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सरकार की प्रमुख योजना के तहत 10,000 FPO का लक्ष्य हासिल

Lokesh Pal March 03, 2025 04:22 23 0

संदर्भ

हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के खगड़िया जिले में 10,000वें किसान उत्पादक संगठन (FPO) का शुभारंभ किया, जो “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के गठन और संवर्द्धन” के लिए केंद्रीय क्षेत्रक  योजना का हिस्सा है। 

‘10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के गठन और संवर्द्धन’ योजना 

  • सामूहिक गतिविधियों के माध्यम से कृषक समुदाय को मजबूत करने के लिए “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) का गठन और संवर्द्धन” योजना प्रारंभ की गई थी। 
  • इसका उद्देश्य बाजार पहुँच, सौदेबाजी की शक्ति और वित्तीय सहायता में सुधार करके किसानों की आय बढ़ाना है। 
  • लॉन्च: इस योजना को प्रधानमंत्री ने वर्ष 2020 में प्रस्तुत किया था। 
  • बजट: इस योजना के लिए वर्ष 2027-28 तक की अवधि को कवर करते हुए ₹6,865 करोड़ का बजट आवंटन किया गया है। 
  • उद्देश्य
    • यह छोटे और सीमांत किसानों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे उन्हें उत्पादन और विपणन में पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं से लाभ उठाने में मदद मिलती है। 
    • इसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और सतत्, लागत प्रभावी और संसाधन-कुशल कृषि सुनिश्चित करना है।

योजना के अंतर्गत पहल

  • क्रेडिट गारंटी फंड: वित्तीय संस्थानों को FPO को ऋण देने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु क्रेडिट गारंटी प्रदान करता है।
  • ONDC एकीकरण: ऑनलाइन बाजार पहुँच बढ़ाने के लिए 5,000 से अधिक FPO को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) में शामिल किया गया है।
  • CSC भागीदारी: CSC-SPV (कॉमन सर्विसेज सेंटर -स्पेशल पर्पज व्हीकल) और कृषि मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन 10,000 FPO को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाता है, जो डिजिटल सेवाएँ प्रदान करता है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करता है।

योजना के अंतर्गत उपलब्धियाँ

  • हाल ही में बिहार के खगड़िया जिले में 10,000वाँ FPO पंजीकृत किया गया। 
    • FPO मक्का, केला और धान की कृषि पर ध्यान केंद्रित करता है। 

  • वर्तमान में, लगभग 30 लाख किसान FPO से जुड़े हुए हैं, जिनमें से 40% महिलाएँ हैं। 
  • FPO ने सामूहिक रूप से कृषि क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपये का व्यापार किया है।

वित्तीय और संस्थागत सहायता

  • प्रत्येक नवगठित FPO को पाँच वर्षों के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
  • तीन वर्षों में प्रबंधन लागत के लिए ₹18 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • प्रति किसान ₹2,000 (प्रति FPO ₹15 लाख तक की सीमा) का इक्विटी अनुदान प्रदान किया जाता है।
  • संस्थागत ऋण पहुँच सुनिश्चित करने के लिए परियोजना ऋणों के लिए ₹2 करोड़ तक की ऋण गारंटी कवरेज उपलब्ध है।

किसान उत्पादक संगठनों (FPO)

  • FPO कृषक-नेतृत्व वाली संस्थाएँ हैं, जो कंपनी अधिनियम या राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं।
  • यह संस्थाएँ उत्पादन, विपणन और वित्तीय पहुँच में सामूहिक शक्ति का लाभ उठाकर छोटे और सीमांत कृषकों की मदद करती हैं।
  • कृषक उत्पादक संगठनों के पीछे की अवधारणा यह है, कि कोई भी कृषक जो कृषि उत्पादों के उत्पादन से संबंधित हैं, वे अपना समूह बना सकते हैं।
  • इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, कृषि मंत्रालय के कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा लघु कृषक कृषि व्यवसाय संघ (SFAC) को अधिकृत किया गया था।
  • SFAC संपूर्ण भारत में FPO के गठन और प्रचार का समर्थन करने के लिए उत्तरदायी है।

FPO की प्रमुख भूमिकाएँ

  • थोक दरों पर गुणवत्तापूर्ण बीज, उर्वरक और अन्य इनपुट उपलब्ध कराना।
  • किराये के आधार पर कृषि मशीनरी उपलब्ध कराना।
  • बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए सदस्यों के उत्पादों को एकत्रित करना और उनका विपणन करना।
  • भंडारण, परिवहन और मूल्य संवर्द्धन की सुविधा प्रदान करना।
  • बाजार की जानकारी और वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना।

FPO के लिए मंत्रालय स्तर का समर्थन

  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय: FPO को बीज, उर्वरक और कीटनाशक लाइसेंस प्रदान करता है और उन्हें ONDC और e-NAM जैसे प्लेटफॉर्म से जोड़ता है।
  • खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय: ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए 35% पूँजी सब्सिडी और 50% अनुदान जैसे वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करता है।
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME): FPO को फंड, इक्विटी अनुदान, क्रेडिट गारंटी और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों तक पहुँच प्रदान करता है।
  • मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय: डेयरी FPO के लिए ₹500 करोड़ आवंटित किए गए हैं और NDDB के माध्यम से 100 फोडर प्लस FPO को बढ़ावा देता है।
  • कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA): APEDA अपने पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए कोष (SFURTI) योजना के तहत निर्यात के लिए APEDA पंजीकृत FPO और MSME को सहायता प्रदान करता है, जो उद्यम स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान करता है। 
  • मसाला बोर्ड: मसाला उत्पादन और निर्यात को बढ़ाने के लिए निर्यात विकास के लिए प्रगतिशील, अभिनव और सहयोगी हस्तक्षेप (Sector through Progressive, Innovative and Collaborative Interventions for Export Development-SPICED) योजना के माध्यम से मसाला क्षेत्र में स्थिरता को लागू करता है।

FPO को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता आत्मनिर्भर कृषि, छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने और भारत के कृषि क्षेत्र में बदलाव की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम को दर्शाती है।

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