जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने बंगस घाटी को इकोटूरिज्म गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए नए नियमों की घोषणा की है।
नए नियमों का कारण
पहलगाम, गुलमर्ग एवं सोनमर्ग जैसे पारंपरिक पर्यटन स्थलों में अनियोजित तथा अनियंत्रित विकास होना।
नए नियम का उद्देश्य अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की तरह अनियंत्रित निर्माण को रोकना है।
बंगस घाटी के बारे में
बंगस घाटी कुपवाड़ा जिले में स्थित है, जो श्रीनगर से लगभग 100 किलोमीटर दूर है।
घाटी पूर्व में राजवार एवं मावर, पश्चिम में शमसबरी तथा दजलुनगुन पर्वत एवं उत्तर में चौकीबल तथा करनाह गुली तक विस्तृत है।
यह हंदवाड़ा शहर के पश्चिम में स्थित है एवं पीर पंजाल श्रेणी का हिस्सा है।
यह अपने अद्भुत परिदृश्य, बर्फ से ढके पहाड़ों, हरे-भरे जंगलों एवं स्वच्छ नदियों के लिए जाना जाता है।
इसमें 10,000 फीट की ऊँचाई पर दोकटोरे के आकार की घाटियाँ हैं।
यह क्षेत्र कभी आतंकवादियों के लिए घुसपैठ का मार्ग था, लेकिन अब यह एक संभावित पर्यटन स्थल है।
अन्य LoC पर्यटन स्थलों में गुरेज, माचिल एवं केरन शामिल हैं।
लोकुट बंगस (छोटा बंगस): मुख्य घाटी के उत्तर-पूर्वी भाग में एक छोटी घाटी स्थित है।
नदियाँ: बंगस घाटी में 14 सहायक नदियों के साथ कई छोटी नदियाँ हैं, जिनमें शामिल हैं: रोशन कुल, तिलवान कुल एवं डौडा कुल।
ये धाराएँ कामिल नदी का निर्माण करती हैं, जो बाद में लोलाब नदी के साथ मिलकर पोहरू नदी बनाती है।
AI-कोष
हाल ही में केंद्र सरकार ने डेटासेट वाला एक प्लेटफॉर्म AI-कोष लॉन्च किया है।
इसे गैर-व्यक्तिगत डेटा के लिए एक पोर्टल के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल एवं टूल विकसित करने में सहायता करेगा।
AI-कोष के बारे में
इस प्लेटफॉर्म में 316 डेटासेट हैं, इनमें से अधिकांश भारतीय भाषाओं के लिए भाषा अनुवाद उपकरण का निर्माण करने में सहायता प्रदान करने वाले कार्यक्रम हैं।
समावेशन: डेटासेट में तेलंगाना की अपनी ओपन डेटा पहल से प्रस्तुतियाँ शामिल हैं, जैसे स्वास्थ्य डेटा, वर्ष 2011 की जनगणना संबंधी डेटा, भारतीय उपग्रहों द्वारा कैप्चर की गई सैटेलाइट इमेजरी, मौसम संबंधी एवं प्रदूषण डेटा आदि।
भाग: AI-कोष, IndiaAI डेटासेट प्लेटफॉर्म का हिस्सा है, जो IndiaAI मिशन का एक प्रमुख स्तंभ है।
कंप्यूट क्षमता स्तंभ के तहत, स्टार्टअप एवं शिक्षाविद ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) तक पूल किए गए एक्सेस का उपयोग करने में सक्षम होंगे, जो AI मॉडल को प्रशिक्षित करने एवं संचालित करने के लिए आवश्यक हैं।
GPU: साझा पहुँच के लिए 14,000 GPU लगाए गए हैं, जबकि वर्तमान में इनकी संख्या लगभग 10,000 है तथा तिमाही आधार पर इसमें और वृद्धि की जाएगी।
अन्य सरकारी डेटासेट पहल
फाउंडेशनल AI मॉडल: सरकार ने स्वदेशी फाउंडेशनल AI मॉडल बनाने के लिए सरकार समर्थित प्रयास पर भी अपडेट प्रदान किया।
ओपन गवर्नेंस डेटा प्लेटफ़ॉर्म (data.gov.in): यह वर्तमान में भारत भर में विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए 12,000 से अधिक डेटासेट होस्ट करता है।
डेटासेट प्रदान करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में मुख्य डेटा अधिकारियों को नामित किया गया है, जिनका उपयोग शोधकर्ताओं, कंपनियों तथा सरकार के अन्य भागों द्वारा किया जा सकता है।
गैर-व्यक्तिगत डेटा साझा करने के लिए समिति, 2018: इसका नेतृत्व इन्फोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन ने किया था, जो फर्मों द्वारा स्टार्टअप्स एवं सरकार को गैर-व्यक्तिगत डेटा तक पहुँच प्रदान करने की संभावना पर सविचार कर रही थी ताकि नए प्रवेशकों की मदद की जा सके तथा सरकारी नीति में सहायता की जा सके।
MSMEs के लिए नया ऋण मूल्यांकन मॉडल
केंद्रीय वित्त मंत्री ने विशाखापत्तनम में MSMEs के लिए एक नया क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल लॉन्च किया।
इसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई थी, यह मॉडल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) को बाह्य मूल्यांकन पर निर्भर रहने के बजाय इन-हाउस क्रेडिट मूल्यांकन क्षमताओं को विकसित करने में सक्षम बनाता है।
यह मॉडल MSME ऋण मूल्यांकन को स्वचालित करने के लिए डिजिटल रूप से प्राप्त एवं सत्यापन योग्य डेटा का लाभ उठाता है।
यह डेटा-संचालित ऋण निर्णय लेने के लिए PAN प्रमाणीकरण, GST डेटा, बैंक स्टेटमेंट विश्लेषण, आयकर रिटर्न (ITR), धोखाधड़ी जाँच एवं क्रेडिट ब्यूरो रिपोर्ट सहित डिजिटल फुटप्रिंट का उपयोग करेगा।
MSMEs के लिए मुख्य लाभ
कहीं से भी ऑनलाइन आवेदन जमा करना, कागजी कार्रवाई एवं शाखा में जाने की आवश्यकता को कम करना।
एक सहज, ‘एंड-टू-एंड’ डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से तुरंत सैद्धांतिक ऋण स्वीकृति।
केवल परिसंपत्तियों या टर्नओवर के बजाय लेन-देन व्यवहार एवं क्रेडिट इतिहास के आधार पर वस्तुनिष्ठ ऋण निर्णय।
कम टर्नअराउंड समय (Turnaround Time-TAT) के साथ तीव्र ऋण स्वीकृति।
सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) के तहत शामिल किए गए ऋणों के लिए किसी भौतिक संपार्श्विक की आवश्यकता नहीं है।
‘फेटिग्यु रेसिस्टेंट मल्टी-प्रिंसिपल एलिमेंट एलाय (MPEAs) विकसित किए गए
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बंगलूरू के शोधकर्ताओं ने ‘फेटिग्यु रेसिस्टेंट मल्टी-प्रिंसिपल एलिमेंट एलाय’(MPEAs) के डिजाइन में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है।
इस शोध को भारत सरकार के तहत एक सांविधिक निकाय, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन द्वारा समर्थित किया गया था।
MPEA क्या है?
MPEAs एक या दो के बजाय कई प्रमुख तत्त्वों द्वारा निर्मित सामग्रियों का एक नया वर्ग है।
इनमें उच्च शक्ति, संक्षारण प्रतिरोध एवं असाधारण तापीय स्थिरता होती है।
परंपरागत रूप से, यह माना जाता है कि संरचनागत संशोधनों या भंगुर चरणों को जोड़ने के माध्यम से ‘फेटिग्यु’ आधारित जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
‘फेटिग्यु’ जीवन चक्रों की कुल संख्या को संदर्भित करता है, जो एक सामग्री बार-बार चक्रीय लोडिंग के कारण विफल होने से पहले हो सकती है। यह सामग्री डिजाइन करने में एक महत्त्वपूर्ण कारक है।
MPEA के अनुप्रयोग
एयरोस्पेस एवं रक्षा: चरम स्थितियों के लिए उच्च प्रदर्शन संरचनात्मक सामग्री।
परमाणु एवं ऊर्जा क्षेत्र: विकिरण प्रतिरोधी एवं उच्च तापमान प्रतिरोधी घटक।
बायोमेडिकल इम्प्लांट: चिकित्सा उपयोग के लिए जंग-प्रतिरोधी एवं जैव-संगत मिश्रधातु।
ऑटोमोबाइल एवं समुद्री: हल्के, उच्च-शक्ति घटकों के लिए मजबूत।
बारबाडोस का मानद ‘ऑर्डर ऑफ फ्रीडम’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बारबाडोस के प्रतिष्ठित मानद ‘ऑर्डर ऑफ फ्रीडम’ से सम्मानित किया गया है।
संबंधित तथ्य
यह पुरस्कार PM मोदी के रणनीतिक नेतृत्व एवं COVID-19 महामारी के दौरान उनके महत्त्वपूर्ण योगदान को मान्यता देता है।
बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया अमोर मोटली ने 20 नवंबर, 2024 को गुयाना में PM मोदी के साथ बैठक के दौरान पुरस्कार प्रदान करने के निर्णय की घोषणा की थी।
बारबाडोस के मानद ‘ऑर्डर ऑफ फ्रीडम’ के बारे में
बारबाडोस का मानद ‘ऑर्डर ऑफ फ्रीडम’ बारबाडोस सरकार द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक है।
यह उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने राष्ट्र, कैरिबियन क्षेत्र या वैश्विक समुदाय के लिए असाधारण योगदान दिया है।
यह पुरस्कार बारबाडोस के मूल्यों एवं आकांक्षाओं के साथ संरेखित उत्कृष्ट नेतृत्व, सेवा तथा प्रयासों को मान्यता देता है।
बारबाडोस के बारे में
बारबाडोस उत्तरी अमेरिका के कैरेबियन क्षेत्र में स्थित एक द्वीपीय राष्ट्र है।
बारबाडोस की राजधानी ब्रिजटाउन है, जो सबसे बड़ा शहर एवं UNESCO का विश्व धरोहर स्थल भी है।
बारबाडोस को वर्ष 1966 में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता प्राप्त हुई एवं वह राष्ट्रमंडल का सदस्य बना हुआ है।
सहकारी चीनी मिलों को बहु-फीडस्टॉक एथेनॉल संयंत्रों में परिवर्तित करने की योजना
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने सहकारी चीनी मिलों (CSMs) को समर्थन देने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिससे उन्हें अपने मौजूदा गन्ना आधारित एथेनॉल संयंत्रों को मल्टी-फीडस्टॉक इकाइयों में बदलने में सक्षम बनाया जा सके।
योजना के मुख्य उद्देश्य
वर्ष भर एथेनॉल उत्पादन: गन्ने की पेराई वार्षिक रूप से 4-5 महीने तक सीमित है, जिससे परिचालन दक्षता कम हो जाती है।
रूपांतरण CSMs को ‘ऑफ-सीजन’ के दौरान मक्का एवं क्षतिग्रस्त खाद्यान्न (Damaged Food Grains- DFG) जैसे वैकल्पिक फीडस्टॉक का उपयोग करने की अनुमति देता है, जिससे निरंतर संचालन सुनिश्चित होता है।
वित्तीय व्यवहार्यता में वृद्धि: मल्टी-फीडस्टॉक संयंत्र चीनी मिलों की दक्षता एवं उत्पादकता में सुधार करेंगे, जिससे CSMs के लिए बेहतर वित्तीय परिणाम सामने आएँगे।
एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के लिए समर्थन: यह पहल वर्ष 2025 तक पेट्रोल के साथ 20% एथेनॉल मिश्रण प्राप्त करने के भारत के लक्ष्य के अनुरूप है।
योजना के तहत वित्तीय सहायता
ब्याज छूट: सरकार 6% प्रतिवर्ष या बैंकों/वित्तीय संस्थानों द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर का 50%, जो भी कम हो, ब्याज छूट प्रदान करेगी।
यह सहायता पाँच वर्षों के लिए उपलब्ध होगी, जिसमें एक वर्ष की छूट भी शामिल है।
ऋण सुविधा: रूपांतरण के लिए बैंकों/वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए गए ऋण ब्याज छूट के लिए पात्र होंगे।
मल्टी-फीडस्टॉक एथेनॉल इकाइयाँ
मल्टी-फीडस्टॉक एथेनॉल इकाइयाँ ऐसी सुविधाएँ हैं, जो कई प्रकार के कच्चे माल से एथेनॉल का उत्पादन करने में सक्षम हैं, पारंपरिक एथेनॉल संयंत्रों के विपरीत जो एक ही फीडस्टॉक (जैसे, गन्ना) पर निर्भर करते हैं।
ये इकाइयाँ एथेनॉल उत्पादन में लचीलापन, दक्षता एवं स्थिरता बढ़ाती हैं।
आइसबर्गA23a
आइसबर्ग, A23a, दक्षिण जॉर्जिया द्वीप से लगभग 70 किमी. दूर फँस गया है।
A23a आइसबर्ग के बारे में
यह विश्व का सबसे बड़ा आइसबर्ग है।
यह आइसबर्ग वर्ष 1986 में अंटार्कटिक शेल्फ से अलग हुआ था एवं 30 से अधिक वर्षों तक रहा।
यह वर्ष 1986 में ‘फिल्चनर आइस शेल्फ’ (अंटार्कटिका) से टूट गया एवं वेडेल सागर में अटका रहा, वर्ष 2020 में उत्तर की ओर प्रवाहित होना शुरू हुआ तथा तब से इसकी निगरानी रखी जा रही है।
दक्षिण जॉर्जिया द्वीप
यह द्वीप दक्षिण अटलांटिक महासागर में स्थित है।
यह दक्षिण जॉर्जिया एवं दक्षिण सैंडविच द्वीप समूह के ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र का हिस्सा है।
इसका अत्यधिक भू-भाग पर्वतीय क्षेत्र है।
सबसे ऊँची चोटी: माउंट पैगेट
यहाँ कोई स्थायी मानव आवासित क्षेत्र नहीं है।
इसे अंटार्कटिक ओएसिस या “पोल का गैलापागोस” के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यहाँ पेंगुइन एवं सील की संख्या बहुत अधिक है।
लोकतंत्र से ‘इमोक्रेसी’ की ओर बदलाव
भारतीय उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र से ‘इमोक्रेसी’ की ओर बदलाव पर राष्ट्रीय बहस की आवश्यकता पर बल दिया।
इमोक्रेसी क्या है?
इमोक्रेसी एक ऐसा शब्द है, जिसका उपयोग शासन में परिवर्तन का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जहाँ भावनाएँ नीतियों, बहसों एवं जनमत को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।
लोकतंत्र के विपरीत, जो तर्कसंगत निर्णय लेने एवं संवैधानिक सिद्धांतों पर आधारित है, इमोक्रेसी भावनात्मक अपील पर आधारित है, जो अक्सर लोकलुभावनवाद तथा आवेगपूर्ण नीति विकल्पों की ओर ले जाती है।
इमोक्रेसी का प्रभाव
भावनाएँ तर्कसंगतता पर हावी हो जाती हैं
राजनीतिक निर्णय तर्क एवं तथ्यों के बजाय भावनाओं से अधिक प्रभावित होते हैं।
नेता जनता का समर्थन पाने के लिए भावनात्मक बयानबाजी का उपयोग करते हैं,।
सार्वजनिक भावनाओं का हेर-फेर
राजनेता एवं मीडिया प्रायः भाषणों को आकार देने के लिए भय, क्रोध तथा आशा जैसी भावनाओं का उपयोग करते हैं।
भावनात्मक राजनीति जनता को गुमराह कर सकती है, जिससे वे हेर-फेर के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
सामाजिक आदान-प्रदान में कमी
डिजिटल युग ने आपसी संपर्क को कम कर दिया है, जिससे विविध दृष्टिकोणों तक पहुँच सीमित हो गई है।
सोशल मीडिया पर एल्गोरिदम मौजूदा पूर्वाग्रहों को मजबूत करते हैं, इको चैंबर बनाते हैं।
माउंट एरेबस
वैज्ञानिकों ने माउंट एरेबस की ‘आइस केव्स’ (Ice Caves) में पनपते सूक्ष्मजीवों की खोज की है, जो चरम वातावरण में जीवित रहने की हमारी समझ को नया आकार देता है।
अवस्थिति: माउंट एरेबस पृथ्वी पर सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है, जो रॉस सागर में अंटार्कटिका के तट से दूर रॉस द्वीप पर 12,448 फीट (3,794 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है।
माउंट एरेबस के बारे में: यह एक हिमाच्छादित ‘इंट्राप्लेट स्ट्रेटोवोलकैनो’ है, जो प्रशांत महासागर बेसिन में रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है।
भौगोलिक विशेषताएँ
यह माउंट सिडली के बाद अंटार्कटिका में दूसरा सबसे ऊँचा ज्वालामुखी है।
स्थायी लावा झील एवं ‘आइस केव्स’: इसमें एक स्थायी लावा झील एवं भू-तापीय ऊर्जा से निर्मित ‘आइस केव्स’ का एक जटिल नेटवर्क है।
यह भू-तापीय ऊर्जा आसपास की चट्टान को गर्म करती है एवं हिम को पिघलाती है, जिससे सतह के नीचे गर्म ‘आइस केव्स’ निर्मित होती हैं।
सक्रिय लावा झील: विश्व के कुछ ज्वालामुखियों में से एक जिसमें सक्रिय लावा झील है।
क्षारीय लावा संरचना: लावा क्षारीय संरचना वाला होता है, जो सामान्यतः ज्वालामुखियों में पाया जाता है।
भूमिगत आवास में अत्यधिक तापमान परिवर्तन: अंटार्कटिक सर्दियों में -100°F (-73°C) के बावजूद ‘आइस केव्स’ 77°F (25°C) तक पहुँच जाती हैं।
आइस फ्यूमरोल्स: सतही छिद्रों से निकलने वाली गैसों के आसपास बनने वाली ‘आइस केव्स’।
खोज एवं नामकरण
ब्रिटिश खोजकर्ता सर जेम्स क्लार्क रॉस द्वारा वर्ष 1841 में खोजा गया।
अपने जहाज, HMS एरेबस के नाम पर रखा गया।
ज्वालामुखी गतिविधियाँ: वर्ष 1972 से स्ट्रोंबोलियन विस्फोटों के साथ लगातार सक्रिय।
मानव उपस्थिति: मैकमुर्डो स्टेशन, सबसे बड़ी अंटार्कटिक बस्ती, लगभग 40 किमी. (25 मील) दूर है।
पूर्ण अंधकार में निर्मित माइक्रोबियल जीवन
सूर्य के प्रकाश से स्वतंत्र पारिस्थितिकी तंत्र: सूक्ष्मजीव प्रकाश संश्लेषण के बिना पनपते हैं, सूक्ष्मजीव रसायन संश्लेषण का उपयोग करते हैं।
अद्वितीय एवं अज्ञात प्रजातियाँ: कुछ सूक्ष्मजीवों के कई DNA अनुक्रम अज्ञात हैं।
NASA की रुचि
NASA की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (Jet Propulsion Laboratory- JPL) रोबोटिक अन्वेषण प्रौद्योगिकियों के लिए परीक्षण स्थल के रूप में एरेबस पर स्थित ‘आइस केव्स’ का उपयोग कर रही है।
बाह्यग्रहीय जीवन के निहितार्थ: एरेबस की ‘आइस केव्स’ यूरोपा (बृहस्पति का चंद्रमा) एवं एनसेलडस (शनि का चंद्रमा) की स्थितियों से मिलती-जुलती हैं, जहाँ बर्फीली परतों के नीचे जीवन मौजूद हो सकता है।
संबंधित अवधारणाएँ
स्ट्रैटोवोलकैनो: एक स्ट्रेटोवोलकैनो या मिश्रित ज्वालामुखी एक बड़ा, खड़ी-किनारे वाला ज्वालामुखी होता है, जिसमें कठोर लावा, तेफ्रा, प्यूमिस एवं ज्वालामुखीय राख की कई परतें होती हैं।
क्षारीय लावा: क्षारीय लावा में क्षार धातुओं (जैसे सोडियम एवं पोटेशियम) की उच्च सांद्रता होती है एवं यह अन्य लावा प्रकारों की तुलना में कम सिलिका युक्त होता है।
यह आमतौर पर रिफ्ट ज्वालामुखियों से जुड़ा होता है, जो ‘सबडक्शन’ के बजाय पृथ्वी की भूपर्पटी के खिंचाव एवं पतले होने के कारण बनते हैं।
रसायन संश्लेषण: एक जैविक प्रक्रिया है, जिसमें जीव सूर्य के प्रकाश पर निर्भर रहने के बजाय अकार्बनिक यौगिकों (जैसे हाइड्रोजन एवं कार्बन मोनोऑक्साइड) का ऑक्सीकरण करके ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
स्ट्रोंबोलियन विस्फोट: मैग्मा में गैस के बुलबुले के कारण होने वाले नियमित विस्फोटों के साथ एक ज्वालामुखी विस्फोट, पिघली हुई चट्टान (ज्वालामुखी बम) को बाहर निकालता है, जो जमीन पर गिरने से पहले ही ठोस हो जाती हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
शिक्षा मंत्रालय ने 8 मार्च 2025 को शास्त्री भवन, नई दिल्ली में अपने परिसर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा मंत्रालय में महिलाओं के योगदान को पहचानना एवं एक संवादात्मक सत्र के माध्यम से उनके कल्याण को बढ़ावा देना था।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
8 मार्च को प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) के रूप में मनाया जाता है।
वर्ष 2025 अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम: ‘कार्रवाई में तेजी’ (Accelerate Action)
संयुक्त राष्ट्र थीम 2025: “सभी महिलाओं एवं लड़कियों के लिए: अधिकार, समानता, सशक्तीकरण।”
प्रथम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : यह 19 मार्च, 1911 को आयोजित किया गया था, जिसमें 1 मिलियन से अधिक लोगों ने महिलाओं के काम करने, वोट देने एवं कार्यालय चलाने के समान अधिकारों की माँग करके इसे चिह्नित किया था।
उत्पत्ति: इसकी उत्पत्ति यूरोपीय एवं उत्तरी अमेरिकी श्रमिक आंदोलनों से जुड़ी हुई है, जो 20वीं सदी के अंत में प्रारंभ हुए थे।
संयुक्त राष्ट्र की मान्यता: संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1975 में इस अवकाश को आधिकारिक रूप से मान्यता दी।
अब 25 से अधिक देश आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मान्यता देते हैं।
Latest Comments