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‘कौशल भारत मिशन’ के 10 वर्ष

Lokesh Pal July 17, 2025 03:36 44 0

संदर्भ

कौशल भारत मिशन (Skill India Mission) की 10वीं वर्षगाँठ 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) पर मनाई गई। 

कौशल भारत मिशन (Skill India Mission) के बारे में 

  • लॉन्च और विजन: वर्ष 2015 में लॉन्च किए गए कौशल भारत मिशन का उद्देश्य अल्पकालिक प्रशिक्षण, प्रशिक्षुता और व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में कुशल कार्यबल तैयार करना है।
  • नोडल मंत्रालय: कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE), भारत सरकार।
  • उद्देश्य
    • युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि।
    • उद्योग-कौशल के बीच के अंतराल को पाटना।
    • उद्यमिता और पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देना।
    • महिलाओं, अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों और अन्य हाशिए पर स्थित समूहों का समावेश सुनिश्चित करना।
    • नए युग की तकनीकों से युक्त भविष्य के लिए तैयार कार्यबल तैयार करना।
  • पुनर्गठन 
    • फरवरी 2025 में, पुनर्गठित ‘कौशल भारत कार्यक्रम’ (Skill India Programme) को वर्ष 2022-23 से वर्ष 2025-26 के लिए अनुमोदित किया गया था। 
    • पुनर्गठित ‘कौशल भारत मिशन’ को वर्ष 2022-23 से वर्ष 2025-26 के लिए अनुमोदित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana 4.0- PMKVY 4.0), प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (Pradhan Mantri National Apprenticeship Promotion Scheme- PM-NAPS) और जन शिक्षण संस्थान (Jan Shikshan Sansthan-JSS) योजना को एक एकल केंद्रीय क्षेत्र योजना में विलय कर दिया गया था।

कौशल भारत कार्यक्रम के अंतर्गत प्रमुख पहल

  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana-PMKVY): यह वर्ष 2015 में शुरू किया गया प्रमुख अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
    • मौद्रिक पुरस्कारों और पूर्व-शिक्षण की मान्यता (Recognition of Prior Learning-RPL) के साथ प्रमाणन आधारित प्रशिक्षण पर केंद्रित है।
  • जन शिक्षण संस्थान (Jan Shikshan Sansthan-JSS): यह पहल ग्रामीण तथा शहरी गरीब क्षेत्रों की 15 से 45 वर्ष आयु वर्ग की निरक्षर, स्कूल छोड़ चुकी एवं सामाजिक रूप से हाशिए पर स्थित महिलाओं को व्यावसायिक कौशल से सशक्त बनाने हेतु लक्षित है।
  • राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्द्धन योजना (National Apprenticeship Promotion Scheme (NAPS): छात्रवृत्ति सहायता प्रदान करता है और उद्योगों में कार्यस्थल पर प्रशिक्षण को बढ़ावा देता है।
  • ‘स्किल इंडिया’ डिजिटल हब (Skill India Digital Hub-SIDH): शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को एकीकृत करने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म, आधार-आधारित निगरानी और प्रदर्शन-आधारित भुगतान को सक्षम बनाता है।
  • स्किल हब इनिशिएटिव (Skill Hub Initiative-SHI): स्कूल और कॉलेज के बुनियादी ढाँचे के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा को औपचारिक शिक्षा के साथ एकीकृत करता है।
  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: पारंपरिक कारीगरों के लिए प्रशिक्षण, ऋण, टूलकिट और डिजिटल मार्केटिंग सहित संपूर्ण सहायता प्रदान करना।
  • दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana-DDU-GKY): यह योजना ग्रामीण परिवारों की आय में विविधता लाने और युवाओं को वेतनभोगी रोजगार के लिए प्रशिक्षित करने पर केंद्रित है।
  • ग्रामीण स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण संस्थान (Rural Self Employment and Training Institutes-RSETIs): बैंक द्वारा संचालित पहल, जो ग्रामीण युवाओं के लिए आवासीय उद्यमिता प्रशिक्षण और ऋण लिंकेज प्रदान करती है।

कौशल भारत मिशन की उपलब्धियाँ

  • व्यापक प्रशिक्षण पहुँच: वर्ष 2015 से अब तक 1.6 करोड़ से अधिक युवाओं को PMKVY के तहत प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
    • वर्ष 2014 से अब तक कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship-MSDE) के अंतर्गत सभी योजनाओं के अंतर्गत 6 करोड़ से अधिक नागरिकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
  • लैंगिक और सामाजिक समावेशन: PMKVY में 45% प्रशिक्षु महिलाएँ हैं, जिनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का महत्त्वपूर्ण प्रतिनिधित्व है।
  • क्षेत्रीय और तकनीकी विस्तार: कौशल प्रशिक्षण का विस्तार करके इसमें AI, रोबोटिक्स, IoT, मेक्ट्रोनिक्स और ड्रोन तकनीक को शामिल किया गया।
  • विशेष परियोजनाएँ: इन्हें हाशिए पर स्थित वर्गों को शामिल करने के लिए डिजाइन किया गया था।
    • उदाहरणों में जम्मू-कश्मीर में ‘ब्रू’ जनजाति के 2,500 व्यक्ति, जेल के कैदियों और ‘नमदा’ शिल्पकारों का प्रशिक्षण शामिल है।
  • प्रभावी प्रशिक्षुता प्रोत्साहन: 51,000 से अधिक प्रतिष्ठानों के साथ साझेदारी में PM-NAPS के तहत 43.47 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को नियुक्त किया गया।
  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का प्रदर्शन: जुलाई 2025 तक 2.7 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए और 29 लाख पंजीकृत हुए।

कौशल भारत के विजन को साकार करने में चुनौतियाँ

  • कम प्लेसमेंट दरें: PMKVY 3.0 तक PMKVY के अल्पकालिक प्रशिक्षण (Short-Term Training-STT) घटक के अंतर्गत केवल 42.8% प्लेसमेंट दर दर्ज की गई।
  • डिजिटल विभाजन और बुनियादी ढाँचे की कमी: ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में डिजिटल संसाधनों तक सीमित पहुँच ऑनलाइन कौशल वितरण में बाधा डालती है।
  • उद्योग-प्रासंगिकता और पाठ्यक्रम की कमी: उभरते तकनीकी क्षेत्रों में तेजी से बदलती उद्योग माँगों की तुलना में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रायः पिछड़ जाते हैं।
  • विखंडित कार्यान्वयन: अतिव्यापी योजनाएँ और शासन संरचनाएँ समन्वय और समग्र दक्षता को कम करती हैं।
  • गुणवत्ता आश्वासन की कमी: प्रशिक्षक की गुणवत्ता और संस्थागत मानकों में भिन्नताएँ कौशल परिणामों और रोज़गारपरकता को प्रभावित करती हैं।

चुनौतियों से निपटने के लिए वर्तमान पहल

  • स्किल इंडिया डिजिटल हब (SIDH) का शुभारंभ: कौशल, शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता को प्रदर्शन आधारित भुगतानों से जोड़ने वाला एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म।
  • एबीसी के माध्यम से शैक्षणिक एकीकरण: PMKVY 4.0 के अंतर्गत, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (Academic Bank of Credits-ABC) कौशल और औपचारिक शिक्षा के बीच क्रेडिट हस्तांतरण की अनुमति देता है।
  • उत्कृष्टता केंद्रों का निर्माण: जून 2025 में उच्च-स्तरीय प्रशिक्षक प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद और चेन्नई स्थित NSTI में दो नए केंद्र स्थापित किए जाएँगे।
  • परिणाम-आधारित निगरानी पर ध्यान: पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए आधार-लिंक्ड सत्यापन, डिजिटल प्रमाणन और प्लेसमेंट ट्रैकिंग की शुरुआत की गई है।

आगे की राह

  • उद्योग संबंधों को बढ़ावा देना: पाठ्यक्रम डिजाइन, प्रशिक्षुता और प्रमाणन में उद्योग की भागीदारी को गहरा करना।
  • डिजिटल बुनियादी ढाँचे के विस्तार को प्राथमिकता देना: डिजिटल अंतराल को पाटने के लिए ग्रामीण कौशल संस्थानों में डिजिटल प्रयोगशालाओं, कनेक्टिविटी और उपकरणों में निवेश करना।
  • मुख्यधारा की व्यावसायिक शिक्षा: व्यापार और शिल्प से प्रारंभिक परिचितता विकसित करने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना।
    • व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए NEP, 2020 के प्रावधान सही दिशा में एक कदम है।
  • निगरानी और फीडबैक तंत्र को मजबूत करना: पाठ्यक्रम की गुणवत्ता और प्रासंगिकता में सुधार के लिए वास्तविक समय आधारित निगरानी, आवधिक मूल्यांकन और फीडबैक तंत्र को लागू करना।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana-PMKVY) कौशल विकास के माध्यम से युवा सशक्तीकरण के लिए एक परिवर्तनकारी राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में विकसित हुई है। इसकी परिकल्पना को पूरी तरह साकार करने के लिए, प्रणालीगत चुनौतियों का समाधान करना और नवाचार, डिजिटलीकरण तथा समावेशिता को सुदृढ़ करना महत्त्वपूर्ण होगा क्योंकि भारत ज्ञान-संचालित, कुशल अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है।

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