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ईरान और इजरायल युद्ध: ऑपरेशन राइजिंग लायन”

Lokesh Pal June 16, 2025 05:30 97 0

संदर्भ:

इज़राइल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान पर अनेक हवाई हमले किए, जिनका लक्ष्य कई परमाणु और सैन्य ठिकाने थे। इन हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं।

  • यह हमला उस समय हुआ जब ईरान के तेज़ी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव बढ़ने लगा था, जिसे इज़राइल अपने अस्तित्व के लिए ख़तरा मानता है।

इजराइल-ईरान शत्रुता का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:

  • 1979 से पहले के संबंध: 1948 के बाद ईरान, इजरायल को मान्यता देने वाला दूसरा मुस्लिम देश था।
  • 1979 के बाद बदलाव का दौर: इस्लामी क्रांति के बाद ईरान में आयातोल्ला खुमैनी के नेतृत्व में एक धार्मिक शासन स्थापित हुआ और राजनयिक संबंध समाप्त कर दिए गए।
  • वैचारिक शत्रुता: ईरान इजरायल को फिलिस्तीनी भूमि पर कब्जा करने वाला मानता है, उसने इज़राइल को “छोटा शैतान” और अमेरिका को “बड़ा शैतान” कहकर संबोधित किया है। ईरान इजरायल को ज़ायोनिस्ट कैंसर की संज्ञा भी देता है।
  • ईरान की क्षेत्रीय भूमिका: ईरान द्वारा हमास, हौती विद्रोहियों, और हिज़्बुल्लाह को दिए गए समर्थन से विशेष रूप से 7 अक्टूबर 2023 के बाद, तनाव को और अधिक बढ़ा दिया।
  • अप्रैल 2025: ईरान ने प्रत्यक्ष रूप से इजरायल पर हमला किया।
  • IAEA द्वारा हमले की निंदा: हमलों से एक दिन पहले, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ईरान को सहयोग न करने के लिए फटकार लगाई, यह प्रतिक्रिया बीते 20 वर्षों में पहली बार देखी गई
  • जून 2025: इजरायल ने तेहरान पर हमला कर जवाबी कार्रवाई की।

इजराइल-ईरान संघर्ष के बढ़ने की स्थिति में सबसे खराब परिदृश्य:

  • अमेरिका का युद्ध में उलझना: ईरान को संदेह है कि इज़राइली हमलों में अमेरिका की मिलीभगत है, हालांकि अमेरिका ने इससे इनकार किया है।
    •  संभावित ईरानी जवाबी कार्रवाई में इराक और खाड़ी में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने तथा अमेरिकी राजनयिक मिशन निशाने पर हो सकते हैं।
    •  इराक में मौजूद ईरान समर्थित मिलिशिया अब भी खतरा बनी हुई हैं, भले ही हमास और हिज़्बुल्लाह कमजोर हुए हों।
    •  किसी स्थान पर अगर कोई अमेरिकी नागरिक मारा जाता है (जैसे, तेल अवीव में), तो अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई का दबाव बढ़ सकता है।
    •  डोनाल्ड ट्रम्प, हालांकि वहअनंत युद्धोंके विरोधी माने जाते हैं, फिर भी उन्हें इससे घरेलू राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
    •  अमेरिका एकमात्र ऐसी शक्ति है जिसके पास ईरान की भूमिगत फोर्डो परमाणु सुविधा को नष्ट करने के लिए आवश्यक बंकर-बस्टर क्षमता है।
  • खाड़ी देश संघर्ष की चपेट में:
    •  संभावना है कि ईरान खाड़ी देशों में कमज़ोर अवसंरचना (जैसे, तेल क्षेत्र, बंदरगाह) को निशाना बना सकता है।
    •  खाड़ी देशों में अमेरिकी सैन्य ठिकाने हैं और कुछ देशों ने गुप्त रूप से इज़राइल की रक्षा में सहयोग किया है।
    •  ईरान से जुड़ी पूर्व की घटनाएँ: सऊदी अरब के तेल क्षेत्र पर हमला (2019), और हौती ड्रोन द्वारा यूएई पर हमले (2022)।
    •  यदि खाड़ी देशों पर हमला होता है, तो वे अमेरिकी और इज़राइली से सैन्य सहायता की माँग कर सकते हैं, जिससे संघर्ष और अधिक बढ़ सकता है।
  • ईरान की परमाणु क्षमता को नष्ट करने में विफलता
    •  इज़राइल भले ही वैज्ञानिकों को मार दे, लेकिन ईरान के पास परमाणु ज्ञान और विशेषज्ञता बनी हुई है।
    •  हमले के बाद ईरान के परमाणु हथियार विकास को तेज़ करने का खतरा बढ़ सकता है।
    •  सावधान नेतृत्व की जगह कट्टरपंथी सैन्य नेतृत्व को अवसर मिल सकता है।
    •  इससे लगातार हमलों का चक्र शुरू हो सकता है – जिसे इज़राइल की रणनीति में मोहिंग द ग्रास कहा जाता है
  • वैश्विक आर्थिक प्रभाव: तनाव के कारण तेल की कीमतें में पहले ही तेजी आ चुकी हैं।
    •  संभावित परिणाम: ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध करने का प्रयास कर सकता है, जो एक प्रमुख तेल मार्ग है जो वैश्विक तेल व्यापार के लगभग 20% हिस्से पर एकाधिकार रखता है और यमन में हौती समूह लाल सागर में समुद्री जहाज़ों पर हमले बढ़ा सकते हैं।
    •  वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: इससे दुनिया भर में महंगाई और जीवनयापन संकट और अधिक गहराने की संभावना है।
    •  तेल की बढ़ती कीमतों से रूस को लाभ होगा, जिससे उसे यूक्रेन युद्ध के लिए आर्थिक संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।
  • ईरानी शासन का पतन
    •  नेतान्याहू ने संकेत दिया है कि उनका दीर्घकालिक लक्ष्य केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना नहीं, बल्कि शासन परिवर्तन है।
    •  इजराइल दमनकारी शासनसे स्वतंत्रता के रास्ते को साफ़ करने की बात कर रहा है।
    •  शासन के पतन से संबंधित खतरे: इससे सत्ता शून्यता और अस्थिरता पैदा हो सकती है, जैसा कि इराक और लीबिया में आक्रमण के बाद देखा गया। इसके परिणामस्वरूप गृहयुद्ध या उग्रपंथी समूहों द्वारा सत्ता की जगह भरने का जोखिम बढ़ सकता है।

आगामी रणनीति: भविष्य के दो प्रश्नों पर निर्भर

  • ईरान की प्रतिक्रिया: क्या जवाबी कार्रवाई सीमित होगी या पूर्ण रूप से जारी रहेगी?
  • इजरायल पर अमेरिकी का प्रभाव: क्या वाशिंगटन नेतन्याहू को और अधिक तनाव बढ़ाने से रोक सकता है?

 मख्यु परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

प्रश्न.वर्तमान ईरान-इज़राइल संघर्ष ने क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक शांति के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है।” इस कथन का विवेचनात्मक परीक्षण कीजिए।

(10 अंक, 150 शब्द)

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