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Lokesh Pal
August 26, 2025 05:15
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हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री ने अखिल भारतीय अध्यक्ष सम्मेलन को संबोधित करते हुए संसद और विधानसभाओं में बार-बार होने वाले व्यवधानों की ओर संकेत किया।
विधायी चर्चा में कमी लोकतंत्र और जवाबदेही को कमज़ोर करती है। इसे पुनर्जीवित करने के लिए संवैधानिक नैतिकता, विपक्षी प्रतिनिधित्व के प्रति सम्मान और विश्वास एवं संस्थागत संतुलन सुनिश्चित करने के लिए मज़बूत विचार-विमर्श की आवश्यकता है।
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