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Lokesh Pal
May 09, 2025 05:15
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शासन के लिए नागरिक–सैन्य संबंध महत्त्वपूर्ण हैं, जिसमें संयुक्तता (Jointness) और एकीकरण महत्त्वपूर्ण है। जबकि सत्तावादी शासन सैन्य प्रभुत्व को प्राथमिकता देते हैं, भारत ने नागरिक नियंत्रण और लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया है, चुनौतियों और सुधारों के माध्यम से अपने नागरिक-सैन्य समन्वय को विकसित किया है।
आधुनिक युद्ध और हाइब्रिड खतरों के मद्देनजर, नागरिक-सैन्य एकीकरण को मजबूत करने के लिए तीसरी पीढ़ी के सुधार आवश्यक हैं। ये सुधार 21वीं सदी की जटिल चुनौतियों का समाधान करने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं, जिसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक और सैन्य संस्थानों के बीच अभूतपूर्व तालमेल की आवश्यकता है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नआधुनिक खतरों के लिए एकीकृत नागरिक-सैन्य प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, न कि पृथक विभागीय प्रतिक्रिया की। इस कथन के आलोक में, हाइब्रिड खतरों से निपटने के लिए भारत की तैयारियों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) |
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