हो रही हैं।
  • समुद्री पवन को रोकना: मुंबई में आमतौर पर रात में समुद्री पवनें चलती हैं। लेकिन प्रतिचक्रवात और उसकी पवनों ने इन समुद्री पवनों के प्रवाह को रोक दिया है, जिसके परिणामस्वरूप तापमान सामान्य से अधिक है।

प्रतिचक्रवातीय प्रणाली (AntiCyclones Systems) के बारे में

  • प्रतिचक्रवात एक दाब प्रणाली है, जिसमें आस-पास के भागों की तुलना में उच्च दाब युक्त केंद्रीय क्षेत्र होता है।
  • पवन परिसंचरण: प्रतिचक्रवात में पवनें उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त दिशा में और दक्षिणी गोलार्द्ध में वामावर्त दिशा में केंद्र के चारों ओर घूमती हैं।
  • गठन: प्रतिचक्रवात तब बनते हैं, जब पवन ऊपरी क्षोभमंडल में अभिसरित होती है, जिससे सतह पर दाब का निर्माण होता है।
    • भूतल स्तर पर क्षैतिज विचलन: प्रतिचक्रवात सतह स्तर पर क्षैतिज विचलन का एक क्षेत्र है, जो रुद्धोष्म तापन के साथ पवन की नीचे की ओर गति को दर्शाता है।
  • दाब प्रवणता: उच्च दाब प्रणालियों में छोटी दाब प्रवणताएँ होती हैं (अर्थात वायु दाब तेजी से नहीं बदलता)।
  • मौसम पर प्रभाव: कम दाब प्रवणता का तात्पर्य है कि पवनें कम चलती हैं और जैसे-जैसे पवन नीचे जाती है, यह गर्म होती जाती है, जिससे गर्म और शुष्क मौसम होता है।
  • प्रतिचक्रवात कई दिनों या हफ्तों तक चलने वाले स्थिर और शांत मौसम की अवधि उत्पन्न करते हैं।
  • ‘ब्लॉकिंग हाई (Blocking Highs)’: ​​प्रतिचक्रवात झंझावातों की तुलना में बहुत बड़े होते हैं और अक्सर झंझावातों के मार्ग को अवरुद्ध करते हैं तथा उच्च दाब प्रणाली के बाहर की ओर घुमाते हैं, इसलिए इसे ‘ब्लॉकिंग हाई’ कहा जाता है।
  • उदाहरण
    • उपोष्णकटिबंधीय उच्च: ये ऐसे प्रतिचक्रवात हैं, जो उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होते हैं और स्थिर मौसम पैटर्न में योगदान करते हैं।
    • ध्रुवीय प्रतिचक्रवात: ये उच्च दाब वाली प्रणालियाँ हैं, जो ध्रुवों पर निर्मित होती हैं और ठंड के मौसम में सबसे मजबूत होती हैं।
  • प्रकार
    • शीत प्रतिचक्रवात: सतह पर तथा क्षोभमंडल की निचली परत में पवन, समीपवर्ती क्षेत्र की पवन से अधिक ठंडी होती है।
      • शीत प्रतिचक्रवात सीमित ऊर्ध्वाधर विस्तार के होते हैं; वे सर्दियों में निम्न स्तर के वायुमंडलीय परिसंचरण में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
      • इस प्रकार के प्रतिचक्रवात में पवन आसपास के वायु स्तर की तुलना में सघन होती है।
      • विशेषताएँ: बादल रहित आकाश; तापमान में गिरावट, जिससे दिन ठंडे होते हैं तथा बादलों की कमी के कारण रातें और भी अधिक ठंडी होती हैं; रात में कोहरा तथा पाला बनना।
    • गर्म प्रतिचक्रवाती: क्षोभमंडल के अधिकांश भाग की पवन आस-पास के क्षेत्र की तुलना में गर्म होती है।
      • ये उच्च दाब प्रणालियों के महासागरीय उपोष्णकटिबंधीय बेल्ट हैं, जिनकी विशेषता वायु द्रव्यमान का कम होना है।
      • विशेषताएँ: कम या बिलकुल बादल नहीं। तेज धूप से गर्मी बढ़ती है; हल्की पवनें; जमीन का ठंडा होना, जिससे सुबह कोहरा होता है तथा  भूमि से उठती गर्म नम पवनें गरज के साथ तूफान की उत्पत्ति होती है।
  • मौसम पर प्रभाव
    • प्रतिचक्रवाती पवन गर्म होकर बादलों के निर्माण को रोकती है, जिससे सूर्य की किरणें सतह तक पहुँच पाती हैं, इसलिए वे विशेष रूप से गर्मियों में हीटवेव से भी जुड़ी हो सकती हैं। 
    • प्रतिचक्रवाती पवन और कोहरा: सर्दियों में, प्रतिचक्रवाती मौसम कोहरे के निर्माण का कारण बन सकता है, क्योंकि नीचे की ओर जाने वाली पवन ठंडी हो सकती है और नमी को जमीन के पास संघनित होने दे सकती है।
  • चक्रवात और प्रतिचक्रवात के बीच अंतर

विशेषता

चक्रवात

प्रतिचक्रवात

वायुदाब यह केंद्र में एक निम्न दाब प्रणाली है और केंद्र से दूर जाने पर दाब बढ़ता है। यह केंद्र में एक उच्च दाब प्रणाली है और केंद्र से दूर जाने पर दाब कम हो जाता है।
पवन परिसंचरण पवन नीचे की ओर एकत्रित होती है और अंदर तथा ऊपर की ओर गति करती है। पवन ऊपर की ओर एकत्रित होती है और नीचे तथा बाहर की ओर चलती है।
घूर्णन दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध में वामावर्त
मौसम की स्थिति तूफानी, बादलयुक्त, वर्षा, तेज पवनें; तूफान द्वारा उदाहरणित। शांत, साफ आसमान, स्थिर मौसम; अजोरेस हाई द्वारा इसका उदाहरण दिया गया।
वैश्विक वितरण उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्र, अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर में उनकी उपस्थिति इसका उदाहरण है। उपोष्णकटिबंधीय और उच्च अक्षांश क्षेत्रों में सबसे अधिक प्रचलित है।

उदाहरण के लिए, यूरेशिया में साइबेरियाई उच्च।

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