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Lokesh Pal
June 30, 2025 02:28
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शोधकर्त्ताओं का आग्रह है कि भारत को अपनी विदेश नीति को तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप ढालना चाहिए तथा शीतयुद्ध की रणनीतियों तथा काल्पनिक ऐतिहासिक आख्यानों से आगे बढ़कर व्यावहारिक, बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
भारत को क्षेत्रीय अस्थिरता, वैश्विक तनाव और घरेलू बाधाओं को संबोधित करते हुए अपनी आर्थिक वृद्धि और रणनीतिक साझेदारी का लाभ उठाने के लिए एक व्यावहारिक, बहुआयामी विदेश नीति अपनानी चाहिए। अपनी कूटनीति को आधुनिक बनाकर और IMEC जैसी पहलों को पुनर्जीवित करके, भारत स्वयं को नई बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में एक अग्रणी शक्ति के रूप में स्थापित कर सकता है।
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