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Lokesh Pal
March 03, 2025 03:07
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केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) द्वारा गठित एक पैनल ने देश भर की ग्राम पंचायतों में ‘प्रधान पति’, ‘सरपंच पति’ या ‘मुखिया पति’ की प्रथा के विरुद्ध ‘अनुकरणीय दंड’ की सिफारिश की है।
पंचायती राज संस्थाओं में महिला प्रतिनिधित्व के लिए संवैधानिक प्रावधान
“प्रधान पति” संस्कृति पंचायत स्तर पर लैंगिक समानता प्राप्त करने में बाधा है। यह महिलाओं के लिए राजनीतिक आरक्षण के मूल उद्देश्य को कमजोर करती है, स्थानीय शासन को कमजोर करती है और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए कानूनी सुधार, क्षमता निर्माण और सामाजिक परिवर्तन सहित बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाएँ स्वतंत्र रूप से एवं प्रभावी ढंग से अपनी नेतृत्व भूमिका निभा सकें।
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