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भविष्य उनका है, जो सत्यनिष्ठा से नेतृत्व करते हैं

Lokesh Pal May 03, 2025 02:22 32 0

संदर्भ 

आतंकवाद, आपदाओं और राजनीतिक अस्थिरता जैसे संकटों के बावजूद, स्थायी प्रगति तब प्राप्त की जा सकती है, जब व्यवसाय, राजनीति और परोपकार को सत्यनिष्ठा तथा कल्याण के लिए एक सामान्य उद्देश्य के साथ आगे बढ़ाया जाए।

सत्यनिष्ठा पर उद्धरण

  • सी.एस. लुइस (C.S. Lewis): सत्यनिष्ठा तब सही कार्य करना है, जब कोई देख नहीं रहा हो।
  • मार्टिन लूथर किंग जूनियर: किसी व्यक्ति का अंतिम मापदंड यह नहीं है कि वह आराम के क्षणों में कहाँ खड़ा है, बल्कि यह है कि वह चुनौती एवं विवाद के समय कहाँ खड़ा है।
  • आर. बकमिनस्टर फुलर (R. Buckminster Fuller): सत्यनिष्ठा हर सफल चीज का सार है।

सत्यनिष्ठा के बारे में

  • सत्यनिष्ठा का अर्थ है ईमानदार होना और मजबूत नैतिक सिद्धांत रखना। यह विचारों, शब्दों और कार्यों के बीच एकरूपता से संबंधित है।
    • इसमें शामिल हैं: नैतिक ईमानदारी, नैतिक सिद्धांतों का पालन, जवाबदेही और पारदर्शिता तथा दबाव के बावजूद सही बात को बनाए रखने का साहस।

सत्यनिष्ठा के लिए दार्शनिक रूपरेखा

  • सदाचार नैतिकता (अरस्तू): सदाचार, साहस और न्याय के गुणों के माध्यम से नैतिक चरित्र विकसित करने से सत्यनिष्ठा उत्पन्न होती है।
  • कर्तव्यशास्त्र (इमैनुअल कांट): नैतिक कार्य व्यक्तिगत भावनाओं, स्थिति या परिणामों की परवाह किए बिना सही उद्देश्य से सही कार्य करने पर निर्भर करता है।
  • उपयोगितावाद (जॉन स्टुअर्ट मिल): सत्यनिष्ठा में ऐसे कार्यों को चुनना शामिल है, जो सबसे सर्वाधिक लोगों के सर्वाधिक कल्याण को बढ़ावा देते हैं।

वर्तमान में सत्यनिष्ठा की भूमिका

  • सभी अच्छे कार्यों का मूल
    • व्यापार, राजनीति और परोपकार सभी अच्छे कार्य करने के सच्चे उद्देश्य से शुरू होते हैं।
    • लेकिन जब सत्यनिष्ठा का गुण नहीं रहता है तो लाभ, शक्ति या प्रतिष्ठा उद्देश्य से अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है, ये क्षेत्र अपने वास्तविक लक्ष्य से दूर चले जाते हैं।
  • सहयोग को सक्षम बनाता है: प्रायः, व्यापार, राजनीति और परोपकार के क्षेत्र अलग-अलग या यहाँ तक ​​कि विरोध में कार्य करते हैं।
    • लेकिन अगर तीनों सत्यनिष्ठा के साझा मूल्य से कार्य करते हैं, तो वे प्रभावी रूप से सहयोग कर सकते हैं।
    • वह साझा सत्यनिष्ठा लाभ, नीति और उद्देश्य के बीच का संबंध होता है।
      • उदाहरण: अमूल ने किसानों के नेतृत्व वाली सहकारी संस्था के रूप में शुरुआत की और लाभ से पहले लोगों को प्राथमिकता देकर 55,000 करोड़ रुपये की डेयरी पॉवरहाउस बन गई।
  • डिजिटल युग में सत्यनिष्ठा के साथ नेतृत्व करना: डिजिटल युग में सत्यनिष्ठा के साथ नेतृत्व करने का अर्थ है डिजिटल परिवर्तन को अपनाते हुए नैतिक व्यवहार, डेटा गोपनीयता और पारदर्शिता को प्राथमिकता देना।
    • इसमें टीमों के भीतर और हितधारकों के साथ विश्वास को बढ़ावा देना तथा जिम्मेदार AI एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है।
    • इसमें संगठनात्मक मूल्यों को बनाए रखते हुए एल्गोरिदमिक पूर्वाग्रह और साइबर सुरक्षा जैसी जटिल चुनौतियों का सामना करना शामिल है।

भावी नेतृत्व के लिए सत्यनिष्ठा का महत्त्व

  • विश्वास एवं विश्वसनीयता को परिभाषित करता है: सत्यनिष्ठा के बिना, विश्वास समाप्त हो जाता है, जिससे शिथिलता एवं अस्थिरता उत्पन्न होती है। सत्यनिष्ठा के बिना एक नेता अधिकार प्राप्त कर सकता है, लेकिन कभी भी सच्ची निष्ठा नहीं रख सकता है।
    • उदाहरण: लाल बहादुर शास्त्री जी ने एक रेल दुर्घटना के बाद नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
  • नैतिक निर्णय लेना: नैतिक अस्पष्टता के क्षणों में, सत्यनिष्ठा एक आंतरिक कंपास के रूप में कार्य करती है, यह सुनिश्चित करती है कि चुनाव सुविधा के बजाय सिद्धांतों के अनुरूप हों।
    • उदाहरण: मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में, टी.एन. शेषन ने चुनावी प्रक्रिया में सत्यनिष्ठा पुनर्स्थापित की। ​​उनके कठोर निर्णय ने चुनाव आयोग को एक विश्वसनीय संस्था में बदल दिया।
  • दीर्घकालिक नीति प्रभाव: सत्यनिष्ठा वाले नेता न्याय, समावेशिता और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हैं। भविष्य उन लोगों का है, जो दीर्घकालिक सार्वजनिक कल्याण के लिए लोकलुभावन प्रलोभनों का विरोध करते हैं।
    • उदाहरण: महात्मा गांधी एवं नेल्सन मंडेला जैसे नेताओं को उनके अडिग सिद्धांतों के लिए याद किया जाता है।
      • न्यूजीलैंड में, जैसिंडा अर्डर्न की सरकार ने एक कल्याणकारी बजट प्रस्तुत किया, जिसमें निवल आर्थिक विकास की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य, बाल कल्याण और जलवायु लचीलापन को प्राथमिकता दी गई।
  • संस्थागत संस्कृति में भूमिका: नैतिक नेता मूल्यों और जवाबदेही का एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करते हैं। वे भ्रष्टाचार को कम करते हैं, दक्षता में सुधार करते हैं और अधीनस्थों को मानकों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं।
    • उदाहरण: मणिपुर कैडर के एक आईएएस अधिकारी आर्मस्ट्रांग पामे (जिन्हें ‘चमत्कारी व्यक्ति’ के रूप में जाना जाता है) ने प्रदर्शित किया कि कैसे नैतिक, सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व आदेशों या धन की प्रतीक्षा किए बिना दूरस्थ क्षेत्रों को बदल सकता है।
  • जटिल वातावरण में नेतृत्व: आज के प्रशासकों को अक्सर आर्थिक विकास को पर्यावरण संरक्षण या राष्ट्रीय सुरक्षा को नागरिक स्वतंत्रता के साथ संतुलित करने जैसी दुविधाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे ‘ग्रे जोन’ में, ईमानदारी एक मार्गदर्शक कंपास के रूप में कार्य करती है।
    • उदाहरण: ई. श्रीधरन (मेट्रो मैन) जैसे नेताओं ने प्रदर्शित किया कि नैतिक आचरण प्रशासनिक दक्षता के साथ संरेखित हो सकता है।

नेतृत्व में सत्यनिष्ठा की चुनौतियाँ

  • अल्पकालिक परिणामों का दबाव: नेताओं को त्वरित लाभ हासिल करने के लिए तीव्र दबाव का सामना करना पड़ता है, अक्सर दीर्घकालिक नैतिक विचारों की कीमत पर। “किसी भी कीमत पर जीत” की मानसिकता सुरक्षा मानकों से समझौता करने की ओर ले जा सकती है।
    • उदाहरण: वेल्स फार्गो खाता धोखाधड़ी कांड, जहाँ कर्मचारियों ने आक्रामक बिक्री लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लाखों अनधिकृत खाते बनाए।
      • उद्योग व्यवधान दबाव के दौरान वोक्सवैगन की उत्सर्जन त्रुटियाँ।
  • सत्ता और विशेषाधिकार का प्रलोभन: सत्ता आत्म-धारणा को विकृत कर सकती है, जिससे नेताओं को लगता है कि नियम उन पर लागू नहीं होते। नेतृत्व का “बबल इफेक्ट” नेताओं को वास्तविकता और परिणामों से अलग कर सकता है।
    • उदाहरण: हार्वे वेनस्टीन के पद ने दशकों के कदाचार को अनियंत्रित रहने दिया।
  • सामूहिक सोच: विषाक्त संस्कृतियाँ व्यक्तिगत नैतिकता को समाप्त कर सकती हैं, जिससे नैतिक व्यवहार कमजोरी जैसा प्रतीत होता है।
    • उदाहरण: एयरबस से कड़ी प्रतिस्पर्द्धा और ईंधन-कुशल विमानों की बढ़ती माँग का सामना करते हुए, बोइंग ने 737 MAX के विकास में तेजी दिखाई, जिससे इंजीनियरिंग और प्रमाणन प्रक्रियाएँ प्रभावित हुईं।
      • इसके कारण वर्ष 2018 और 2019 में दो घातक 737 MAX दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 346 लोग मारे गए और विमान को 20 महीने तक उड़ान भरने से रोकना पड़ा।
  • डिजिटल युग की जटिलताएँ: प्रौद्योगिकी अक्सर नैतिकता की तुलना में तेजी से आगे बढ़ती है और जिम्मेदारी पर क्षमता को प्राथमिकता देती है। 
    • उदाहरण: फेसबुक का कैंब्रिज एनालिटिका घोटाला, जहाँ डेटा प्रथाओं ने नैतिक सीमाओं को पार कर लिया।
  • व्यक्तिगत कमजोरियाँ: व्यक्तिगत परिस्थितियाँ नैतिक समझौतों को उचित या यहाँ तक कि आवश्यक भी बना सकती हैं।
    • उदाहरण: संयुक्त राज्य अमेरिका में कॉलेज प्रवेश घोटाला, जहाँ विशेषाधिकार प्राप्त माता-पिता ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए धोखाधड़ी को तर्कसंगत बनाया।

सत्यनिष्ठा को बढ़ावा देने के उपाय

  • सार्वजनिक सेवा में
    • आचार संहिता और आचरण: सिविल सेवा आचरण नियम जैसे नैतिक संहिताओं का सख्त प्रवर्तन और संस्थागतकरण, निर्णय लेने के लिए एक नैतिक ढाँचा प्रदान करता है।
    • नैतिक प्रशिक्षण और जागरूकता: प्रशिक्षण अकादमियों (जैसे- LBSNAA) में भावनात्मक बुद्धिमत्ता, नैतिक तर्क और केस स्टडी-आधारित शिक्षा पर मॉड्यूल आवश्यक हैं।
    • सतर्कता तंत्र की भूमिका: लोकपाल, केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) और विभागीय सतर्कता जैसे स्वतंत्र निकाय अनैतिक आचरण को रोकने में निवारक भूमिका निभाते हैं।
  • राजनीति में
    • ओपन डेटा नीतियाँ: सरकारी खर्च, अनुबंधों और लॉबिंग गतिविधियों के बारे में जानकारी तक जनता की पहुँच सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
    • अभियान वित्त सुधार: सुधारों को चुनावों में कॉरपोरेट दान को सीमित करके अनुचित प्रभाव को रोकने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि राजनीतिक निर्णय-निर्माण निजी लाभ के बजाय सार्वजनिक हित से प्रेरित हो।
  • व्यवसाय में
    • शीर्ष पर आदर्श प्रस्तुत करना: CEO को सत्यनिष्ठा का आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। उनके कार्य मिशन वक्तव्यों से अधिक सशक्त होते हैं।
      • उदाहरण: पर्यावरण नैतिकता के प्रति पेटागोनिया की प्रतिबद्धता प्रत्येक व्यावसायिक निर्णय को प्रभावित करती है।
    • मूल्य-आधारित नियुक्ति: मूल्य-आधारित नियुक्ति में पेशेवर क्षमता के अतिरिक्त नैतिक व्यवहार के लिए भी उम्मीदवारों की जाँच पर जोर दिया जाता है।

निष्कर्ष 

संकटों से भरी दुनिया में, कल्याण (अर्थात् सत्यनिष्ठा से प्रेरित नेतृत्व एवं विकल्प) विश्वास और प्रगति के पुनर्निर्माण के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरण बन जाता है।

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