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भारत-मॉरीशस संबंध

Lokesh Pal March 15, 2025 11:17 129 0

संदर्भ

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर मॉरीशस गए हैं, जो वर्ष 2015 के बाद से इस द्वीपीय राष्ट्र की उनकी दूसरी यात्रा है।

प्रधानमंत्री की हालिया यात्रा की मुख्य विशेषताएँ

  • पुरस्कार प्रदान किया गया: प्रधानमंत्री को मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन से सम्मानित किया गया।
    • वे यह पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय और पाँचवें विदेशी नागरिक हैं।
  • द्विपक्षीय चर्चा: प्रधानमंत्री ने मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल और प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम से मुलाकात की।
    • विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।
    • सागर (SAGAR) अर्थात् ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ विजन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध: प्रधानमंत्री ने मॉरीशस को ‘मिनी इंडिया’ और ‘भारत और ग्लोबल साउथ के बीच सेतु’ बताया तथा साझा इतिहास, विरासत और लोगों के बीच संबंधों पर प्रकाश डाला।

मॉरीशस के बारे में

  • मॉरीशस एक द्वीपीय देश है, जो अफ्रीका के पूर्वी तट से दूर, मस्कारेने (Mascarene) द्वीपसमूह का हिस्सा है। 
  • राजधानी: पोर्ट लुइस

 

  • क्षेत्रफल: 2,040 वर्ग किमी.
  • जनसंख्या: 1.2 मिलियन
  • भाषाएँ: मॉरीशस क्रियोल, भोजपुरी, फ्रेंच, अंग्रेजी
  • मॉरीशस वर्ष 1968 में स्वतंत्र हुआ।

  • सामरिक एवं सुरक्षा सहयोग
    • प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि ग्लोबल साउथ के लिए भारत का नया दृष्टिकोण, जिसे ‘महासागर’ (MAHASAGAR) या ‘क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति’  (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) कहा जाता है, विकास एवं सुरक्षा स्थापित करेगा। 
      • इसमें विकास के लिए व्यापार, सतत्् विकास के लिए क्षमता निर्माण और साझा भविष्य के लिए पारस्परिक सुरक्षा के विचार शामिल होंगे। 
      • इसके तहत प्रौद्योगिकी साझाकरण, रियायती ऋण और अनुदान के माध्यम से सहयोग बढ़ाया जाएगा।
    • भारत-मॉरीशस साझेदारी को ‘संवर्द्धित रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
  • आर्थिक सहयोग: मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने निर्माण, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भारतीय निवेश की माँग की।
    • नौकरशाही को कम करने तथा वाणिज्यिक विवादों के लिए मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने के लिए आर्थिक सुधारों का प्रस्ताव रखा गया।
    • दोहरे कराधान अपवंचन अभिसमय (Double Taxation Avoidance Convention-DTAC) तथा व्यापक आर्थिक सहयोग एवं भागीदारी समझौते (CECPA) में संशोधनों पर चर्चा की गई।
    • भारत मॉरीशस के अनन्य आर्थिक क्षेत्र को समर्थन देना जारी रखेगा तथा देश में सामुदायिक विकास कार्य के दूसरे चरण में 500 मिलियन मॉरीशस रुपये की परियोजनाएँ जोड़ेगा।
  • प्रवासी भारतीयों के साथ संपर्क: प्रधानमंत्री ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम, उनकी पत्नी और राष्ट्रपति गोखूल के लिए ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड की घोषणा की।

दोहरा कराधान अपवंचन अभिसमय (Double Taxation Avoidance Convention- DTAC)

  • इसे दोहरा कराधान अपवंचन समझौता (DTAA) या कर संधि के रूप में भी जाना जाता है, यह दो या दो से अधिक देशों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जो एक ही आय पर दो बार कर लगने से रोकने के लिए बनाया गया है, जो सीमा पार काम करने वाले व्यक्तियों या व्यवसायों के लिए एक सामान्य मुद्दा है।
  • उद्देश्य: दोहरे कराधान को समाप्त करना या कम करना, सीमा पार व्यापार को बढ़ावा देना, तथा कर देयताओं के संबंध में स्पष्टता और निश्चितता प्रदान करके आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना।

    • भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने मॉरीशस को सिर्फ साझेदार नहीं बल्कि एक परिवार बताया।
  • बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ: सिविल सेवा कॉलेज भवन और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र सहित भारत द्वारा वित्तपोषित 20 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
    • मॉरीशस में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नई बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की घोषणा की।
    • भारत मॉरीशस में एक नया संसद भवन बनाने में सहयोग करेगा।
    • “अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा और नवाचार संस्थान” का उद्घाटन किया और इसे मॉरीशस को सौंप दिया।

गिरमिटिया या गिरमिटिया मजदूर

  • गिरमिटिया या गिरमिटिया मजदूर उन भारतीयों को दिया गया नाम है जो 19वीं सदी के मध्य और अंत में भारत छोड़कर ब्रिटिश उपनिवेशों में मजदूर के रूप में कार्य करने चले गए थे, जहाँ अधिकांश लोग अंततः बस गए। 
  • गिरमिट अंग्रेजी शब्द एग्रीमेंट का भ्रंश रूप है। एग्रीमेंट या गिरमिट के तहत प्रवास करने वाला मजदूर गिरमिटिया कहलाता था।

  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान: प्रधानमंत्री मोदी ने गीत गावई (भोजपुरी सांस्कृतिक प्रदर्शन) जैसे पारंपरिक समारोहों में भाग लिया और सर शिवसागर रामगुलाम बॉटनिकल गार्डन में पौधरोपण किया।
    • सर शिवसागर रामगुलाम (मॉरीशस के संस्थापक पिता) और अनिरुद्ध जगन्नाथ (पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री) की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
    • अगले पाँच वर्षों में मॉरीशस के 500 सिविल सेवकों को भारत में प्रशिक्षण मिलेगा।
    • गिरमिटिया विरासत का संरक्षण एवं संवर्द्धन।
  • उपहारों का आदान-प्रदान: प्रधानमंत्री ने मॉरीशस के राष्ट्रपति और प्रथम महिला को महाकुंभ से गंगाजल, मखाना (बिहारी सुपरफूड) और सादेली बॉक्स में बनारसी साड़ी भेंट की।
  • नौसेना सहयोग: भारतीय नौसेना जहाज INS इंफाल ने मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लिया।
    • प्रशिक्षण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामुदायिक आउटरीच गतिविधियों का आयोजन किया।
  • राष्ट्रीय दिवस समारोह: प्रधानमंत्री ने 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और मॉरीशस की प्रगति तथा समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

सागर विजन (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के बारे में

  • सागर हिंद महासागर के लिए भारत की रणनीतिक दृष्टि है, जिसे वर्ष 2015 में अनावरण किया गया था, जिसका उद्देश्य समुद्री पड़ोसियों के साथ आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करना है।
  • इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से पड़ोसी देशों को उनकी समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को विकसित करने में मदद करना है।
  • उद्देश्य
    • विश्वास और खुलेपन की प्रक्रिया को बढ़ावा देना।
    • एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील होना।
    • सतत्् क्षेत्रीय विकास को प्राप्त करने के लिए समुद्री सहयोग को बेहतर बनाने के लिए कार्य करना।
    • समुद्री डकैती, आतंकवाद और नई उभरती गैर-राज्य संस्थाओं जैसी समुद्री चिंताओं से निपटने के लिए समूह कार्रवाई को प्रोत्साहित करना।
    • भूमि और समुद्र पर हितों और क्षेत्रों की रक्षा करने की क्षमताओं को बढ़ाना।
    • तटीय क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ाना।

भारत-मॉरीशस संबंध

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध

  • भारतीय प्रवासी: मॉरीशस की लगभग 70% आबादी (1.2 मिलियन) भारतीय मूल की है।
  • औपनिवेशिक इतिहास
    • मॉरीशस एक पूर्व ब्रिटिश और फ्राँसीसी उपनिवेश है, जिसने वर्ष 1968 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी।
    • फ्राँसीसी शासन (1729): पुडुचेरी से कारीगरों और राजमिस्त्री के रूप में लाए गए पहले भारतीय।
    • ब्रिटिश शासन (1834-1900): 5,00,000 से अधिक भारतीय अनुबंधित श्रमिक आए; दो-तिहाई स्थायी रूप से बस गए।
    • अप्रवासी दिवस: 1834 ईसवी में पहले भारतीय श्रमिकों के आगमन को चिह्नित करने के लिए 2 नवंबर को मनाया जाता है।
  • गांधी का प्रभाव: वर्ष 1901 में महात्मा गांधी की यात्रा ने शिक्षा, राजनीतिक सशक्तीकरण और भारत के साथ संबंधों पर जोर दिया।
    • मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस (12 मार्च) गांधी के दांडी मार्च के साथ मेल खाता है।
  • सांस्कृतिक संस्थान
    • महात्मा गांधी संस्थान (MGI): भारतीय संस्कृति और भाषाओं को बढ़ावा देता है।
    • विश्व हिंदी सचिवालय: विश्व स्तर पर हिंदी को बढ़ावा देता है।
    • इंदिरा गांधी भारतीय संस्कृति केंद्र (IGCIC): विदेश में सबसे बड़ा भारतीय सांस्कृतिक केंद्र।

राजनयिक संबंध

  • दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध वर्ष 1948 में स्थापित हुए थे।
  • उच्च स्तरीय राजनीतिक जुड़ाव और आपसी विश्वास इस रिश्ते की विशेषता है।
  • प्रथम प्रतिक्रिया: भारत ने संकट के दौरान मॉरीशस का लगातार समर्थन किया है:
    • कोविड-19 महामारी: दवाइयाँ, टीके और चिकित्सा दल उपलब्ध कराए गए।
    • वाकाशियो तेल रिसाव (2020): तकनीकी उपकरण और बचाव सहायता उपलब्ध कराई गई।
    • चक्रवात चिडो (2024): आपदा राहत के लिए अगालेगा सुविधाओं का उपयोग किया गया।

आर्थिक और व्यापारिक संबंध

  • व्यापार वृद्धि: द्विपक्षीय व्यापार 206.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर (वर्ष 2005-06) से बढ़कर 851.13 मिलियन अमेरिकी डॉलर (वर्ष 2023-24) हो गया।
    • भारतीय निर्यात: पेट्रोलियम उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, अनाज और वस्त्र।
    • मॉरीशस निर्यात: वेनिला, चिकित्सा उपकरण और परिष्कृत ताँबा।
  • CECPA: वर्ष 2021 में हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौता (अफ्रीकी देश के साथ भारत का पहला समझौता)।
  • भारतीय सार्वजनिक उपक्रम: मॉरीशस में 11 भारतीय सार्वजनिक उपक्रम संचालित हैं, जिनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, LIC और भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)
    • सिंगापुर के बाद मॉरीशस भारत का दूसरा सबसे बड़ा FDI स्रोत (2023-24 में 7.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर) था।
    • मॉरीशस से भारत में संचयी FDI (वर्ष 2000 से): भारत में 175 बिलियन अमेरिकी डॉलर का FDI, जो भारत के कुल FDI प्रवाह का 25% है।​
    • DTAC संशोधन (2016) के बाद FDI में गिरावट आई है।

विकास सहायता

  • मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना: सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए भारत द्वारा वित्तपोषित।
  • सामाजिक आवास परियोजना: कम आय वाले परिवारों के लिए किफायती आवास।
  • अगालेगा द्वीप विकास: भारत ने समुद्री सुरक्षा और आपदा प्रतिक्रिया के लिए एक हवाई पट्टी और जेटी को वित्तपोषित किया।
  • सामुदायिक परियोजनाएँ: वर्ष 2022 में 96 छोटी परियोजनाएँ शुरू की गईं; वर्ष 2024 तक 50 पूरी हो जाएँगी।

रक्षा एवं समुद्री सहयोग

सामरिक एवं रक्षा सहयोग

  • मॉरीशस भारत का “पश्चिमी हिंद महासागर का प्रहरी” है।
  • समुद्री सुरक्षा समझौते
    • व्हाइट-शिपिंग सूचना साझा करना (2025): सुरक्षित व्यापार मार्गों के लिए वास्तविक समय डेटा-साझाकरण को बढ़ाता है।
    • भारत के सूचना संलयन केंद्र (IFC-IOR, गुरुग्राम) तक पहुँच।
  • अगालेगा द्वीप विकास (2024)
    • हवाई पट्टी और जेटी परियोजनाएँ, मॉरीशस रक्षा बलों को बढ़ावा देंगी।
    • आधिकारिक तौर पर बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए, सैन्य उपयोग के लिए नहीं।
  • रक्षा उपकरण और प्रशिक्षण
    • भारत रक्षा उपकरण और गश्ती नौकाओं की आपूर्ति करता है।
    • INS सर्वेक्षक ने हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पूरा किया (2024)।
  • आपदा प्रतिक्रिया: भारत ने चक्रवात चिडो (2024) के दौरान अगालेगा सुविधाओं का उपयोग किया।
  • कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन: मॉरीशस क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा के लिए भारत, श्रीलंका और मालदीव के साथ सहयोग करता है।

अंतरिक्ष सहयोग

  • टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलीकमांड (TTC) स्टेशन: टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलीकमांड स्टेशन की स्थापना वर्ष 1986 में की गई।
  • संयुक्त उपग्रह परियोजना: इसरो और मॉरीशस रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल (MRIC) के बीच वर्ष 2023 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध

  • भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम: मॉरीशस इसका प्रमुख लाभार्थी है, जिसने वर्ष 2007-08 से अब तक 4,868 से अधिक मॉरीशसवासियों को प्रशिक्षित किया है।
  • छात्रवृत्ति: आईसीसीआर छात्रवृत्ति और मॉरीशस के छात्रों के लिए ई-विद्या भारती आरोग्य भारती (E-VBAB) दूरस्थ शिक्षा परियोजना।
  • पर्यटन: कोविड-19 महामारी से पूर्व, 80,000 भारतीय पर्यटक सालाना मॉरीशस आते थे; 30,000 मॉरीशसवासी भारत आते थे।
  • सिविल सेवा कॉलेज (2025): मॉरीशस सरकार के प्रशिक्षण के लिए भारत द्वारा वित्तपोषित किया गया।

प्रवासी और OCI कार्ड

  • मॉरीशस में वर्तमान में लगभग 17,403 भारतीय नागरिक और 11,600 OCI कार्ड धारक हैं।
  • विदेशी भारतीय नागरिक (OCI) कार्ड (2025)
    • मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और उनकी पत्नी को जारी किया गया।
    • भारतीय मूल के मॉरीशसवासियों की 7वीं पीढ़ी तक विस्तारित किया गया।
  • वर्ष 2004 से मॉरीशस में भारतीयों के लिए वीजा-मुक्त व्यवस्था है।

मॉरीशस भारत के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • रणनीतिक समुद्री साझेदार
    • मॉरीशस ‘पश्चिमी हिंद महासागर का प्रहरी’ है, जो भारत के SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण के लिए महत्त्वपूर्ण है।
    • भारत ने अगालेगा द्वीप पर नौसैनिक बुनियादी ढाँचा विकसित किया है और समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए रडार नेटवर्क स्थापित किए हैं।
    • चागोस द्वीपसमूह: भारत चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस के संप्रभुता के दावे का समर्थन करता है, जो ब्रिटेन के साथ विवादित है।
  • हिंद महासागर में भू-राजनीतिक महत्त्व
    • क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करता है।
    • भारत ने मॉरीशस को वास्तविक समय के सुरक्षा अपडेट के लिए सूचना संलयन केंद्र – भारतीय महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) तक पहुँचने में मदद की है।
    • मॉरीशस में भारत की बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ, जैसे कि मेट्रो एक्सप्रेस और अगालेगा द्वीपीय विकास, चीन की स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स रणनीति को संतुलित करने में मदद करती हैं।
    • मॉरीशस की द्विभाषी आबादी (अंग्रेजी और फ्रेंच) इसे फ्रैंकोफोन अफ्रीका के साथ भारत के जुड़ाव का प्रवेश द्वार बनाती है।
  • प्रवासी और सांस्कृतिक संबंध: मॉरीशस की लगभग 70% आबादी भारतीय मूल की है, जिससे लोगों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंध स्थापित होते हैं।
  • पर्यटन: कोविड-19 महामारी से पहले, 80,000 भारतीय पर्यटक सालाना मॉरीशस आते थे, और 30,000 मॉरीशसवासी भारत आते थे।

भारत-मॉरीशस संबंधों में चुनौतियाँ

  • मॉरीशस से आने वाले FDI में गिरावट
    • DTAA संशोधनों का प्रभाव: दोहरे कराधान से बचाव समझौते (DTAA) में वर्ष 2016 में किए गए संशोधन ने भारत के लिए FDI मार्ग के रूप में मॉरीशस के आकर्षण को कम कर दिया है।
      • मॉरीशस से FDI प्रवाह 15.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर (वर्ष 2016-17) से घटकर 6.13 बिलियन अमेरिकी डॉलर (वर्ष 2022-23) हो गया है।
    • कर चोरी की चिंताएँ: कर संशोधनों का उद्देश्य कर चोरी और धन की राउंड-ट्रिपिंग को रोकना था, लेकिन इनसे निवेश में भी गिरावट आई।
  • व्यापार असंतुलन
    • असमान व्यापार: मॉरीशस को भारत का निर्यात, भारत को मॉरीशस के निर्यात से कहीं अधिक है।
      • वर्ष 2023-24 में, मॉरीशस को भारत का निर्यात 778.03 मिलियन अमेरिकी \ डॉलर था, जबकि भारत को मॉरीशस का निर्यात केवल 73.10 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
    • सीमित विविधीकरण: व्यापार कुछ क्षेत्रों जैसे पेट्रोलियम उत्पादों और फार्मास्यूटिकल्स तक ही केंद्रित है, जबकि अन्य क्षेत्रों में विविधीकरण सीमित है।
  • चीन का बढ़ता प्रभाव
    • आर्थिक प्रतिस्पर्द्धा: चीन ने बुनियादी ढाँचे, व्यापार और वित्तीय सेवाओं में निवेश के माध्यम से मॉरीशस में अपनी आर्थिक उपस्थिति बढ़ाई है।
      • चीन ने वर्ष 2019 में एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए।
      • वर्ष 2020 तक, मॉरीशस में चीनी निवेश लगभग 887 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जो चीन की दीर्घकालिक मौजूदगी को मजबूत करता है।
    • रणनीतिक चिंताएँ: जिबूती में अपने सैन्य अड्डे सहित हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति, इस क्षेत्र में भारत के प्रभाव को चुनौती देती है।
  • सुरक्षा चुनौतियाँ
    • समुद्री खतरे: हिंद महासागर में बढ़ती समुद्री डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध मछली पकड़ने से भारत तथा मॉरीशस दोनों के लिए सुरक्षा जोखिम उत्पन्न होता है।
    • नार्को-इकोनॉमी: मॉरीशस को बढ़ती नार्को-इकोनॉमी से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो इसके युवाओं और सामाजिक स्थिरता को प्रभावित करती है।
    • अगालेगा द्वीपीय विकास संबंधी चिंताएँ: हालाँकि भारत हवाई पट्टी और जेट्टी परियोजनाएँ विकसित कर रहा है, जिनका मॉरीशस में कई समूहों द्वारा विरोध किया जाता हैं।
  • परियोजनाओं का धीमा क्रियान्वयन
    • बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में देरी: मेट्रो एक्सप्रेस और सामाजिक आवास योजना जैसी कुछ भारत-वित्तपोषित परियोजनाओं को नौकरशाही बाधाओं तथा कार्यान्वयन संबंधी मुद्दों के कारण देरी का सामना करना पड़ा है।
    • सामुदायिक परियोजनाएँ: वर्ष 2022 में शुरू की गई 96 छोटी परियोजनाओं में से वर्ष 2024 तक केवल 50 ही पूरी हो पाई हैं।
  • चागोस द्वीपसमूह विवाद
    • कूटनीतिक टकराव: UK और US के साथ रणनीतिक संबंधों के कारण भारत ने शुरू में यू.के. के साथ विवादित चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस की संप्रभुता के दावे का समर्थन करने में संकोच किया।
    • अपेक्षाएँ बनाम वास्तविकता: मॉरीशस को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में भारत से मजबूत कूटनीतिक समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन भारत ने निष्क्रिय रुख बनाए रखा।
  • मॉरीशस में राजनीतिक परिवर्तन
    • नई सरकार: मॉरीशस में हाल ही में हुए सत्ता परिवर्तन के कारण नीति और प्राथमिकताओं में बदलाव आ सकता है।
    • घरेलू राजनीति: मालदीव की तरह भारत विरोधी चर्चाएँ तीव्र हो सकती है, जिससे द्विपक्षीय संबंध जटिल हो सकते हैं।

आगे की राह

  • आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना: व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौते (CECPA) के तहत IT, फिनटेक और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे अधिक क्षेत्रों को शामिल करना।
    • भारतीय व्यवसायों को मॉरीशस में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना, इसकी द्विभाषी आबादी और अफ्रीकी देशों के साथ अधिमान्य व्यापार समझौतों का लाभ उठाना।
  • समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना: समुद्री सुरक्षा तैयारियों को बढ़ाने के लिए संयुक्त नौसैनिक अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाना।
    • भारतीय महासागर क्षेत्र के लिए सूचना संलयन केंद्र (IFC-IOR) के माध्यम से वास्तविक समय डेटा-साझाकरण को मजबूत करना।
  • चीन के प्रभाव का मुकाबला करना: चीन की स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स रणनीति का मुकाबला करने के लिए मेट्रो एक्सप्रेस और अगालेगा द्वीपीय विकास जैसी प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करना जारी रखना।
    • यह सुनिश्चित करने के लिए उच्च-स्तरीय राजनीतिक जुड़ाव को मजबूत करना कि मॉरीशस एक विश्वसनीय भागीदार बना रहे।
  • विकास सहायता को बढ़ावा देना: सामाजिक आवास और सामुदायिक विकास परियोजनाओं जैसी भारत द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए नौकरशाही बाधाओं को दूर करना।
    • ITEC कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार करना और मॉरीशस के छात्रों को अधिक छात्रवृत्ति प्रदान करना।
  • प्रवासी और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना: मॉरीशस में भारतीय मूल के लोगों की 7वीं पीढ़ी को ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) विशेषाधिकार प्रदान करना।
    • लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए पर्यटन, शैक्षिक आदान-प्रदान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
  • सुरक्षा चुनौतियों का समाधान: मॉरीशस में बढ़ती नार्को-इकोनॉमी को संबोधित करने के लिए नशीली दवाओं की तस्करी विरोधी पहलों पर सहयोग करना।
    • समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ने और तस्करी से निपटने के लिए तटीय रडार नेटवर्क तथा संयुक्त निगरानी को बढ़ाना।

निष्कर्ष 

भारत और मॉरीशस के बीच गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध हैं, जो मॉरीशस को हिंद महासागर और अफ्रीका में एक प्रमुख भागीदार बनाते हैं। संबंधित चुनौतियों का समाधान करके और आर्थिक, सुरक्षा तथा कूटनीतिक सहयोग को बढ़ाकर, दोनों देश आपसी विकास एवं क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अपनी साझेदारी को और मजबूत कर सकते हैं।

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