100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक

Lokesh Pal June 27, 2025 03:15 11 0

संदर्भ

भारत के रक्षा मंत्री ने किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation- SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में मसौदा वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।

  • यह इनकार इसलिए किया गया क्योंकि मसौदे में पहलगाम आतंकवादी हमले (22 अप्रैल) का उल्लेख नहीं किया गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, लेकिन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी द्वारा बलूचिस्तान में जफर एक्सप्रेस अपहरण (मार्च 2025) का उल्लेख किया गया था।

भारत द्वारा उठाए गए मुद्दे

  • आतंकवाद पर भारत का रुख: भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए एक समान मानक की कमी की आलोचना की और इसके खिलाफ वैश्विक संघर्ष में दोहरे मानकों की निंदा की। 
    • रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि शांति और समृद्धि आतंकवाद के साथ-साथ नहीं रह सकती, विशेषकर तब जब सामूहिक विनाश के हथियार (WMD) गैर-राज्य अभिकर्त्ताओं के पास में हों।
  • सीमापार आतंकवाद के खिलाफ आरोप: भारत ने स्पष्ट रूप से उन देशों के प्रति जीरो टाॅलरेंस का आह्वान किया जो सीमापार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में उपयोग करते हैं और आतंकवादियों को आश्रय प्रदान करते हैं।
    • भारत ने SCO से आग्रह किया कि वह ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच न करें तथा आतंकवाद के विरुद्ध सामूहिक कार्रवाई के महत्त्व पर बल दिया।
  • पहलगाम हमला और भारत की प्रतिक्रिया: भारत ने आत्मरक्षा के अपने अधिकार की पुष्टि की और कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था, जो आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टाॅलरेंस को दर्शाता है।
  • आतंकवाद के लिए जवाबदेही: भारत ने सभी SCO सदस्यों से आतंकवाद की एक साथ, स्पष्ट निंदा करने का आह्वान किया, चाहे ऐसे कृत्यों के पीछे कोई भी उद्देश्य हो।
    • इसने आतंकवाद के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • कट्टरपंथ से निपटना: भारत ने कट्टरपंथ और आतंकवाद का मुकाबला करने में क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) की भूमिका को स्वीकार किया।
    • भारत ने SCO सदस्यों से कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया, विशेषकर युवाओं के बीच।
  • गैर-पारंपरिक सुरक्षा के बढ़ते खतरे: भारत ने उभरते गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरों के बारे में चिंता जताई, जिसमें आतंकवादियों द्वारा हथियारों और ड्रग्स की सीमा पार तस्करी के लिए ड्रोन जैसी तकनीक का उपयोग शामिल है।
    • चर्चा की गई अन्य वैश्विक चुनौतियों में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, साइबर हमले और हाइब्रिड युद्ध शामिल हैं जो राष्ट्रीय सीमाओं को पार करते हैं और एक एकीकृत प्रतिक्रिया की माँग करते हैं।
  • भारत का वैश्विक रुख: भारतीय रक्ष मंत्री ने देशों के बीच संवाद एवं सहयोग को बढ़ावा देने तथा संघर्ष को रोकने के लिए सुधारित बहुपक्षवाद का प्रस्ताव रखा।
    • उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्वीकरण अपनी गति खो रहा है, तथा बहुपक्षीय प्रणालियाँ कमजोर हो रही हैं, जिससे महामारी, जलवायु परिवर्तन तथा खाद्य एवं जल सुरक्षा जैसे तात्कालिक वैश्विक मुद्दों को संबोधित करना कठिन हो रहा है।
    • भारत ने इन जटिल चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास: भारत ने मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे न केवल व्यापार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि देशों के बीच आपसी विश्वास भी मजबूत होगा, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
  • अफगानिस्तान के प्रति प्रतिबद्धता: भारत ने अफगानिस्तान के लिए अपना निरंतर समर्थन व्यक्त किया, अफगान लोगों के लिए अपनी क्षमता निर्माण पहल जारी रखी, क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान दिया और क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा का समर्थन करने में भारत की भूमिका को मजबूत किया।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बारे में

  • उत्पत्ति: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की उत्पत्ति वर्ष 1996 में गठित ‘शंघाई फाइव’ समूह से संबंधित है, जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं।
    • वर्ष 1991 में USSR के विघटन के बाद, नए स्वतंत्र राष्ट्रों को चरमपंथी धार्मिक समूहों और नृजातीय तनावों के बारे में क्षेत्रीय चिंताओं का सामना करना पड़ा।
    • इन सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए, क्षेत्र के भीतर सुरक्षा और स्थिरता पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समूह का गठन किया गया था।
  • स्थापना: SCO की आधिकारिक स्थापना 15 जून, 2001 को शंघाई में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में की गई थी, जिसमें उज्बेकिस्तान छठे सदस्य के रूप में शामिल हुआ था।
  • पूर्ण सदस्य: भारत, बेलारूस, चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान
    • पर्यवेक्षक राष्ट्र: अफगानिस्तान और मंगोलिया को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
  • महत्त्व: SCO सुरक्षा मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने वाले कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक है और इसमें मुख्य रूप से एशियाई सदस्य शामिल हैं। 
    • इसका उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटना है, तथा अपने सदस्यों के बीच आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राजनीतिक संवाद पर ध्यान केंद्रित करना है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.