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तलाश पहल

Lokesh Pal July 12, 2025 02:38 13 0

संदर्भ

हाल ही में राष्ट्रीय आदिवासी शिक्षा संस्थान (National Education Society for Tribal Students- NESTS) ने UNICEF इंडिया के साथ मिलकर ‘ट्राइबल एप्टीट्यूड, लाइफ स्किल एंड सेल्फ-स्टीम हब’ (Tribal Aptitude, Life Skills and Self-Esteem Hub) अर्थात् तलाश (TALASH) पहल की शुरुआत की है।

तलाश (TALASH) पहल के बारे में

  • तलाश (TALASH) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (Eklavya Model Residential Schools- EMRSs) में छात्रों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है।
    • इसका उद्देश्य पूरे भारत में आदिवासी छात्रों की शिक्षा एवं व्यक्तिगत विकास दोनों में सुधार लाना है।
      • साथ ही आदिवासी युवाओं में आत्म-जागरूकता, जीवन कौशल एवं कॅरियर संबंधी स्पष्टता की खोज करना।
  • लक्ष्य: 28 राज्यों एवं 8 केंद्रशासित प्रदेशों के 1.38 लाख से अधिक आदिवासी छात्र।
  • विजन एवं लक्ष्य
    • आदिवासी युवाओं में आत्म-खोज एवं कॅरियर नियोजन को बढ़ावा देना।
    • व्यक्तिगत विकास, आत्मविश्वास एवं जीवन के प्रति तत्परता को बढ़ाना।
    • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुरूप समग्र एवं समावेशी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

                                                              TALASH के प्रमुख घटक

साइकोमेट्रिक आकलन
  • NCERT की ‘तमन्ना’ (Tamanna) पहल पर आधारित।
  • छात्रों के गुणों, रुचियों एवं योग्यताओं की पहचान करता है।
  • व्यक्तिगत कॅरियर सुझावों के साथ कॅरियर कार्ड तैयार करता है।
कॅरियर परामर्श
  • छात्रों के लक्ष्यों को उनकी क्षमताओं के साथ संरेखित करने में मदद करने के लिए सूचित मार्गदर्शन प्रदान करता है।
  • रणनीतिक शैक्षिक एवं कॅरियर संबंधी निर्णय लेने में सहायता करता है।
जीवन कौशल एवं आत्म-सम्मान मॉड्यूल
  • समस्या-समाधान, भावनात्मक विनियमन एवं संचार जैसे कौशल विकसित करता है।
  • आत्मविश्वास, लचीलापन एवं आत्म-मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है।
शिक्षकों के लिए ई-लर्निंग
  • एक समर्पित डिजिटल पोर्टल, जो प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन उपकरण प्रदान करता है।
  • शिक्षकों को छात्रों के शैक्षणिक एवं भावनात्मक विकास में सहायता करने में सक्षम बनाता है।

कार्यान्वयन रणनीति

  • सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए चुनिंदा शहरों से चरणबद्ध राष्ट्रीय स्तर पर इसकी शुरूआत की जाएगी।
  • क्षमता निर्माण के भाग के रूप में 75 EMRS के 189 शिक्षकों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है।
  • लक्ष्य: वर्ष 2025 के अंत तक सभी EMRS में पूर्ण कार्यान्वयन।

महत्त्व

  • यह अपनी तरह की पहली पहल है, जो विशेष रूप से आदिवासी छात्रों पर केंद्रित है।
  • दूरदराज के क्षेत्रों में भी पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी एवं साक्ष्य-आधारित उपकरणों का उपयोग करती है।
  • समावेशी, न्यायसंगत एवं भविष्य के लिए तैयार शिक्षा प्रणालियों को मजबूत बनाती है।
  • आदिवासी शिक्षा के अंतराल को पाटने के भारत के व्यापक उद्देश्य का समर्थन करती है।

                                                                      पूरक पहल एवं रणनीतिक साझेदारियाँ

परीक्षा के लिए कोचिंग एवं कॅरियर सहायता
  • पूर्व नवोदयन फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन
    • IIT-JEE एवं NEET उम्मीदवारों के लिए कोचिंग प्रदान करता है।
    • यह उपलब्धि इस बात पर आधारित है कि 600 से अधिक EMRS छात्र पहले ही राष्ट्रीय स्तर की इन परीक्षाओं में सफल हो चुके हैं।
  • टाटा मोटर्स के साथ समझौता ज्ञापन
    • कक्षा 12 के बाद EMRS स्नातकों के लिए कौशल विकास एवं रोजगार सहायता प्रदान करता है।
    • शिक्षा एवं आजीविका के बीच के अंतर को पाटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
शिक्षक सशक्तीकरण 
  • शिक्षक प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन के लिए समर्पित डिजिटल पोर्टल है।
  • संसाधन साझाकरण एवं ई-लर्निंग के माध्यम से एक सहायक शैक्षणिक वातावरण को प्रोत्साहित करता है।
आदि कर्मयोगी कार्यक्रम (समानांतर पहल)
  • इसे जनजातीय कार्य मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा लॉन्च किया गया।
  • उद्देश्य: नागरिक-केंद्रित और वितरण-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ प्रेरित क्षेत्रीय अधिकारियों का एक कैडर तैयार करना।
  • 20 लाख जनजातीय हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण का लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है। 
  • यह प्रशिक्षित करेगा
    • 180 राज्य-स्तरीय प्रशिक्षक
    • 3,000+ जिला-स्तरीय प्रशिक्षक
    • 15,000+ ब्लॉक-स्तरीय प्रशिक्षक।

संस्थागत पृष्ठभूमि

राष्ट्रीय आदिवासी शिक्षा संस्थान (NESTS)

  • जनजातीय कार्य मंत्रालय (भारत सरकार) के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन, जिसकी स्थापना वर्ष 2019 में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (Eklavya Model Residential Schools- EMRS) के प्रबंधन के लिए की गई थी।

यूनिसेफ (UNICEF)

  • 190 से अधिक देशों में कार्यरत एक वैश्विक एजेंसी, जो कमजोर समुदायों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं बाल संरक्षण पर केंद्रित है।
  • स्थापना: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वर्ष 1946 में की गई थी।
  • सम्मान: वर्ष 1965 में नोबेल शांति पुरस्कार, वर्ष 1989 में इंदिरा गांधी पुरस्कार एवं वर्ष 2006 में ‘प्रिंसेस ऑफ ऑस्टुरियस’ पुरस्कार प्राप्त किया।
  • प्रकाशित रिपोर्ट: द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन रिपोर्ट्स, यूनिसेफ वार्षिक रिपोर्ट, प्राॅस्पेक्टस फॉर चिल्ड्रन: ग्लोबल आउटलुक।
  • मुख्यालय: न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका।

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