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गगनयान क्रू मॉड्यूल और ‘री-एंट्री टेस्ट’

Lokesh Pal August 26, 2025 04:18 8 0

संदर्भ

इसरो ने गगनयान क्रू मॉड्यूल की री एंट्री, पैराशूट डिप्लॉयमेंट और समुद्री पुनर्प्राप्ति का अनुकरण करते हुए एक इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफलतापूर्वक किया, जो भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध हुई।

संबंधित तथ्य

  • पैराशूट प्रणाली: DRDO द्वारा डिजाइन, वास्तविक उड़ानों के लिए 10-पैराशूट डिप्लॉयमेंट का हिस्सा।

इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) के बारे में

  • उद्देश्य: पैराशूट परिनियोजन के संपूर्ण अनुक्रम का मूल्यांकन करना, जिसमें शामिल हैं:
    • निष्कर्षण,
    • ड्रोग पैराशूट का सक्रियण (Drogue chute activation),
    • मुख्य पैराशूट परिनियोजन (Main parachute deployment)।
  • विधि: प्रणाली के प्रदर्शन की पुष्टि के लिए भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से एक ‘डमी क्रू’ कैप्सूल (लगभग 5 टन) गिराया गया।

‘री-एंट्री टेस्ट’ मिशन क्या है?

‘री-एंट्री टेस्ट’ मिशन एक मानवरहित या प्रायोगिक उड़ान है, जो यह प्रदर्शित करने पर केंद्रित है कि एक अंतरिक्ष यान:

  • अत्यधिक ऊष्मा और वायुगतिकीय तनाव का प्रबंधन करते हुए, हाइपरसोनिक एटमोस्फियरिक री-एंट्री से सुरक्षित रूप से बचे।
  • नियंत्रित एंट्री के लिए गति कम करने हेतु पैराशूट जैसी मंदन प्रणालियों को विश्वसनीय रूप से तैनात करे।
  • जल में स्पलैशडाउन या जमीन पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करे।

गगनयान मिशन के बारे में

मिशन का अवलोकन

  • इसरो की प्रमुख मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना।
  • लक्ष्य: एक चालक दल को पृथ्वी की निम्न कक्षा (लगभग 400 किमी) में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना।
  • उद्देश्य: भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अपनी स्थिति को मजबूत करना।

मिशन के उद्देश्य

  • मानव अंतरिक्ष क्षमता: अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में प्रक्षेपित करने और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की भारत की क्षमता को सिद्ध करना।
  • वैज्ञानिक एवं शैक्षिक प्रभाव: भारतीय युवाओं में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष में कॅरियर के लिए प्रेरणा प्रदान करना।

प्रक्षेपण यान एवं प्रौद्योगिकी

  • वाहन: GSLV Mk III (LVM-3), चालक दल सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए ह्यूमन -रेटेड LVM-3 के रूप में संशोधित।
  • प्रणोदन प्रणाली: त्रि-चरण प्रणाली – ठोस, द्रव और क्रायोजेनिक चरण।
  • सुरक्षा विशेषताएँ: क्रू एस्केप सिस्टम (Crew Escape System- CES) और ऑर्बिटल मॉड्यूल से सुसज्जित।

अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण

  • चयनित अंतरिक्ष यात्री रूस में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
  • प्रशिक्षण में भारहीनता और अंतरिक्ष स्थितियों में संचालन की तैयारी शामिल है।

गगनयान अंतरिक्ष यान के अभिन्न अंग

कक्षीय मॉड्यूल (Orbital Module- OM)

  • ऑर्बिटल मॉड्यूल पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और इसके दो भाग होंगे: क्रू मॉड्यूल (CM) और सर्विस मॉड्यूल (SM)। यह उन्नत एवियोनिक्स से सुसज्जित है।
  • क्रू मॉड्यूल (CM)
    • पृथ्वी जैसे वातावरण वाले रहने योग्य स्थान के रूप में डिजाइन किया गया।
    • नियंत्रण प्रणालियों, चालक दल संचार, नेविगेशन, मार्गदर्शन और वैमानिकी से सुसज्जित।
    • दोहरी दीवार वाली कठोर संरचना से निर्मित: एक दाबयुक्त धात्विक आंतरिक संरचना और एक तापीय सुरक्षा प्रणाली (TPS) युक्त बाह्य आवरण।
    • इसमें जीवन रक्षक प्रणाली, मानव-केंद्रित प्रणालियाँ, वैमानिकी, चालक दल इंटरफ़ेस और मंदन प्रणालियाँ शामिल हैं।
    • पृथ्वी के वायुमंडल में सुरक्षित ‘री-एंट्री’ के लिए डिजाइन किया गया।
  • सर्विस मॉड्यूल (Service Module- SM)
    • कक्षा में क्रू मॉड्यूल को आवश्यक सहायता प्रदान करता है।
    • एक दाबरहित इकाई, जिसमें प्रणोदन, शक्ति, तापीय प्रणालियाँ, वैमानिकी और परिनियोजन तंत्र शामिल हैं।

क्रू एस्केप सिस्टम (Crew Escape System- CES)

  • आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
  • फ्लाइट टेस्ट व्हीकल मिशन-1 (TV-D1) के माध्यम से परीक्षण किया गया, जो मध्य-उड़ान आपात स्थिति के दौरान क्रू मॉड्यूल को रॉकेट से अलग करने की क्षमता को प्रमाणित करता है।

गगनयान मिशन के चरण

ISRO ने सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिए मिशन को कई चरणों में संरचित किया है:

  • परीक्षण चरण
    • इंटीग्रेटेड एयरड्रॉप टेस्ट (Integrated AirDrop Test-IADT): पैराशूट + मंदन प्रणालियों की पुष्टि करता है।
    • पैड एबॉर्ट टेस्ट (Pad Abort Test- PAT): क्रू मॉड्यूल को विभिन्न ऊँचाइयों से गिराकर सुरक्षा प्रणाली की जाँच करता है।
    • परीक्षण वाहन (Test Vehicle- TV) उड़ानें: एबॉर्ट कार्यों का परीक्षण करने के लिए एकल-चरणीय द्रव रॉकेट का उपयोग किया जाता है।
  • मानवरहित मिशन
    • मानव मिशन से पहले तकनीक, सुरक्षा और विश्वसनीयता का परीक्षण करने के लिए आयोजित किया जाता है।
    • इसमें एयरड्रॉप परीक्षण, एबॉर्ट सिस्टम पुष्टि और उड़ान परीक्षण शामिल हैं।
    • जल जीवन रक्षा परीक्षण सुविधा (WSTF): भारतीय नौसेना के साथ प्रारंभिक पुनर्प्राप्ति परीक्षण।
    • व्योममित्र: मानव अंतरिक्ष उड़ान से पहले मानव रहित मिशनों पर उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया गया एक ह्यूमन रोबोट।
  • मानवयुक्त मिशन: दो मानवरहित परीक्षण उड़ानों के बाद अंतिम चरण में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।

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