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Lokesh Pal
September 08, 2025 03:32
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वर्तमान में ‘सामरिक स्वायत्तता की अवधारणा’ भारतीय विदेश नीति के केंद्र में है और यह अवधारणा तेजी से बहुध्रुवीय और अस्थिर होती दुनिया में वैश्विक निर्णयों को आकार दे रही है। जैसे-जैसे वैश्विक शक्ति परिवर्तन तेज हो रहे हैं और पारंपरिक गठबंधन कमजोर पड़ रहे हैं, भारत, प्रतिस्पर्द्धी शक्तियों (संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस) के बीच संतुलित कूटनीति अपनाने का प्रयास कर रहा है।
सामरिक स्वायत्तता भारत को प्रमुख शक्तियों के साथ समान शर्तों पर जुड़ने में सक्षम बनाती है, साथ ही संप्रभुता, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की रक्षा करते हुए, स्वयं को स्थिरता और समावेशी वैश्विक नेतृत्व के एक संप्रभु ध्रुव के रूप में स्थापित करती है।
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