100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

फ्यूजन-फिजन हाइब्रिड रिएक्टर

Lokesh Pal June 05, 2025 03:44 48 0

संदर्भ 

चीन ने विश्व के पहले ‘फ्यूजन-फिजन हाइब्रिड परमाणु रिएक्टर’ के निर्माण की योजना का अनावरण किया है, जिसका नाम ‘जिंगहुओ’ (मंदारिन भाषा में “स्पार्क”) है।

संबंधित तथ्य 

  • फ्यूजन-फिजन हाइब्रिड रिएक्टर (Fusion-Fission Hybrid Reactor) का उद्देश्य परमाणु ऊर्जा दक्षता एवं स्थिरता को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है, जो वैश्विक ऊर्जा उत्पादन में एक बड़ा परिवर्तन दर्शाता है।
  • चीन का लक्ष्य Q फैक्टर को 30 से अधिक करना है (प्लाज्मा हीटिंग के लिए उत्पादित ऊर्जा और उपभोग की गई ऊर्जा का अनुपात)।
    • ITER (फ्राँस) का लक्ष्य Q फैक्टर 10 करना है।
    • अमेरिकी परियोजनाएँ Q फैक्टर 1.5 तक पहुंच गई हैं।
  • संभावना है कि यह परियोजना वर्ष 2030 तक संयुक्त राज्य अमेरिका सहित परमाणु ऊर्जा विकास में मौजूदा प्रयासों को पार कर जाएगी।

अभिक्रिया का Q-मान, प्रारंभिक अभिकारकों के द्रव्यमानों के योग तथा ऊर्जा इकाइयों में अंतिम उत्पादों के द्रव्यमानों के योग के बीच के अंतर के रूप में परिभाषित किया जाता है।

फ्यूजन-फिजन हाइब्रिड रिएक्टर के बारे में:

  • जिंगहुओ फ्यूजन-विखंडन हाइब्रिड रिएक्टर दो अलग-अलग परमाणु अभिक्रियाओं ‘संलयन’ एवं ‘विखंडन’ को मिलाकर परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए एक अग्रणी दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है:

अवधारणा

  • जिंगहुओ रिएक्टर परमाणु विखंडन प्रतिक्रिया हेतु एक संलयन रिएक्टर द्वारा उत्पादित उच्च-तीव्रता वाले न्यूट्रॉन प्रवाह का उपयोग करता है।
  • इसके अतिरिक्त, संलयन अभिक्रिया न्यूट्रॉन की विखंडनीय सामग्रियों से ईंधन का उत्पादन करने में मदद करती है, जिससे रिएक्टर के लिए ईंधन की एक स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

डिजाइन

  • रिएक्टर में एक परमाणु संलयन रिएक्टर कोर होता है, जहाँ ड्यूटेरियम एवं ट्रिटियम नाभिक को हीलियम तथा उच्च-ऊर्जा न्यूट्रॉन निर्माण के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • संलयन कोर के चारों ओर विखंडनीय सामग्रियों (जैसे यूरेनियम-238 या थोरियम-232) का आवरण होता है, जिसका उपयोग संलयन न्यूट्रॉन को अवशोषित करने एवं उन्हें विखंडनीय पदार्थों (जैसे प्लूटोनियम-239 या यूरेनियम-233) में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है, जिससे ईंधन की आपूर्ति में प्रभावी रूप से वृद्धि होती है तथा प्रणाली अधिक आत्मनिर्भर बनती है।

मुख्य विशेषताएँ

  • संलयन एवं विखंडन (फ्यूजन-फिजन) का लाभ उठाना
    • संलयन रिएक्टर, न्यूट्रॉन-समृद्ध होते हैं, लेकिन इनमें ऊर्जा की कमी होती है, जो अपेक्षाकृत कम ऊर्जा उत्पादन के साथ बड़ी संख्या में न्यूट्रॉन का उत्पादन करते हैं।
    • दूसरी ओर, विखंडन रिएक्टर न्यूट्रॉन-विहीन होते हैं, लेकिन ऊर्जा समृद्ध होते हैं, जो महत्त्वपूर्ण ऊर्जा लेकिन कम न्यूट्रॉन उत्पन्न करते हैं।
    • जिंगहुओ रिएक्टर सरलता से दोनों को जोड़ता है, संलयन का उपयोग करके न्यूट्रॉन का उत्पादन करता है, जो दूसरे चरण में विखंडन को आगे बढ़ा सकता है, जिससे एक अधिक कुशल, ऊर्जा-अधिकतम चक्र निर्मित है।
  • कम बिजली की आवश्यकताएँ
    • हाइब्रिड रिएक्टर के लिए संलयन संबंधी आवश्यकताएँ शुद्ध संलयन रिएक्टरों की तुलना में कम होती हैं।
    • इस हाइब्रिड सिस्टम में संलयन का प्राथमिक उद्देश्य न्यूट्रॉन (ऊर्जा नहीं) उत्पन्न करना है, जिससे संलयन घटक कम बिजली की माँग वाला एवं अधिक कुशल बन जाता है।
  • रेडियोधर्मी अपशिष्टों में कमी
    • रिएक्टर के आवरण में उच्च न्यूट्रॉन प्रवाह लंबे समय तक रहने वाले रेडियोधर्मी अपशिष्टों को अल्पकालिक एवं कम हानिकारक पदार्थों में बदल सकता है, जिससे पर्यावरण संबंधी चिंताएँ कम हो जाती हैं। 
    • यह प्रक्रिया रेडियोधर्मी समस्थानिकों को अधिक प्रबंधनीय अपशिष्टों में बदलने में मदद करती है, जिससे निपटान आसान हो जाता है एवं परमाणु ऊर्जा के दीर्घकालिक पारिस्थितिकी प्रभाव में कमी आती है।
  • ईंधन आपूर्ति
    • जिंगहुओ रिएक्टर पर्याप्त विखंडनीय ईंधन का उत्पादन करने में सक्षम होगा।
    • फ्यूजन आधारित न्यूट्रॉन यूरेनियम-238 को प्लूटोनियम-239 या यूरेनियम-233 जैसे विखंडनीय पदार्थों में परिवर्तित कर सकते हैं।
  • निरंतर ऊर्जा उत्पादन: संयंत्र में 100 मेगावाट की निरंतर उत्पादन क्षमता होगी, जो एक लघु पैमाने के परमाणु रिएक्टर के समान है।

PWOnlyIAS विशेष

परमाणु विखंडन

  • अभिक्रिया: विखंडन में भारी परमाणु नाभिक (जैसे- यूरेनियम) को छोटे टुकड़ों में विभाजित करना शामिल है, जिससे प्रक्रिया में ऊर्जा निकलती है।
  • चुनौतियाँ: विखंडन से रेडियोधर्मी अपशिष्ट उत्पन्न होता है, जो दीर्घकालिक पर्यावरणीय चिंताओं को जन्म देता है।

परमाणु संलयन

  • अभिक्रिया: संलयन हल्के परमाणु नाभिक (जैसे हाइड्रोजन) को मिलाकर एक भारी नाभिक का निर्माण करता है, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित होती है।
  • लाभ
    • ऊर्जा दक्षता: विखंडन की तुलना में संलयन प्रति किलोग्राम ईंधन से चार गुना अधिक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
    • स्वच्छ: विखंडन की तुलना में संलयन से न्यूनतम खतरनाक अपशिष्ट उत्पन्न होता है।
    • भविष्य की संभावना: संलयन को भविष्य के लिए एक सतत्, कुशल ऊर्जा स्रोत के रूप में देखा जाता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.