दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात की।
दाऊदी बोहरा कौन हैं?
यह शिया इस्लाम की इस्माइली शाखा (Ismaili Branch) के भीतर एक धार्मिक समूह है।
वे अपनी धार्मिक जड़ों को फातिमी इमामों से संबंधित करते हैं, जो पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा एवं दामाद इमाम अली के माध्यम से उनके प्रत्यक्ष वंशज थे।
बोहरा शब्द: यह गुजराती शब्द से आया है जिसका अर्थ है ‘व्यापार’।
इस समाज के दुनिया भर में लगभग दस लाख सदस्य, 40 से अधिक देशों में बसे हुए हैं।
इस समुदाय की सबसे बड़ी आबादी भारत में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में रहती है।
विश्वास एवं व्यवहार
एक अल्लाह तथा कुरान को उनके संदेश के रूप में एवं पैगंबर मुहम्मद को अंतिम पैगंबर मानते हैं।
अली बिन अबी तालिब को मुहम्मद का उत्तराधिकारी मानते हैं।
भाषा: लिसान अल-दावत (Lisan al-Da’wat) बोलते हैं, जो गुजराती, अरबी, उर्दू एवं फारसी का मिश्रण है।
दाऊदी बोहरा समुदाय में बहिष्कार की प्रथा: इसके नेता के पास अपने अधिकार को चुनौती देने वाले सदस्यों को बहिष्कृत करने का अधिकार है।
बहिष्कृत सदस्य समुदाय में मस्जिदों में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
कोलोसल स्क्विड (Colossal Squid)
दक्षिण अटलांटिक महासागर में साउथ सैंडविच द्वीपसमूह के पास 100 वर्षों में पहली बार एक कोलोसल स्क्विड (30 सेमी.) को कैप्चर किया गया।
कोलोसल स्क्विड के बारे में
वैज्ञानिक नाम:मेसोनीचोटेउथिस हैमिल्टन (Mesonychoteuthis Hamiltoni)।
संघ: कोलोसल स्क्विड ‘ग्लास’ स्क्विड संघ (क्रैंचिडी) का हिस्सा है।
अंटार्कटिक महासागर में तीन ज्ञात ग्लास स्क्विड प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
खोज: कोलोसल स्क्विड का पहली बार वर्णन वर्ष 1925 में व्यावसायिक रूप से शिकार किए गए स्पर्म व्हेल के पेट से नमूनों के आधार पर किया गया था।
विशेषताएँ
सबसे भारी अकशेरुकी: कोलोसल स्क्विड पृथ्वी पर सबसे भारी अकशेरुकी हैं, जो लंबाई में 7 मीटर (23 फीट) तक बढ़ सकते हैं एवं उनका वजन 500 किलोग्राम (1,100 पाउंड) तक हो सकता है।
पहचानकर्ता: इनके दो लंबे स्पर्शकों के सिरों पर तथा आठ छोटी भुजाओं के मध्य में हुक लगे होते हैं।
पशु जगत में उनकी आँखें सबसे बड़ी पाई जाती हैं।
आवास स्थान: यह दक्षिणी महासागर के परिक्षेत्र में निवास करने के लिए जाना जाता है।
शिकार एवं शिकारी: यह एक घात लगाकर हमला करने वाला शिकारी है, जिसका आहार लैंटर्नफिश और गहरे समुद्र में रहने वाली स्मेल्टांड जैसी विभिन्न मछलियाँ हैं तथा यह संभवतः स्पर्म व्हेल और समुद्री पक्षियों का मुख्य शिकार है।
फंडामेंटल फिजिक्स में ‘ब्रेकथ्रू प्राइज’
बोस संस्थान के प्रायोगिक उच्च ऊर्जा भौतिकी (High Energy Physics-HEP) समूह को CERN में ALICE सहयोग के एक भाग के रूप में ‘फंडामेंटल फिजिक्स’ में ब्रेकथ्रू प्राइज 2025 से सम्मानित किया गया है।
‘फंडामेंटल फिजिक्स’ में ‘ब्रेकथ्रू प्राइज’ के बारे में
यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों का एक समूह है, जो ‘फंडामेंटल फिजिक्स’ के क्षेत्र में शीर्ष वैज्ञानिकों को मान्यता देता है।
इसकी स्थापना वर्ष 2012 में यूरी मिलनर ने उन व्यक्तियों को मान्यता देने के लिए की थी, जिन्होंने मानव ज्ञान में गहन योगदान दिया है।
इसे “विज्ञान का ऑस्कर” कहा जाता है।
पुरस्कार राशि: प्रत्येक विजेता या टीम को $3 मिलियन।
वर्ष 2025 का पुरस्कार 70 से अधिक देशों के शोधकर्ताओं को दिया जाता है, जो सर्न (CERN) के लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC), ATLAS (ए टोरोइडल LHC एपर्चर), CMS (कॉम्पैक्ट म्यूऑन सोलेनोइड), ALICE (ए लार्ज आयन कोलाइडर एक्सपेरीमेंट) और LHCb (लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर सौंदर्य) में चार प्रयोगात्मक सहयोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
बोस संस्थान
कोलकाता स्थित बोस संस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है।
यह CERN में एक बड़े आयन कोलाइडर प्रयोग (ALICE) में भाग ले रहा है।
‘ए लार्ज आयन कोलाइडर एक्सपेरीमेंट’ (ALICE)
‘ए लार्ज आयन कोलाइडर एक्सपेरीमेंट’ (ALICE) सर्न (CERN) के लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) में प्रमुख प्रयोगों में से एक है।
ALICE क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा (Quark-Gluon Plasma- QGP) का अध्ययन करता है, जो अत्यंत गर्म एवं सघन पदार्थ की एक अवस्था है, जो बिग बैंग के बाद पहले माइक्रोसेकंड में मौजूद थी।
CERN के बारे में
CERN का अर्थ है:- यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (European Organization for Nuclear Research)।
यह दुनिया की सबसे बड़ी कण भौतिकी प्रयोगशाला है, जो स्विस-फ्रेंच सीमा पर जिनेवा के पास स्थित है।
इसकी स्थापना वर्ष 1954 में ब्रह्मांड की मूलभूत संरचना को उजागर करने के लक्ष्य के साथ की गई थी।
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA)
भारत ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) के मुख्यालय की मेजबानी के लिए आधिकारिक तौर पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे वैश्विक वन्यजीव संरक्षण नेतृत्व को मजबूती मिलेगी।
समझौते के बारे में
केंद्र सरकार एवं IBCA ने आधिकारिक तौर पर भारत को गठबंधन के मुख्यालय तथा सचिवालय के रूप में स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
परिचालन प्रावधान: समझौते में IBCA कर्मियों एवं परिसरों के लिए वीजा, विशेषाधिकार, प्रतिरक्षा तथा अन्य सुविधाओं से संबंधित प्रावधानों की रूपरेखा दी गई है।
बजटीय प्रतिबद्धता: भारत सरकार वर्ष 2023-24 से वर्ष 2028-29 तक 150 करोड़ रुपये का वित्तपोषण प्रदान करेगी।
यह कोष IBCA सचिवालय के बुनियादी ढाँचे के विकास, आवर्ती व्यय एवं परिचालन दक्षता का समर्थन करेगा।
IBCA के बारे में
IBCA एक संधि-आधारित संगठन है, जो भारत सहित पाँच देशों द्वारा समझौते की पुष्टि करने के बाद एक पूर्ण अंतर-सरकारी संगठन बन गया।
संस्थापक सदस्य: संस्थापक देशों में भारत, लाइबेरिया, इस्वातिनी, सोमालिया एवं निकारागुआ शामिल हैं।
अप्रैल 2023 में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगाँठ के दौरान लॉन्च किया गया था।
संरक्षण फोकस: सात बिग कैट्स यानी बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर एवं चीता के वैश्विक संरक्षण के लिए समर्पित है।
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