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Lokesh Pal
August 25, 2025 05:15
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राजनीतिक वर्ग में नैतिक निष्ठा एक ऐसा विरोधाभास है जिससे भारत लगातार जूझता रहा है। जहाँ एक ओर मतदाता राजनीतिक वर्ग में नैतिक निष्ठा की माँग करते हैं, वहीं दूसरी ओर, राजनीतिक वर्ग में अपराध का एक व्यापक साया व्याप्त है।
जब तक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) उचित प्रक्रिया और संस्थागत जाँच को शामिल करने के लिए सावधानीपूर्वक पुनर्संतुलन नहीं करती, तब तक यह संवैधानिक सुरक्षा उपायों को राजनीतिक बहिष्कार के उपकरण में बदल सकती है, जिससे भारत के लोकतांत्रिक प्रयोग के नाज़ुक संतुलन की परीक्षा हो सकती है। क्योंकि, अंततः, बिना ईमानदारी के सत्ता लोकतंत्र को नष्ट कर देती है, और निष्पक्षता के बिना ईमानदारी उसे खतरे में डाल देती है।
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