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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal March 04, 2025 05:04 22 0

औपनिवेशिक युग का नाट्य प्रदर्शन अधिनियम

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पश्चात् भी पुराने औपनिवेशिक कानूनों को लेकर चिंता व्यक्त की।

संबंधित तथ्य 

  • वह नाट्य प्रदर्शन अधिनियम, 1876 का जिक्र कर रहे थे, जिसके तहत ब्रिटिश सरकार को सार्वजनिक प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति दी गई थी, जिन्हें निंदनीय, अपमानजनक, राजद्रोही या अश्लील माना जाता था।

नाट्य प्रदर्शन अधिनियम, 1876 के बारे में

  • यह कानून ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रिंस ऑफ वेल्स, अल्बर्ट एडवर्ड (1875-76) की यात्रा के दौरान भारतीय राष्ट्रवादी भावनाओं को दबाने के लिए प्रस्तुत किया गया था।
  • इस अधिनियम ने सरकार को किसी भी नाटक, मूक अभिनय को सार्वजनिक स्थान पर प्रतिबंधित करने की शक्ति प्रदान की थी।
  • नाटकों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता था यदि उन्हें:
    • निंदनीय या अपॉमानजनक माना जाता था।
    • सरकार के विरुद्ध।
    • सार्वजनिक नैतिकता को भ्रष्ट करना।

स्वतंत्रता के पश्चात् इस कानून का क्या हुआ?

  • हालाँकि औपचारिक रूप से इसे वर्ष 2018 में निरस्त कर दिया गया, लेकिन यह कानून वर्ष 1956 से ही अमान्य है।
  • इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्ष 1956 में (राज्य बनाम बाबू लाल मामले में) निर्णय दिया कि यह कानून असंवैधानिक है क्योंकि यह वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता [अनुच्छेद 19 (2)] का उल्लंघन करता है।

इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य

हाल ही में इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य में तीन दिवसीय जीव-जंतु सर्वेक्षण से पक्षियों, तितलियों एवं ओडोनेट्स की कई नई प्रजातियों की खोज हुई है।

सर्वेक्षण की मुख्य विशेषताएँ

  • केरल वन एवं वन्यजीव विभाग के सहयोग से त्रावणकोर नेचर हिस्ट्री सोसायटी (TNHS) द्वारा आयोजित किया गया।
  • निष्कर्ष: 14 पक्षी प्रजातियों की नई पहचान की गई, जिनमें ग्रे हेरॉन, इंडियन स्पॉटेड ईगल, स्टेपी ईगल, बोनेली ईगल एवं यूरेशियन स्पैरोहॉक शामिल हैं।
    • कुल 174 पक्षी प्रजातियाँ देखी गईं, जिससे अभयारण्य में पक्षियों की संख्या बढ़कर 245 हो गई।
    • तितलियों की प्रजाति: 15 नई तितली प्रजातियाँ दर्ज की गईं, जिनमें ओरिएंटल ऑर्किड टिट, लेसर अल्बाट्रॉस, टैनी कॉस्टर एवं बंगाल ब्रॉड-टेल रॉयल शामिल हैं।
      • सर्वेक्षण में 155 तितली प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया।
    • ओडोनेट प्रजातियाँ: 8 ओडोनेट प्रजातियों की नई पहचान की गई, जैसे कि गोंफिडिया कोडागुएन्सिस, ऑर्थेट्रम ग्लौकम एवं इस्चनुरा सेनेगलेंसिस प्रमुख है।
      • अभयारण्य में ओडोनेट्स की कुल संख्या बढ़कर 73 हो गई।

इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य

  • इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य केरल के इडुक्की में थोडुपुझा एवं उडुम्बनचोला तालुकों में इडुक्की जिले में अवस्थित है।
  • यह अभयारण्य वर्ष 1976 में अस्तित्व में आया।
  • यह चेरुथोनी एवं पेरियार नदियों से घिरा हुआ है। इडुक्की जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र को शामिल करता है।
  • वन: वन प्रकारों में पश्चिमी तट पर उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन, अर्द्ध-सदाबहार वन, आर्द्र पर्णपाती वन एवं घास के मैदान शामिल हैं।
  • जंतु: अभयारण्य विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का आवास स्थल है, जिनमें शामिल हैं:-
    • स्तनधारी: हाथी, इंडियन बाइसन (गौर), साँभर हिरण, जंगली कुत्ते, जंगली बिल्लियाँ, बाघ एवं जंगली सूअर।
    • सरीसृप: कोबरा, वाइपर एवं क्रेट सहित कई साँप प्रजातियाँ।
  • वनस्पति: अभयारण्य के जंगल घने हैं एवं इनमें बहुमूल्य वृक्ष पाए जाते हैं जैसे:- 
    • सागौन, शीशम, कटहल, आबनूस, दालचीनी एवं बांस (विभिन्न प्रजातियाँ)।

नोट: जीव-जंतु सर्वेक्षण एक व्यवस्थित मूल्यांकन है, जो किसी विशिष्ट क्षेत्र में पशु प्रजातियों का दस्तावेजीकरण एवं विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। 

फायरफ्लाई ‘ब्लू घोस्ट’ चंद्र लैंडर

एक ऐतिहासिक उपलब्धि में, एक अमेरिकी कंपनी ने सफलतापूर्वक अपना अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर उतारा, जो चंद्र सतह पर पहुँचने वाला दूसरा निजी मिशन है।

ब्लू घोस्ट मिशन-1 

  • ब्लू घोस्ट मिशन 1 एक निजी लूनर मिशन है, जो 25 फरवरी, 2024 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरा।
  • इसका नेतृत्व USA स्थित फायरफ्लाई एयरोस्पेस कर रहा है।
  • यह लूनर लैंडिंग करने वाला दूसरा निजी मिशन एवं डायरेक्ट लैंडिंग करने वाला पहला मिशन है।
    • फरवरी 2024 में, इंट्यूटिव मशीन सॉफ्ट लूनर लैंडिंग करने वाली पहली निजी कंपनी बन गई।
  • यह मिशन NASA की कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लागत कम करना एवं आर्टेमिस कार्यक्रम के मानव को चंद्रमा पर वापस भेजने के लक्ष्य का समर्थन करना है।
  • इस मिशन का उद्देश्य दस वैज्ञानिक उपकरणों के साथ चंद्रमा के रहस्यों को उजागर करना है एवं भविष्य के चंद्र अन्वेषण को प्रेरित करना।

वाणिज्यिक लूनर पेलोड सेवाएँ

  • वाणिज्यिक लूनर पेलोड सेवाएँ (CLPS) एक NASA कार्यक्रम है, जिसके तहत चंद्रमा पर छोटे रोबोट लैंडर एवं रोवर भेजने के लिए कंपनियों को कार्य पर रखा जाता है।
  • CLPS का उद्देश्य निजी कंपनियों के साथ साझेदारी करके कम लागत वाले, लगातार लूनर मिशनों को सक्षम करना है, ताकि NASA के उपकरणों, प्रयोगों एवं अन्य पेलोड को चंद्रमा तक पहुँचाया जा सके।
  • इस कार्यक्रम की स्थापना वर्ष 2018 में NASA के व्यापक आर्टेमिस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में की गई थी।
  • आर्टेमिस कार्यक्रम का उद्देश्य मनुष्यों को चंद्रमा पर वापस लाना एवं एक स्थायी उपस्थिति स्थापित करना है।

फायरफ्लाई एयरोस्पेस

  • फायरफ्लाई एयरोस्पेस एक अमेरिकी निजी एयरोस्पेस कंपनी है, जो छोटे एवं मध्यम आकार के लॉन्च वाहनों, अंतरिक्ष में परिवहन तथा चंद्र लैंडर विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करती है। 
  • कंपनी का लक्ष्य वाणिज्यिक, सरकारी एवं वैज्ञानिक मिशनों के लिए अंतरिक्ष तक लागत प्रभावी तथा विश्वसनीय पहुँच प्रदान करना है। 
  • इसकी स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी एवं यह टेक्सॉस, USA में स्थित है।

जंपिंग स्पाइडर  

हाल ही में शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य से एपिडेलैक्सिया जीनस से संबंधित जंपिंग स्पाइडर की दो नई प्रजातियाँ खोजी गई हैं। 

  • प्रजातियाँ: एपिडेलैक्सिया फाल्सीफॉर्मिस sp. nov. एवं एपिडेलैक्सिया पलुस्ट्रिस sp. nov., कोल्लम के कुलथुपुझा में खोजी गई थीं। 
    • जीनस एपिडेलैक्सिया को पहली बार भारत से दर्ज किया गया है। इस जीनस को पहले श्रीलंका की  स्थानिक प्रजाति माना जाता था। 
  • संचालन: यह शोध केरल विश्वविद्यालय के प्राणी विज्ञान विभाग द्वारा किया गया है। 
  • प्रकाशन: यह शोध सहकर्मी-समीक्षित पत्रिका जूटाक्सा में प्रकाशित हुआ था। 

नई खोज के बारे में

  • यह दोनों प्रजातियाँ जंपिंग स्पाइडर का एक समूह हैं, जो श्रीलंका में स्थानिक माना जाता है। 
  • शारीरिक विशेषताएँ: मादाओं के प्रोसोमा (शरीर का अगला भाग) पर एक प्रमुख पीले रंग का त्रिकोणीय आकार का निशान होता है। 
  • नर: ई. फाल्सीफॉर्मिस प्रजाति के मकड़ियों के शरीर पर भूरे रंग का आवरण होता है, जिस पर पीले-भूरे रंग की पट्टी होती है, जबकि ई. पलुस्ट्रिस के नर के शरीर के किनारे हल्के भूरे रंग की पट्टी होती है।
  • मादा: वे अपनी आँखों के चारों ओर सफेद ऑर्बिटल सेटे (Orbital Setae) की अतिरिक्त विशेषता के साथ समान रंग प्रदर्शित करती हैं।
  • स्थानिक: इन मकड़ियों को अपने पर्यावरण के लिए अत्यधिक अनुकूलित बताया गया है, जो पश्चिमी घाट के सघन वनों  में निवास करती हैं।

ग्रहीय संरेखण (‘Planet Parades’ or ‘Planetary Alignments’)

ग्रहीय संरेखण (Planetary Alignments) एक खगोलीय घटना है, जिसमें पृथ्वी से देखने पर रात्रि के आकाश में कई ग्रह एक रेखा में दिखाई देते हैं।

संबंधित तथ्य

  • हाल ही में हुई ग्रहीय संरेखण की घटना (28 फरवरी, 2025)
    • सात ग्रह बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस एवं नेपच्यून चंद्रमा के साथ एक ही रेखा में दिखाई दिए।
    • नजदीकी ग्रहों को नग्न आँखों से देखा जा सकता था, जबकि यूरेनस एवं नेपच्यून को दूरबीन की आवश्यकता थी।
    • ऐसे संरेखण दुर्लभ है, अगला संरेखण वर्ष 2040 में होगा, जिसमें छह ग्रह शामिल होंगे।
  • आवृत्ति एवं दुर्लभता
    • प्रत्येक कुछ वर्षों में तीन या चार ग्रहों का संरेखण होता  है।
    • सात या आठ ग्रहों को शामिल करने वाले संरेखण बहुत दुर्लभ हैं।

वैज्ञानिक व्याख्या

  • ग्रह सूर्य की परिक्रमा लगभग एक ही परिधि (दीर्घवृत्ताकार परिधि) में करते हैं। 
  • जब वे अपनी कक्षाओं में घूमते हैं तो वे कभी-कभी पृथ्वी के दृष्टिकोण से पंक्तिबद्ध दिखाई देते हैं। 
  • यदि ग्रहों के कक्षीय झुकाव में अंतर अधिक होता तो ऐसे संरेखण संभव नहीं होते। 

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