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हाथ से मैला ढोना (मैनुअल स्कैवेंजिंग) : एक गंभीर सामाजिक कुप्रथा

Lokesh Pal March 26, 2025 05:15 37 0

संदर्भ:

हाल ही में दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक दुखद घटना घटी, जहाँ एक कर्मचारी पंथ लाल की सीवर की सफाई करते समय मौत हो गई। 

मैनुअल स्कैवेंजिंग (हाथ से मैला उठाने की प्रथा)

  • परिभाषा: मानव मल, सीवर और सेप्टिक टैंक की हाथ से सफाई। यह प्रथा मुख्य रूप से हाशिए पर व्याप्त  तथाकथित निम्न जातियों के लोगों द्वारा की जाती है, जो आधुनिक भारत में जाति-आधारित भेदभाव की विरासत को जारी रखती है।
  • जाति-आधारित भेदभाव: हाथ से मैला ढोना जाति-आधारित भेदभाव का एक स्पष्ट उदाहरण है, जहाँ निम्न  जातियों के लोगों को इस अपमानजनक और खतरनाक कार्य को करने के लिए बाध्य किया जाता है।
  • विरोधाभास: कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अंतरिक्ष अन्वेषण में प्रगति के बावजूद, कुछ समुदाय अभी भी मानव मल की सफाई के अपमानजनक अभ्यास के माध्यम से अपनी आजीविका कमाते हैं, जो समाज में मौजूद गहरी जातिगत असमानताओं को उजागर करता है।
  • न्यायिक अवलोकन: मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा, कि जब किसी नागरिक को सीवर में भेजा जाता है, तो यह राज्य द्वारा स्वीकृत जाति प्रथा के समान होता है, जो सभी नागरिकों के लिए समानता और सम्मान के संवैधानिक लोकाचार का उल्लंघन करता है।

मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में रोज़गार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013

  • इस अधिनियम ने भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग को अवैध घोषित किया | इस अधिनियम का उद्देश्य मैनुअल स्कैवेंजिंग की प्रथा को समाप्त करना और प्रभावित लोगों के पुनर्वास का प्रावधान करना है।
  • कार्यान्वयन का अभाव: मज़बूत विधिक ढाँचे के बावजूद वर्ष 2013 में अधिनियम के लागू होने के बाद से एक भी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है, जबकि हाथ से मैला ढोने की प्रथा के कारण मजदूरों की लगातार मौतें होती रहती हैं।
  • कमजोर प्रवर्तन: कानून कागजों पर तो मौजूद है, लेकिन इसका कार्यान्वयन कमजोर बना हुआ है। कानून को लागू करने में विफलता इस प्रथा को समाप्त करने और हाथ से मैला ढोने वालों के पुनर्वास के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और बुनियादी ढाँचे की कमी को दर्शाती है।

भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग की वर्तमान स्थिति

  • आधिकारिक पहचान: 2021 तक, भारत में 58,098 मैनुअल स्कैवेंजरों की आधिकारिक रूप से पहचान की गई है, जो ऐतिहासिक रूप से भेदभावपूर्ण प्रथा को जारी रखता है।
  • हाथ से मैला ढोने के कारण होने वाली मौतें: 2017 से 2023 के बीच, सीवर की सफाई के कारण 400 से अधिक मौतें हुई हैं, जो मैनुअल स्कैवेंजिंग की खतरनाक और अपमानजनक प्रकृति को उजागर करती हैं।
  • जवाबदेही का अभाव: इस प्रथा को प्रतिबंधित करने वाले विभिन्न कानून और विनियमों के बावजूद, मैनुअल स्कैवेंजिंग में संलग्न होने के लिए एक भी नियोक्ता को दंडित नहीं किया गया है।

पुनर्वास संबंधी प्रयास

  • मैनुअल स्कैवेंजर्स के पुनर्वास के लिए स्व-रोजगार योजना (SRMS): हाथ से मैला ढोने वालों  को वैकल्पिक आजीविका के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसका उद्देश्य उन्हें स्व-रोजगार में बदलने में मदद करना है।
  • स्वच्छ भारत मिशन: मैनुअल स्कैवेंजर्स को आधुनिक तकनीकों से बदलने के लिए व्यापक स्वच्छता अभियान के हिस्से के रूप में मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा देता है।
  • नमस्ते योजना (2022): मैनुअल स्कैवेंजर्स को नए कौशल प्राप्त करने और उनकी मदद करने के लिए मशीनीकृत सफाई का प्रशिक्षण प्रदान करता है।
    • बेहतर उद्देश्यों के बावजूद, कार्यान्वयन में खामियाँ व्यापक प्रभाव को बाधित करती हैं, साथ ही कई प्रभावित समुदायों को अभी भी इन कार्यक्रमों तक पहुँच प्राप्त नहीं है।

आगे की राह

  • प्रौद्योगिकी का अनिवार्य प्रयोग: जापान और स्वीडन से प्रेरणा लेते हुए, सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई में प्रौद्योगिकी का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे हाथ से मैला ढोने की आवश्यकता को समाप्त किया जा सके और श्रमिकों के जीवन के लिए जोखिम को कम किया जा सके।
  • कठोर दंड प्रावधान: जो नियोक्ता हाथ से मैला ढोने की प्रथा में शामिल हैं या इसकी अनुमति देते हैं, उनके लिए कठोर दंड संबंधी प्रावधान करने चाहिए, जिसमें श्रमिकों की मृत्यु के मामले में मुकदमा चलाना भी शामिल है। हाथ से मैला ढोने के दौरान किसी श्रमिक की मृत्यु होने पर नियोक्ता के खिलाफ मुकदमा शुरू किया जाना चाहिए।
  • जागरूकता अभियान: जाति-आधारित भेदभाव को समाप्त करने, प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा की सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान आवश्यक हैं।
  • कौशल विकास: कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से वैकल्पिक रोज़गार विकल्प प्रदान करने से व्यक्तियों को हाथ से मैला ढोने की प्रथा से हटकर सम्मानजनक रोज़गार की ओर बढ़ने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष

विधिक प्रतिबंधों के बावजूद हाथ से मैला ढोने की प्रथा जारी है, क्योंकि कानून का पालन नहीं किया जा रहा है और सामाजिक असमानताएँ गहरी हैं। इसलिए आवश्यक है, कि इसे समाप्त करने के लिए कठोर जवाबदेही, तकनीकी हस्तक्षेप और प्रभावी पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न 

संवैधानिक प्रावधानों और कानूनी प्रयासों के बावजूद भारत में हाथ से मैला ढोने की प्रथा जारी रहने के क्या कारण हैं? मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में रोज़गार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 जैसे कानूनों को लागू करने में विद्यमान चुनौतियों को स्पष्ट कीजिए तथा आवश्यक उपाय सुझाइए |

(15 अंक, 250 शब्द)

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