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Lokesh Pal
May 06, 2025 02:21
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भारत में, संसदीय प्रणाली को दैनिक संसदीय पर्यवेक्षण के माध्यम से कार्यकारी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अपनाया गया था, जिसमें स्थिरता पर जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी गई थी। हालाँकि, विधायी पर्यवेक्षण प्रायः कमजोर हो जाता है, जिससे दक्षता प्राप्ति के लिए पारदर्शिता को जोखिम में डाल दिया जाता है।
भारत में संसदीय पर्यवेक्षण, संवैधानिक आदेशों, प्रश्नकाल तथा समितियों जैसे तंत्रों में निहित है, यह कार्यकारी जवाबदेही के लिए महत्त्वपूर्ण है, लेकिन यह व्यवधान और कमजोर समिति प्राधिकरण जैसी चुनौतियों का सामना करता है। बाध्यकारी समिति शक्तियाँ, विधायी जाँच के बाद उन्नत अनुसंधान सहायता जैसी वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर भारत अपने पर्यवेक्षण ढाँचे को मजबूत कर सकता है, जिससे पारदर्शिता और प्रभावी शासन सुनिश्चित हो सके।
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