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क्रय प्रबंधक सूचकांक

Lokesh Pal February 25, 2025 02:40 11 0

संदर्भ

भारत का समग्र रूप से प्रभावी क्रय प्रबंधक सूचकांक (Purchasing Managers’ Index-PMI) फरवरी, 2025 में बढ़कर 60.6 हो गया, जो लगातार तीन तिमाहियों की गिरावट के बाद पहली वृद्धि है। 

क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) के हालिया आँकड़े

  • इस सूचकांक में  निजी क्षेत्र की वृद्धि में तेजी दिखाई गई है।
  • सूचकांक फरवरी, 2025 में 60.6 पर पहुंँच गया, जो विगत माह 57.7 था।
  • यह वृद्धि मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र में हुई गतिविधि में तीव्र वृद्धि से प्रेरित थी।
  • विनिर्माण PMI में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन जनवरी, 2025 की तुलना में इसकी गति धीमी रही है।
    • विश्व स्तर पर तेजी से पुनःभंडारण से नये माल के निर्यात ऑर्डरों में वृद्धि हुई है।
  • हाल ही में हुए भारतीय रुपए के अवमूल्यन ने सेवा निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा दिया है।
    • इनपुट/आगत कीमतों में कमी आई है, जबकि आउटपुट/संस्करण की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे उत्पादकों के लाभ मार्जिन में सुधार हुआ है।

  • कंपनियों द्वारा ऑर्डर-टू-इन्वेंट्री अनुपात में वृद्धि के कारण रोजगार के स्तर में वृद्धि हुई है।

PMI के बारे में

  • क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) एक आर्थिक संकेतक है जो मासिक व्यावसायिक सर्वेक्षणों से प्राप्त होता है।
  • यह एक सर्वेक्षण-आधारित उपाय है जो पिछले माह की तुलना में प्रमुख व्यावसायिक चर में परिवर्तन का आकलन करता है।
  • PMI यह निर्धारित करने में मदद करता है कि क्रय प्रबंधकों द्वारा अनुभव की गई बाजार स्थितियांँ विस्तारित हो रही हैं, संकुचित हो रही हैं या स्थिर बनी हुई हैं।

PMI का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है?

  • PMI संबंधित क्षेत्र की कंपनियों के बीच किए गए सर्वेक्षणों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। 
  • इस सर्वेक्षण में पाँच प्रमुख चरों से संबंधित तथ्य-आधारित प्रश्न शामिल हैं:-
    1. नए ऑर्डर
    2. आउटपुट
    3. रोजगार
    4. आपूर्तिकर्ताओं की डिलीवरी का समय
    5. खरीदी गई वस्तुओं का स्टॉक
  • वास्तविक समय में आर्थिक रुझानों पर नजर रखने के लिए मासिक आधार पर सर्वेक्षण किए जाते हैं।

क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) के प्रकार

  • विनिर्माण PMI: यह सूचकांक उत्पादन स्तर, नए ऑर्डर, रोजगार, आपूर्तिकर्ता डिलीवरी और इन्वेंट्री को मापकर औद्योगिक और कारखाना क्षेत्रों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है। यह विनिर्माण उद्योग की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
  • सेवा PMI: यह सूचकांक वित्त, स्वास्थ्य सेवा, IT और खुदरा जैसे उद्योगों सहित सेवा क्षेत्र के भीतर विकास एवं गतिविधि का मूल्यांकन करता है। यह सेवा-उन्मुख व्यवसायों में व्यावसायिक गतिविधि, नए ऑर्डर, रोजगार और आगत लागत का आकलन करता है।
  • कंपोजिट फ्लैश PMI: यह एक संयुक्त सूचकांक है जो आर्थिक गतिविधि का समग्र खाका प्रदान करने के लिए विनिर्माण PMI और सेवा PMI दोनों को एकीकृत करता है। यह औद्योगिक और सेवा-संचालित विकास दोनों का विश्लेषण करके निजी क्षेत्र के प्रदर्शन में व्यापक रुझानों को समझने में मदद करता है।

PMI का मापन

  • 50 से अधिक PMI रीडिंग आर्थिक विस्तार का संकेत है।
  • 50 से कम PMI रीडिंग आर्थिक संकुचन का संकेत है।

भारत में PMI

  • भारत में PMI सर्वेक्षण S&P ग्लोबल (पहले IHS मार्किट द्वारा जारी) द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
  • विनिर्माण PMI 500 विनिर्माण कंपनियों के सर्वेक्षण पर आधारित है।

PMI का महत्त्व

  • प्रारंभिक आर्थिक संकेतक: PMI को आधिकारिक औद्योगिक और GDP डेटा से पूर्व  जारी किया जाता है, जो इसे एक प्रमुख अग्रणी संकेतक बनाता है। इसका उपयोग वर्तमान और भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए किया जाता है।
  • मौद्रिक नीति उपकरण: केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के रुझान का आकलन करने और उसके अनुसार ब्याज दरों को समायोजित करने के लिए PMI डेटा का उपयोग किया जाता है।
  • निवेशकों का विश्वास: PMI शेयर बाजारों, बॉन्ड बाजारों और कॉर्पोरेट आय अपेक्षाओं को प्रभावित करता है।
  • आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता: एक मजबूत PMI निवेशकों के विश्वास को बढ़ाता है और एक राष्ट्र के आर्थिक आकर्षण में सुधार करता है।

PMI की सीमाएंँ

  • अनौपचारिक क्षेत्र को शामिल न करना : PMI अनौपचारिक क्षेत्र की गतिविधि को शामिल नहीं करता है, जो कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में महत्त्वपूर्ण है।
  • सीमित दायरा: यह केवल विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है, कृषि और सरकारी खर्च को अनदेखा करता है।
  • अल्पकालिक संकेतक: PMI मासिक रुझानों को दर्शाता है और दीर्घकालिक आर्थिक विकास का सटीक रूप से प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है।
  • सर्वेक्षण-आधारित डेटा: प्रतिक्रियाएँ व्यक्तिपरक हैं और हमेशा वास्तविक व्यावसायिक स्थितियों को प्रतिबिंबित नहीं कर सकती हैं।
  • सटीक GDP सहसंबंध का न होना: PMI रुझानों को इंगित करता है लेकिन सीधे GDP आँकड़ों में परिवर्तित नहीं करता है।
  • रोजगार विवरण शामिल नहीं: हालाँकि यह रोजगार रुझानों को ट्रैक करता है परंतु यह व्यापक श्रम बाजार डेटा प्रदान नहीं करता है।

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