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Lokesh Pal
May 05, 2025 05:30
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भारत की गिग अर्थव्यवस्था शहरीकरण और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के कारण तीव्र गति से बढ़ रही है। हालाँकि इसे अर्थव्यवस्था को अनुकूल और सशक्त बनाने वाला बताया जाता है, लेकिन इसका अर्थ प्रायः कम वेतन, लंबे कार्य के घंटे और सामाजिक सुरक्षा का अभाव होता है, मुख्य रूप से भारत के वृहद अनौपचारिक कार्यबल के लिए।
गिग श्रमिक (वर्कर)ये वे व्यक्ति हैं, जो गिग अर्थव्यवस्था में कार्यरत हैं तथा पारंपरिक पूर्णकालिक भूमिकाओं की बजाय अस्थायी या लचीली नौकरियाँ (temporary or flexible jobs) करते हैं। |
तत्काल सुधारों के बिना, गिग श्रमिक एक कमजोर वृद्ध कार्यबल बना सकते हैं, जिससे राज्य पर राजकोषीय दबाव बढ़ सकता है। भारत को गिग वर्क को सतत और समावेशी बनाने के लिए सामाजिक सुरक्षा, कौशल विकास तथा इसका औपचारिक एकीकरण सुनिश्चित करना चाहिए।
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