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Lokesh Pal
July 18, 2025 04:39
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हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने मृत्यु दंड की सजा प्राप्त एक कैदी को मुक्त कर दिया तथा संसद से आग्रह किया कि वह लंबी कैद के बाद बरी हुए कैदियों के लिए कानूनी मुआवजे पर विचार करे।
सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय भारत में एक वैधानिक मुआवजा ढाँचे की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है। अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं से प्रेरित होकर, ऐसा कानून न्याय प्रणाली में जनता के विश्वास को मजबूत करेगा और अनुच्छेद-21 के तहत संवैधानिक गारंटियों को पूर्ण करेगा।
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