100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार

Lokesh Pal August 18, 2025 05:02 7 0

संदर्भ

प्रधानमंत्री ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कर बोझ कम करने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ‘दिवाली उपहार’ के रूप में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा की।

प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस भाषण के मुख्य बिंदु

  • विकसित भारत 2047 विजन: प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत किया, जिसमें रक्षा, अर्द्धचालक, स्वच्छ ऊर्जा और कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, नवाचार तथा नागरिक सशक्तीकरण पर जोर दिया गया।
  • मिशन सुदर्शन चक्र: रणनीतिक और नागरिक स्थलों की सुरक्षा के लिए, श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र से प्रेरित होकर, वर्ष 2035 तक एक स्वदेशी रक्षा कवच विकसित करने की एक दशक पुरानी पहल।
  • जीएसटी सुधार: वर्ष 2025 की दिवाली तक अगली पीढ़ी के सुधारों को लागू करने, आवश्यक वस्तुओं पर कर कम करने, कर-स्लैब को सरल बनाने तथा MSME, स्टार्ट-अप्स और उपभोक्ताओं को समर्थन प्रदान कर आर्थिक विकास को गति देने का लक्ष्य रखा गया है।
  • प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना: 3 करोड़ रोजगार सृजित करने के लिए ₹1 लाख करोड़ की योजना, पहली बार रोजगार प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को ₹15,000 मासिक प्रोत्साहन राशि प्रदान करना, युवाओं के रोजगार को बढ़ावा देना।
  • सेमीकंडक्टर उत्पादन: ‘मेड-इन-इंडिया’ चिप्स वर्ष 2025 के अंत तक लॉन्च किए जाएँगे, जिनके छह संयंत्र चालू होंगे और आयात पर निर्भरता कम होगी।
  • स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धि: वर्ष 2025 तक 50% गैर-जीवाश्म ईंधन विद्युत उत्पादन प्राप्त किया जाएगा, वर्ष 2047 तक परमाणु ऊर्जा के दस गुना विस्तार और सौर, हाइड्रोजन और जल ऊर्जा में निवेश की योजना है।
  • नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन: अपतटीय ऊर्जा संसाधनों का दोहन, ईंधन आयात पर निर्भरता कम करना।
  • जनसांख्यिकी मिशन: सीमावर्ती क्षेत्रों में हस्तक्षेप के कारण जनसांख्यिकीय असंतुलन को दूर करने, सुरक्षा और नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए उच्च-स्तरीय मिशन।
  • महिला एवं युवा सशक्तीकरण: स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 3 करोड़ महिलाएँ ‘लखपति दीदी’ बनेंगी; युवाओं से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जेट इंजन और अंतरिक्ष तकनीक में नवाचार करने का आग्रह।

जीएसटी सुधारों की मुख्य विशेषताएँ

  • संशोधित कर स्लैब
    • वर्तमान स्लैब: 5%, 12%, 18%, 28%, साथ ही ‘सिन गुड्स’ पर क्षतिपूर्ति उपकर।
    • प्रस्तावित स्लैब
      • 5% (योग्यता) और 18% (मानक) स्लैब बरकरार रखना।
      • कीमती धातुओं (जैसे- सोना 3%, ‘सेमी-प्रीसियस’ पत्थर 0.25%) के लिए रियायती दर (<1%) लागू करना।
      • 5-7 वस्तुओं (जैसे- तंबाकू, गुटखा) के लिए 40% की उच्च ‘सिन रेट’ लागू करना।
    • दर में कटौती
      • 12% स्लैब में शामिल 99% वस्तुएँ (जैसे– टूथपेस्ट, साबुन, शैंपू जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुएँ) 5% पर आ जाएँगी।
      • 28% स्लैब में शामिल 90% वस्तुएँ (जैसे- एयर कंडीशनर, सफेद वस्तुएँ) 18% पर आ जाएँगी।
    • कोई उपकर नहीं: 31 मार्च, 2026 के बाद क्षतिपूर्ति उपकर (1%-290%) समाप्त कर दिया जाएगा, और ‘सिन गुड्स’ के लिए दरों को 40% कर दिया जाएगा।
  • सुधारों के प्रमुख स्तंभ
    • स्तंभ 1: संरचनात्मक सुधार
      • विपरीत शुल्क ढाँचे में सुधार: इनपुट टैक्स क्रेडिट के संचयन को कम करने के लिए इनपुट और आउटपुट कर दरों को समान बनाना, जिससे घरेलू मूल्य संवर्धन (जैसे- कपड़ा) को बढ़ावा मिले।
      • वर्गीकरण संबंधी मुद्दों का समाधान: विवादों को कम करने, अनुपालन को सरल बनाने और सभी क्षेत्रों में समानता सुनिश्चित करने के लिए दर संरचनाओं को सुव्यवस्थित करना।
      • स्थिरता और पूर्वानुमान: उद्योग जगत का विश्वास बढ़ाने और व्यावसायिक योजना में सुधार के लिए दरों और नीतिगत दिशा पर दीर्घकालिक स्पष्टता प्रदान करना।
    • स्तंभ 2: दर युक्तीकरण
      • कर में कमी: आवश्यक और आकांक्षी वस्तुओं (जैसे- टूथपेस्ट, एयर कंडीशनर) पर कर कम करके सामर्थ्य में वृद्धि और उपभोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
      • सरलीकृत स्लैब: चुनिंदा वस्तुओं (जैसे- ‘सिन गुड्स’ के लिए 40%) के लिए विशेष दरों के साथ दो मुख्य स्लैब (5% योग्यता, 18% मानक) में परिवर्तन।
      • क्षतिपूर्ति उपकर समाप्ति: 31 मार्च, 2026 तक उपकर समाप्त करने से स्थायी दर संरेखण के लिए राजकोषीय संभावना बनी रहती है।
    • स्तंभ 3: जीवन में आसानी
      • पंजीकरण: निर्बाध, तकनीक-संचालित, समयबद्ध GST पंजीकरण, विशेष रूप से स्टार्ट-अप/MSMEs के लिए।
      • रिटर्न: मैनुअल हस्तक्षेप को कम करने और विसंगतियों को दूर करने के लिए पहले से भरे हुए GST रिटर्न।
      • रिफंड: निर्यातकों और विपरीत शुल्क ढाँचे वाले क्षेत्रों के लिए तेज, स्वचालित रिफंड प्रक्रिया।

GST सुधार, 2025 के लाभ

उपभोक्ताओं के लिए लाभ

  • आवश्यक और महत्त्वाकांक्षी वस्तुओं की कम कीमतें: प्रस्तावित दो-स्लैब संरचना दैनिक उपयोग और महत्त्वाकांक्षी वस्तुओं की लागत को कम करती है, जिससे उनकी सामर्थ्य बढ़ती है।
    • छोटे FMCG पाउच (₹10 या उससे कम) और रेफ्रिजरेटर जैसे घरेलू उपकरण सस्ते हो जाएँगे, जिससे आम आदमी, महिलाओं, छात्रों और मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
  • उपभोग में वृद्धि: कम कर दरों से उपभोक्ता खर्च में वृद्धि, माँग और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो लाफर वक्र सिद्धांत के अनुरूप है, जहाँ कम दरें अधिक उपभोग और राजस्व की ओर ले जाती हैं।
  • एकसमान कराधान: समान वस्तुओं (जैसे- सभी नमकीन) पर एक ही दर से कर लगाया जाएगा, जिससे भ्रम कम होगा और पारदर्शी मूल्य निर्धारण सुनिश्चित होगा, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा।

MSMEs और उद्योगों के लिए लाभ 

  • सरलीकृत अनुपालन: दो स्लैब (5% और 18%) में परिवर्तन से वर्गीकरण संबंधी विवाद कम होते हैं, जिससे MSMEs और स्टार्ट-अप्स के लिए अनुपालन लागत कम होती है।
    • पहले से भरे हुए GST रिटर्न और निर्बाध पंजीकरण प्रक्रिया जैसे प्रौद्योगिकी-संचालित उपाय अनुपालन को सरल बनाते हैं, जिससे छोटे व्यवसाय विकास पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
  • उल्टे शुल्क ढाँचे में सुधार: इनपुट और आउटपुट कर दरों (जैसे- वस्त्र उद्योग में) को एक समान करने से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) संचयन कम होता है, जिससे वस्त्र और हीरे जैसे श्रम-प्रधान तथा निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों के लिए कार्यशील पूँजी मुक्त होती है।
  • बेहतर व्यावसायिक योजना: दरों और नीतिगत दिशा पर दीर्घकालिक स्पष्टता उद्योग के विश्वास को बढ़ाती है, जिससे बेहतर निवेश और परिचालन योजना संभव होती है।

अर्थव्यवस्था के लिए लाभ

  • कर अनुपालन और राजस्व में वृद्धि: सरलीकृत स्लैब और कम दरों के माध्यम से कर चोरी कम होने से कर का दायरा बढ़ने की उम्मीद है, जिससे प्रारंभिक राजस्व घाटे की भरपाई हो सकेगी (18% स्लैब-67%, 28% स्लैब-11%, 12% स्लैब-5%, 5% स्लैब-7%)।
    • मार्च 2025 में GST संग्रह 9.9% बढ़कर ₹1.96 ट्रिलियन से अधिक हो गया, जो एक मजबूत कर आधार का संकेत देता है, जो सुधारों को बनाए रख सकता है।
  • आत्मनिर्भर भारत के लिए समर्थन: कम कर और उचित शुल्क संरचनाएँ घरेलू उत्पादन और निर्यात प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देती हैं, जो आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों के अनुरूप हैं।
  • आर्थिक विकास और क्षेत्रीय विस्तार: इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों पर कम कर दरें (उदाहरण के लिए, होटलों पर अब घोषित शुल्कों के बजाय वास्तविक शुल्कों पर कर लगाया जाता है) स्थायी और पर्यटन उद्योगों में वृद्धि को प्रोत्साहित करती हैं।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था कराधान: ऑनलाइन गेमिंग, ई-कॉमर्स और डिजिटल सेवाओं के लिए संशोधित जीएसटी नियम निष्पक्ष कराधान सुनिश्चित करते हैं, जिससे वृद्धिमान डिजिटल अर्थव्यवस्था के कारण राजस्व में वृद्धि होती है।

शासन के लिए लाभ

  • सहकारी संघवाद: GST परिषद तथा बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व वाले मंत्रिसमूह के माध्यम से राज्यों के साथ केंद्र की सहभागिता, आम सहमति को प्रोत्साहित करती है और संघीय सहयोग को सुदृढ़ बनाती है।
  • सुरक्षा एवं पारदर्शिता में वृद्धि: 1 अप्रैल, 2025 से सभी करदाताओं के लिए अनिवार्य बहु-कारक प्रमाणीकरण (Multi-Factor Authentication- MFA) GST पोर्टल की सुरक्षा को बढ़ाता है, जिससे अनधिकृत पहुँच और धोखाधड़ी कम होती है।
    • GST सुविधा केंद्रों पर कंपनी निदेशकों के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पंजीकरण को सरल बनाता है और साथ ही धोखाधड़ी वाले आवेदनों को रोकता है।
  • तीव्र ‘रिफंड प्रोसेस’ प्रक्रिया: निर्यातकों और विपरीत शुल्क ढाँचे वाले क्षेत्रों के लिए स्वचालित ‘रिफंड प्रोसेसिंग’, नकदी प्रवाह और परिचालन दक्षता में सुधार करता है।

वस्तु एवं सेवा कर (GST) के बारे में

वस्तु एवं सेवा कर (GST) भारत में किए गए सबसे बड़े आर्थिक और कराधान सुधारों में से एक है।

  • उद्देश्य: देश में कराधान संरचना को सुव्यवस्थित करना और कराधान प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अप्रत्यक्ष करों की एक शृंखला को एकल GST से प्रतिस्थापित करना।
  • संदर्भ: GST मूलतः एक उपभोग कर है और अंतिम उपभोग बिंदु पर लगाया जाता है। जीएसटी कराधान के गंतव्य आधारित सिद्धांत से संबंधित है।
    • यह मूल्य संवर्द्धन पर लगाया जाता है और छूट प्रदान करता है।
    • यह कर के व्यापक प्रभाव से बचाता है, जिससे अंतिम उपभोक्ता पर कर का बोझ बढ़ जाता है।
    • यह आपूर्ति शृंखला में प्रत्येक वाणिज्यिक बिंदु पर वस्तुओं एवं सेवाओं पर वसूला जाता है।
  • कर संग्रह के स्लैब: 0%, 5%, 12%, 18% और 28%
  • भारत में GST की पृष्ठभूमि एवं विकास
    • प्रस्तावितकर्ता: भारत में राष्ट्रव्यापी GST का विचार सर्वप्रथम वर्ष 2000 में अप्रत्यक्ष करों पर केलकर टास्क फोर्स द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
    • संसद में प्रस्तावना: केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वर्षों के विचार-विमर्श और बातचीत के बाद, संविधान (122वाँ संशोधन) विधेयक, 2014, संसद में प्रस्तुत किया गया ताकि अनेक अप्रत्यक्ष करों को समाप्त किया जा सके और ‘एक राष्ट्र एक कर’ प्रणाली लागू की जा सके।
    • संसद में पारित: संविधान (122वाँ संशोधन) विधेयक, 2016 में संविधान (101वाँ संशोधन) अधिनियम, 2016 के रूप में पारित हुआ और 1 जुलाई, 2017 को पूरे देश में GST लागू किया गया।
    • जीएसटी परिषद की स्थापना: वर्ष 2016 के संविधान संशोधन द्वारा GST को लागू करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री और सभी राज्यों के प्रतिनिधियों वाली एक GST परिषद का गठन किया गया।
      • जीएसटी परिषद की सहायता के लिए, जीएसटी परिषद सचिवालय का कार्यालय भी स्थापित किया गया।

वस्तु एवं सेवा कर (GST) के लिए संवैधानिक ढाँचा

101वाँ संविधान संशोधन अधिनियम: भारत में वस्तु एवं सेवा कर विधेयक वर्ष 2016 में पारित किया गया था।

  • अनुच्छेद-246A: संसद और राज्य विधानमंडलों दोनों को जीएसटी से संबंधित कानून बनाने की समवर्ती शक्तियाँ प्राप्त होंगी।
    • हालाँकि, संसद को वस्तुओं और सेवाओं के अंतर राज्यीय व्यापार के मामले में कानून बनाने का विशेष अधिकार रहेगा।
      • अनुच्छेद-269A: अंतर राज्यीय व्यापार के मामले में, जहाँ GST केंद्र सरकार द्वारा लगाया और एकत्र किया जाता है, कर राजस्व को केंद्र द्वारा केंद्र और राज्यों के बीच GST परिषद की सिफारिशों पर संसद द्वारा कानून द्वारा निर्धारित तरीके से विभाजित किया जाएगा।
      • अनुच्छेद-279A: यह भारत के राष्ट्रपति को GST परिषद का गठन करने और इसकी संरचना एवं कार्यप्रणाली को परिभाषित करने का अधिकार देता है।

निष्कर्ष 

प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2025 को घोषित वर्ष 2025 जीएसटी सुधारों का उद्देश्य कर संरचना को सरल बनाना, उपभोक्ता और व्यावसायिक बोझ को कम करना और विकसित भारत वर्ष 2047 के अनुरूप आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। हालाँकि, राज्यों और क्षेत्रों में प्रभावी कार्यान्वयन और समान लाभ सुनिश्चित करने के लिए राजस्व जोखिम, संघीय सहमति तथा अनुपालन जटिलताओं जैसी चुनौतियों का समाधान किया जाना आवश्यक है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.