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Lokesh Pal
August 15, 2025 05:15
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स्वतंत्रता दिवस केवल ब्रिटिश साम्राज्यवाद से राजनीतिक मुक्ति का स्मरणोत्सव नहीं है; यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं के उस दृष्टिकोण की पुनः पुष्टि है, जिसके तहत प्रत्येक नागरिक के लिए समानता, न्याय और सम्मान पर आधारित राष्ट्र का निर्माण किया जाना है।
एक अत्यंत चिंताजनक प्रवृत्ति लोकतांत्रिक संवाद को व्यवस्थित रूप से कमजोर करना है:
भारत के संघीय ढांचे के लिए चुनौतियाँ:
भारत के स्वतंत्रता संग्राम का उद्देश्य संवैधानिक आदर्शों से बंधे स्वतंत्र व्यक्तियों के एक संघ का निर्माण करना था।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: सत्ता का बढ़ता केंद्रीकरण, संवैधानिक पदों पर राजनीतिक प्रभाव के उदाहरण और सहकारी संघवाद पर दबाव, भारत के संवैधानिक लोकतंत्र के कामकाज के लिए उल्लेखनीय चुनौतियाँ प्रस्तुत करते हैं। हाल के घटनाक्रमों के आलोक में, राज्य की स्वायत्तता पर इन प्रवृत्तियों के प्रभावों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) |
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