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Lokesh Pal
August 29, 2025 05:30
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भारत की जनसांख्यिकीय ‘परिसंपत्ति’ – इसकी विशाल युवा आबादी – के ‘दायित्व’ (या भार) में परिवर्तन होने का खतरा है, क्योंकि शिक्षा और कौशल विकास, के चलते डिग्री और रोजगार के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है।
भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश उसे या तो एक वैश्विक महाशक्ति बना सकता है या फिर जनसांख्यिकीय दायित्व में बदल सकता है। समय बीत रहा है और कौशल विकास, शिक्षा में नवाचार तथा उद्योग समन्वय ही आगे बढ़ने के एकमात्र रास्ते हैं।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश एक “जनसांख्यिकीय टाइम बम” बन सकता है। भारत में सामाजिक गतिशीलता को आकार देने में शिक्षा की भूमिका पर चर्चा कीजिए। शिक्षा और रोज़गार के मध्य विद्यमान अंतराल भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश के लिए किस प्रकार एक ख़तरा है? (15 अंक, 250 शब्द) |
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