भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन (वर्ष 1940-2025) का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
के. कस्तूरीरंगन के बारे में
डॉ. के. कस्तूरीरंगन एक प्रतिष्ठित खगोल भौतिकीविद् थे, जो उच्च-ऊर्जा खगोल भौतिकी में विशेषज्ञता रखते थे, जो एक्स-रे एवं गामा-रे खगोल विज्ञान से संबंधित है।
विरासत एवं योगदान
ISRO के अध्यक्ष (वर्ष 1994-2003)
ISRO का वाणिज्यिक संचालन: ISRO ने वर्ष 1999 में इनसैट-2E उपग्रह के 10 ट्रांसपोंडर इंटेलसैट को पट्टे पर दिए, जिसके परिणामस्वरूप भारत में केबल TV कार्यक्रमों की शुरुआत हुई।
विषयगत अंतरिक्ष मिशन: कुछ उदाहरण हैं, EDUSAT (दूरस्थ शिक्षा के लिए), INSATs/GSATs (दूरस्थ चिकित्सा एवं संचार), RESOURCESAT (पृथ्वी संसाधन), तथा चंद्रयान-1 (चंद्र विज्ञान)।
ISRO के मुख्य प्रक्षेपण यान, PSLV एवं GSLV में अहम भूमिका निभाई।
समितियों की अध्यक्षता
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 का मसौदा तैयार करने वाली समिति की अध्यक्षता की।
कस्तूरीरंगन समिति: उन्होंने पश्चिमी घाट पर गाडगिल समिति की रिपोर्ट की समीक्षा के लिए वर्ष 2012 में एक उच्च स्तरीय कार्य समूह की अध्यक्षता की।
प्रतिष्ठित पद
वे वर्ष 2009-14 तक भारत के तत्कालीन योजना आयोग के सदस्य थे।
उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कुलाधिपति के रूप में कार्य किया।
कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष
वर्ष 2004 से वर्ष 2009 के बीच बंगलूरू में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज (NIAS) के निदेशक।
अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष एवं भारत सरकार के सचिव।
वे वर्ष 2003 से वर्ष 2009 तक राज्यसभा के मनोनीत सदस्य थे।
राष्ट्रीय पुरस्कार: डॉ. के. कस्तूरीरंगन को भारत सरकार के तीनों प्रमुख नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, अर्थात्,
पद्म श्री, पद्म भूषण एवं पद्म विभूषण।
SAARC वीजा छूट योजना
हाल ही में पहलगाम हमले के जवाब में, भारत सरकार ने घोषणा की है कि पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
SAARC वीजा छूट योजना के बारे में
SVES को वर्ष 1988 (इस्लामाबाद) में चौथे सार्क शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय के बाद वर्ष 1992 में लॉन्च किया गया था।
उद्देश्य: सार्क देशों के बीच चयनित लोगों के लिए वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति देना।
पात्रता: इसमें 24 श्रेणियों के लोग शामिल हैं: गणमान्य व्यक्ति, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी, व्यवसायी, पत्रकार, खिलाड़ी तथा अन्य व्यक्ति।
मुख्य विशेषताएँ
व्यक्तिगत सदस्य राज्यों द्वारा जारी किए गए वीजा स्टिकर।
स्टिकर एक वर्ष के लिए वैध हैं।
SVES धारकों के लिए विशिष्ट शहरों में कोई यात्रा प्रतिबंध नहीं है।
26 राफेल-M जेट
भारत एवं फ्राँस 28 अप्रैल, 2025 को 26 राफेल-मरीन (राफेल-M) लड़ाकू विमानों के लिए ₹63,000 करोड़ के सौदे की औपचारिक घोषणा करने वाले हैं।
भारत-फ्राँस राफेल-M लड़ाकू विमान सौदे के बारे में
यह सरकार-से-सरकार (G-टू-G) समझौता है।
राफेल-M लड़ाकू विमान के बारे में
राफेल-M का अर्थ राफेल मरीन है।
यह दसॉल्ट राफेल लड़ाकू विमान का एक नौसैनिक संस्करण है, जिसे विमान वाहक पोत पर तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है।
राफेल-M की विशेषताएँ
टेकऑफ के लिए स्की-जंप (Ski-Jump) का उपयोग करता है।
लैंडिंग के लिए अरेस्टर केबल का उपयोग करता है।
भारतीय नौसेना में राफेल-M की आवश्यकता
राफेल-M तब तक लड़ाकू विमानों की कमी को पूरा करेगा, जब तक कि भारत का स्वदेशी ट्विन इंजन डेक-बेस्ड फाइटर (TEDBF) तैयार नहीं हो जाता।
भारत में विमान वाहक: भारत दो विमान वाहक पोत संचालित करता है:
INS विक्रमादित्य (रूसी मूल) एवं INS विक्रांत (स्वदेशी)।
राफेल-M भारतीय नौसेना की युद्धक क्षमता को बढ़ाएँगे।
INS सूरत एवं आक्रमण अभ्यास
INS सूरत ने 70 किलोमीटर की दूरी तक सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जबकि भारतीय वायु सेना ने केंद्रीय क्षेत्र अभ्यास में राफेल जेट का प्रदर्शन करते हुए ‘ आक्रमण अभ्यास’ प्रारंभ किया।
INS सूरत के बारे में
INS सूरत अगली पीढ़ी का विशाखापत्तनम श्रेणी का स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है।
निर्माता: मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई।
परियोजना: भारत की प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट 15B का हिस्सा।
यह वर्ष 2011 में चार स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर– INS विशाखापत्तनम, INS मोरमुगाओ, INS इंफाल एवं INS सूरत के निर्माण के लिए प्रारंभ किया गया एक कार्यक्रम है।
मुख्य विशेषताएँ
यह एक मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) है, जो 70 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के विमानों, मिसाइलों एवं ड्रोन को रोकती है।
यह लंबी दूरी के सटीक हमलों के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों से लैस है।
इसमें एक साथ कई लक्ष्यों का पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने एवं उनसे निपटने के लिए अत्याधुनिक मल्टी-फंक्शन रडार स्थापित है।
INS सूरत को रडार क्रॉस-सेक्शन को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे दुश्मन सेना के लिए इसका पता लगाना जटिल हो जाता है।
ये जहाज पारंपरिक ट्रैक के बिना हेलीकॉप्टरों को सुरक्षित करने के लिए रेल-लेस सिस्टम का उपयोग करते हैं।
यह तंत्र खराब समुद्री परिस्थितियों में भी हेलीकॉप्टरों को स्थिर रखता है।
आक्रमण अभ्यास के बारे में
आक्रमण अभ्यास भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा अपनी लड़ाकू क्षमताओं एवं परिचालन तैयारियों को तेज करने के लिए आयोजित एक पूर्ण-स्पेक्ट्रम परिचालन तत्परता अभ्यास है।
स्थान: सेंट्रल सेक्टर में विभिन्न क्षेत्र।
भागीदारी: भारतीय वायु सेना, जिसमें अंबाला (हरियाणा) एवं हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) में स्थित प्रीमियर राफेल लड़ाकू स्क्वाड्रन शामिल हैं।
AI किरण
हाल ही में AI किरण पहल को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया।
AI किरण के बारे में
AI किरण एक मिशन-संचालित प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य AI तथा मशीन लर्निंग में महिलाओं की भूमिका को संबोधित करना, उनका पोषण करना एवं उनका विकास करना है।
नेतृत्व: इस पहल का सह-नेतृत्व भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के कार्यालय, वेरिक्स एवं INK महिला फाउंडेशन द्वारा किया जाता है।
होस्ट: इस पहल को मंथन प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया जाएगा।
प्रतिभागी: इस पहल में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्थिरता एवं उद्यम तकनीक सहित प्रमुख क्षेत्रों में AI में 250 से अधिक प्रमुख महिलाएँ शामिल होंगी।
महत्त्व: एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह को कम करने एवं अधिक समावेशी AI सिस्टम बनाने के लिए विविध नेतृत्व सुनिश्चित करना।
विशेषताएँ
फंडिंग: INK महिला फाउंडेशन के माध्यम से कॉरपोरेट, VC भागीदारों एवं सरकारी संगठनों के साथ $3 मिलियन का फंअडरेजिग अभियान लक्षित है।
सत्यापन: AI किरण के तहत सभी मान्यताएँ वेरिक्स के ब्लॉकचेन-संचालित क्रेडेंशियल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके डिजिटल रूप से सत्यापित की जाती हैं।
यह कार्यक्रम विश्व भर में फैले भारतीय प्रवासियों से AI में महिलाओं तक विस्तारित होगा।
AI में महिलाओं के आँकड़े
“GenAI: विविधता का ऐसा बदलाव, जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते” शीर्षक वाली हाल ही में BCG की रिपोर्ट के अनुसार,
जूनियर स्तर पर GenAI की भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 33 प्रतिशत है एवं वरिष्ठ स्तर पर केवल 19 प्रतिशत है।
प्रमुख/निदेशक स्तर पर, भारत में महिलाओं की तुलना में GenAI के पुरुष पेशेवर 65 प्रतिशत अधिक हैं।
अक्षवी डिजिटल वॉलेट
अक्षवी एक अद्वितीय डिजिटल आपदा वॉलेट है, जो जलवायु आपदाओं को रिकॉर्ड करने एवं उनसे उबरने के लिए समुदाय-संचालित समाधान प्रदान करता है।
अक्षवी के बारे में
अर्थ: अक्षवी आपदा क्षति विवरण का संक्षिप्त रूप है।
उद्देश्य: यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो आपदा प्रभावित परिवारों को अपने आर्थिक एवं गैर-आर्थिक नुकसान की स्वयं रिपोर्ट करने की अनुमति देता है।
विकसितकर्ता: सतत् पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी विकास सोसायटी (SEEDS-India)।
SEEDS India का लक्ष्य एक वर्ष के भीतर इस पहल को दस लाख परिवारों तक पहुँचाना है।
भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग
हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने आरोप लगाया था कि गूगल स्मार्ट TV के लिए एंड्रॉयड के संशोधित संस्करण का उपयोग या विकास करने की इच्छुक फर्मों के लिए अवरोध उत्पन्न करके प्रतिस्पर्द्धा-विरोधी व्यवहार में लिप्त है।
भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) के बारे में
स्थापना: प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 के तहत वर्ष 2009 में स्थापित वैधानिक निकाय।
राघवन समिति की सिफारिशों के आधार पर एकाधिकार एवं प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम, 1969 (MRTP अधिनियम) को प्रतिस्थापित किया।
मंत्रालय: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
लक्ष्य: प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना एवं बनाए रखना, उपभोक्ता हितों की रक्षा करना तथा भारत में व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
उद्देश्य
प्रतिस्पर्द्धी-विरोधी व्यवहारों को रोकना।
बाजार प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना एवं बनाए रखना।
उपभोक्ता हितों की रक्षा करना।
भारतीय बाजारों में व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
संरचना: केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष एवं 6 सदस्य होते हैं।
इन सदस्यों के पास न्यूनतम 15 वर्ष का पेशेवर अनुभव होना चाहिए।
जटिल बाजार मामलों में सूचित निर्णय लेने को सुनिश्चित करने के लिए पाँच वर्ष का कार्यकाल पूरा करना।
प्रकृति: अर्द्ध-न्यायिक निकाय, जो मामलों का निर्णय करता है एवं वैधानिक अधिकारियों को राय प्रदान करता है।
इसके आदेश एवं निर्देश शामिल पक्षों पर बाध्यकारी हैं।
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