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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal October 09, 2025 02:50 42 0

टेम्पोरो-मैंडिबुलर जॉइंट (TMJ) ट्रांसप्लांट 

हाल ही में, नई दिल्ली स्थित मौलाना आजाद इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (MAIDS) में चार मरीजों को स्वदेशी रूप से विकसित कस्टमाइज्ड टेम्पोरो-मेंडिब्युलर जॉइंट (TMJ) इम्प्लांट्स सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किए गए।

टेम्पोरो-मेंडिब्युलर जॉइंट (TMJ) के बारे में

  • TMJ वह जॉइंट है, जो निचले जबड़े (Mandible) को खोपड़ी  से जोड़ता है।
  • यह जोड़ जॉइंट, बोलने और चेहरे के भाव जैसी आवश्यक गतियों की अनुमति देता है।
  • इस जॉइंट में विकार होने पर तीव्र दर्द, जबड़े की गति में रुकावट और दैनिक कार्यों में कठिनाई होती है  तथा उन्नत अवस्था में शल्य चिकित्सा द्वारा प्रतिस्थापन आवश्यक हो जाता है।

TMJ इम्प्लांट के बारे में

  • यह स्वदेशी रूप से विकसित कस्टम-डिजाइन किया गया प्रोस्थेटिक है, जिसे उन्नत जैव-चिकित्सीय अभियांत्रिकी के माध्यम से ICMR-DHR-मेडटेक प्रोडक्ट डेवलपमेंट एक्सेलेरेशन गेटवे ऑफ इंडिया (mPRAGATI) में तैयार किया गया है, जिसका समन्वय MDMS, IIT दिल्ली द्वारा किया गया।
  • यह इम्प्लांट जबड़े की गतिशीलता को बेहतर बनाता है,  मांसपेशियों के जुड़ाव को मजबूत करता है ताकि कार्यात्मकता और सौंदर्य दोनों में सुधार हो सके।
  • यह इम्प्लांट आयातित संस्करणों की तुलना में पाँच से दस गुना सस्ता है, जिसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत विकसित किया गया है, जिससे रोगियों तक व्यापक पहुँच और लागत प्रभावी उपचार सुनिश्चित होता है।

विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 

विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप, 2025 पहली बार नई दिल्ली, भारत में आयोजित की गई।

विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप,2025 के बारे में

  • यह अंतरराष्ट्रीय पैरा-ओलंपिक समिति (IPC) के अंतर्गत आयोजित होने वाला दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए प्रमुख वैश्विक आयोजन है, जिसका उद्देश्य समावेशिता और खेलों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।
  • वर्ष 2025 का संस्करण: यह चैंपियनशिप का 12वाँ संस्करण था, जो 26 सितंबर, 2025 से 5 अक्टूबर, 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित हुआ।
    • इसमें लगभग 100 देशों ने भाग लिया, जिससे यह भारत में आयोजित अब तक के सबसे बड़े पैरा-खेल आयोजनों में से एक बन गया।
  • यह मंच पैरा-एथलीट्स को आगामी पैरा-ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने का अवसर प्रदान करता है।

पदक तालिका

  • ब्राजील (Brazil) ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जिसने कुल 44 पदक, जिनमें 15 स्वर्ण , 20 रजत और 9 कांस्य शामिल थे।

भारत का प्रदर्शन

  • भारत ने 10वाँ स्थान (10th Position) प्राप्त किया और अपने इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया।
  • भारत ने कुल 22 पदक जीते, जिनमें 6 स्वर्ण, 9 रजत और 7 कांस्य पदक शामिल हैं।

यूनेस्को के महानिदेशक

मिस्र के खालिद एल-अनानी (Khaled el-Anani) को यूनेस्को के अगले महानिदेशक के रूप में नामित किया गया है। यदि उनका चयन होता है, तो वे इस पद को ग्रहण करने वाले पहले अरब व्यक्ति होंगे।

यूनेस्को के बारे में

  • यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषीकृत एजेंसी  है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1945 में हुई थी और इसका मुख्यालय पेरिस, फ्राँस में अवस्थित है।
  • इसका उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर शांति और सुरक्षा को सुदृढ़ करना है।
  • इसका मुख्य कार्य विश्व धरोहर स्थलों और परंपराओं का चयन और संरक्षण। लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करना, होलोकॉस्ट जागरूकता को बढ़ावा देना, विकासशील देशों में वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहन देना एवं अन्य सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कार्यक्रमों का संचालन करना।
  • वर्तमान में यूनेस्को के 194 सदस्य राष्ट्र और 12 सहयोगी सदस्य हैं। भारत इसका संस्थापक सदस्य है।
  • यूनेस्को का प्रशासनिक ढाँचा 
    • जनरल कॉन्फ्रेंस: इसमें सभी सदस्य राष्ट्र शामिल होते हैं।  यह नीतियाँ तय करती है और बजट को मंजूरी प्रदान करती है।
    • कार्यकारी बोर्ड: यह यूनेस्को के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और प्रशासनिक कार्यों की निगरानी करता है।
    • सचिवालय: इसका नेतृत्व महानिदेशक  करते हैं, जो दैनिक कार्यों का संचालन करते हैं, कार्यक्रमों का प्रबंधन और  वैश्विक कार्यालयों व क्षेत्रीय मिशनों का समन्वय सुनिश्चित करते हैं।
  • वित्तीय स्रोत
    • अनिवार्य योगदान: सदस्य देशों द्वारा किए जाने वाले अनिवार्य भुगतान,  जो यूनेस्को को स्थिर और पूर्वानुमेय आय प्रदान करते हैं।
    • स्वैच्छिक योगदान: सदस्य देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र द्वारा प्रदान किया गया अतिरिक्त धन, जो रणनीतिक कार्यक्रमों और आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
    • अन्य स्रोत
      • प्रकाशनों से प्राप्त आय 
      • नियत उद्देश्य हेतु दान की गई निधियाँ
  • वित्तीय चुनौती: यूनेस्को को अमेरिका के बाहर निकलने के बाद संभावित बजटीय घाटे का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि अमेरिका कुल वित्त पोषण का लगभग 8% योगदान देता है।

विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस

6 अक्टूबर 2025 को सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) से प्रभावित लोगों के अधिकारों और जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व स्तर पर विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस मनाया गया।

सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) के बारे में

  • परिचय: सेरेब्रल पाल्सी (CP) ऐसे विकारों का समूह  है, जो गतिशीलता, स्थिति और मांसपेशी नियंत्रण को प्रभावित करता है। यह स्थिति मस्तिष्क के असामान्य विकास या मस्तिष्क को हुई क्षति के कारण उत्पन्न होती है।
    •  यह बचपन में होने वाली सबसे सामान्य ‘मोटर’ दिव्यांगता है।
  • कारण: सेरेब्रल पाल्सी गर्भावस्था, प्रसवकालीन या जन्म के बाद के प्रारंभिक समय में मस्तिष्क की चोट से हो सकती है।
  • मुख्य जोखिम कारक हैं— संक्रमण, ऑक्सीजन की कमी, समय से पहले जन्म, आरएच असंगति (Rh Incompatibility)
  • रोकथाम: गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण, संक्रमण से बचाव, स्वास्थ्य स्थितियों का प्रबंधन, गर्भावस्था के दौरान शराब और धूम्रपान से परहेज।
  • उपचार: प्रारंभिक हस्तक्षेप, चिकित्सा, सहायक उपकरण और पुनर्वास सहायता लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करती है।
  • वैश्विक बोझ: पूरे विश्व में लगभग 1.8 करोड़ लोग (18 Million People) सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित हैं। भारत में यह  लगभग प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 3 मामले हैं।

विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस के बारे में (About World Cerebral Palsy Day)

  • परिचय: यह दिवस वर्ष 2012 में सेरेब्रल पाल्सी एलायंस द्वारा स्थापित किया गया था।
  • इसका उद्देश्य सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित लोगों, उनके परिवारों और संस्थाओं को एकजुट करना तथा समान अधिकार, समावेशन और जागरूकता को बढ़ावा देना है।
  • वर्ष 2025 की थीम:  “Unique and United” (अद्वितीय और एकजुट)
  • भारत की पहल: दिव्यांग व्यक्तियों का सशक्तीकरण विभाग (DEPwD) तथा राष्ट्रीय संस्थानों और संयुक्त क्षेत्रीय केंद्रों ने जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए, जिनका उद्देश्य सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित बच्चों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना था।

पासनी बंदरगाह, पाकिस्तान

पाकिस्तान ने अरब सागर पर स्थित पासनी बंदरगाह को संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) को महत्त्वपूर्ण खनिजों के निर्यात टर्मिनल के रूप में उपयोग हेतु प्रस्तावित किया है,  जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है।

पासनी बंदरगाह के बारे में

  • परिचय: पासनी बंदरगाह पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर जिले में स्थित एक लघु गहरे जल वाला बंदरगाह है। यह बंदरगाह मत्स्यपालन, कार्गो जेटी और पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) के बेस से सुसज्जित है।
  • अवस्थिति: यह बंदरगाह चीन समर्थित ग्वादर पोर्ट से लगभग 113 किलोमीटर दूर स्थित है।
  • यह पाकिस्तान–ईरान सीमा से 161 किलोमीटर और  भारत द्वारा विकसित किए जा रहे ईरान के चाबहार बंदरगाह से लगभग 300 किलोमीटर दूर है।
  • रणनीतिक महत्त्व: पासनी बंदरगाह को खनिज संपन्न क्षेत्रों से जोड़ने के लिए एक नई रेलवे लाइन प्रस्तावित की गई है, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) को खनिजों का निर्यात सुगम होगा।
    • इसकी भौगोलिक अवस्थिति दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक और आर्थिक  दोनों दृष्टि से पाकिस्तान को महत्त्वपूर्ण रणनीतिक स्थिरता प्रदान करती है।

जलवायु परिवर्तन के कारण हीटवेव से होने वाली मौतों पर वैश्विक शोध

ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में किए गए एक वैश्विक शोध अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि वर्ष 2023 की हीटवेव के दौरान हुई कुल मौतों में से आधे से अधिक मौतें मानव-जनित जलवायु परिवर्तन से सीधे संबंधित थीं।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष 

  • प्रभाव: 1,78,486 हीटवेव-संबंधी मौतों में से लगभग 54% (अर्थात् 1 लाख से अधिक मौतें) मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के कारण हुईं।
  • विश्लेषण: अध्ययन में 67 देशों के 2,000 स्थानों को शामिल किया गया,  जो अब तक का हीट-संबंधी मृत्यु दर का सबसे व्यापक वैश्विक मूल्यांकन है।
  • रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष: वर्ष 2023 में वैश्विक औसत तापमान औद्योगिक-पूर्व स्तर से 1.45°C अधिक दर्ज किया गया, जिससे यह इतिहास का सबसे गर्म वर्ष बन गया।
  • दक्षिणी यूरोप:  यहाँ सबसे अधिक मृत्यु दर दर्ज की गई, इसके बाद पूर्वी और पश्चिमी यूरोप रहे,  जो अत्यधिक गर्मी की घटनाओं का केंद्र बने।
  • उप-उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्र: अधिकांश मौतें उत्तरी गोलार्द्ध के इन क्षेत्रों में हुईं, जहाँ बढ़ते तापमान के कारण हृदय एवं श्वसन रोगों में तेजी आई।
  • भविष्य का खतरा: ऑस्ट्रेलिया की जलवायु जोखिम रिपोर्ट के अनुसार,  यदि वर्ष 2050 तक वैश्विक तापमान 3°C से अधिक बढ़ गया, तो लाखों घर समुद्र स्तर में वृद्धि, घातक गर्मी और तटीय बाढ़  के जोखिम में आ जाएँगे।

हीटवेव क्या है? 

  • हीटवेव वह स्थिति है, जब तापमान असामान्य रूप से अधिक  हो जाता है और यह स्थिति कई दिनों या हफ्तों तक  बनी रहती है।
  • यह तब होती है, जब वायुमंडलीय उच्च-दाब प्रणाली गर्म पवन को एकत्रित्त कर लेती है, जिससे गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और  लंबे समय तक गर्म मौसम बना रहता है।
  •  भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) हीटवेव को क्षेत्रीय तापमान सीमाओं और औसत से विचलन के आधार पर परिभाषित करता है।

भारत में हीटवेव के लिए IMD के मानक 

  • मैदानी क्षेत्र:  अधिकतम तापमान ≥ 40°C
  • पर्वतीय क्षेत्र : अधिकतम तापमान ≥ 30°C
  • सामान्य तापमान से विचलन के आधार पर
    • हीटवेव: यदि तापमान सामान्य से 4.5°C से 6.4°C अधिक हो
    • गंभीर हीटवेव: यदि तापमान सामान्य से 6.5°C या अधिक हो
  • नियत तापमान सीमा के आधार पर
    • यदि अधिकतम तापमान ≥ 45°Cहीटवेव 
    • यदि ≥ 47°Cगंभीर हीटवेव 

हीटवेव के कारण 

  • वायुमंडलीय उच्च-दाब प्रणाली: जो गर्मी को सतह के पास एकत्रित कर देती हैं।
  • जलवायु परिवर्तन: जिससे अत्यधिक तापमान वृद्धि की घटनाएँ अधिक तीव्र हो रही हैं।
  • शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव:  शहरों में कंक्रीट, कम वनस्पति सघनता और प्रदूषण के कारण अधिक गर्मी एकत्रित हो जाती है।
  • वनों की कटाई और भूमि क्षरण: जो प्राकृतिक शीतलन की क्षमता को कम करते हैं।

भारतीय रेडियो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर (IRSA) Standard 1.0 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने  भारतीय रेडियो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर (IRSA) Standard 1.0 लॉन्च किया है, जो भारत की सैन्य संचार प्रणालियों में आत्मनिर्भरता, मानकीकरण और अंतरसंचालन क्षमता प्राप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

IRSA 1.0 के बारे में 

  • परिभाषा:  IRSA 1.0 एक व्यापक सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर मानक है,  जो सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो के लिए विकसित किया गया है। यह आधुनिक, सुरक्षित और अनुकूलनीय सैन्य संचार के लिए अत्यंत आवश्यक है।
  • विकासकर्ता: यह मानक DRDO द्वारा इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) और  त्रि-सेवाओं के सहयोग से विकसित किया गया है।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • मानकीकृत इंटरफेस, API और निष्पादन को परिभाषित करता है।
    • वेवफॉर्म पोर्टेबिलिटी, अंतरसंचालन, प्रमाणीकरण और सेवाओं के बीच अनुपालन सुनिश्चित करता है।
    • सेना, नौसेना और वायुसेना द्वारा उपयोग की जा रही संचार प्रणालियों के बीच संगतता सुनिश्चित करता है।
  • यह उभरती परिचालन आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किया गया है,  ताकि अगली पीढ़ी की सुरक्षित संचार तकनीक और स्वदेशी SDR नवाचार को समर्थन मिल सके।

सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDRs) क्या हैं?

  • परिभाषा:  यह एक रेडियो संचार प्रणाली है,  जिसमें वे सभी कार्य जो पारंपरिक रूप से हार्डवेयर (जैसे- फिल्टर, एम्प्लीफायर, मॉड्यूलेटर आदि)** द्वारा किए जाते थे, अब सॉफ्टवेयर (Software) के माध्यम से कंप्यूटर या एंबेडेड सिस्टम पर किए जाते हैं।
  • कार्यप्रणाली: पारंपरिक रेडियो में मॉड्यूलेशन,, डीमॉड्यूलेशन और फ्रीक्वेंसी फिल्टरिंग हार्डवेयर सर्किट द्वारा की जाती है।
  • SDR में, एक एनालॉग-टू-डिजिटल कन्वर्टर (ADC)  रेडियो सिग्नल को डिजिटल रूप में परिवर्तित करता है।
  • इसके बाद सॉफ्टवेयर एल्गोरिदम निम्न कार्य करते हैं: बिना हार्डवेयर परिवर्तित हुए फ्रीक्वेंसी ट्यूनिंग, मॉड्यूलेशन/डीमॉड्यूलेशन, एन्क्रिप्शन/डीक्रिप्शन, त्रुटि सुधार इस प्रकार, केवल सॉफ्टवेयर बदलकर SDR को विभिन्न फ्रीक्वेंसी और प्रोटोकॉल्स के अनुरूप बनाया जा सकता है।
  • अनुप्रयोग: रक्षा और सुरक्षा, दूरसंचार, आपदा प्रबंधन, अंतरिक्ष अनुसंधान में 

IRSA के विकास की यात्रा

  • प्रारंभ: यह परियोजना वर्ष 2021 में शुरू की गई, जब यह पहचाना गया कि मॉर्डन वारफेयर में SDR तकनीक की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
  • तकनीकी विकास: वर्ष 2022 में DRDO के नेतृत्व में एक मुख्य तकनीकी दल ने IDS और सशस्त्र बलों  की सक्रिय भागीदारी के साथ विकास कार्य प्रारंभ किया।
  • अनुमोदन (Approval): संस्करण 1.0 को वर्ष 2025 में उच्च स्तरीय सलाहकार समिति (HLAC) द्वारा कठोर परीक्षण और सत्यापन के बाद अनुमोदित किया गया।

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