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अखिल भारतीय औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में संशोधन

Lokesh Pal October 13, 2025 01:58 16 0

संदर्भ

भारत औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production – IIP) का आधार वर्ष 2022–23 करने जा रहा है, ताकि औद्योगिक क्षेत्र में हो रहे संरचनात्मक और तकनीकी परिवर्तनों को अधिक उचित तथा तार्किक रूप से दर्शाया जा सके।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के बारे में  

  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) एक मासिक सांख्यिकीय माप है, जो औद्योगिक उत्पादों की एक बास्केट के उत्पादन में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है।
  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IRIIP) के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुशंसाओं के दिशा-निर्देशों के अनुसार, IIP में खनन और उत्खनन, विनिर्माण, विद्युत, गैस, जल आपूर्ति तथा अपशिष्ट प्रबंधन जैसे क्षेत्र शामिल होने चाहिए।
  • IIP डेटा का उपयोग त्रैमासिक सकल मूल्यवर्द्धन (GVA) की गणना में किया जाता है और यह नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के लिए महत्त्वपूर्ण इनपुट प्रदान करता है।

अखिल भारतीय औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) 

  • अखिल भारतीय IIP देश भर में औद्योगिक उत्पादन का अवलोकन करता है।
  • उत्पत्ति: इसका संकलन वर्ष 1937 में 15 प्रमुख उद्योगों से प्रारंभ हुआ था, जो चयनित औद्योगिक उत्पादन का 90% से अधिक शामिल करता था।
    • वर्ष 1950 से इसे मासिक  रूप में जारी किया जा रहा है।
  • संकलन संस्था: केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO), जो सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के अंतर्गत कार्य करता है।
  • वर्तमान अद्यतन सूची
    • IIP वर्तमान में 830 से अधिक वस्तुओं को शामिल करता है।
    • पुरानी वस्तुओं (जैसे- CFL, कैरोसिन) को हटाकर नई वस्तुएँ (जैसे- लैपटॉप, वैक्सीन, विमान के पुर्जे) शामिल की जा रही हैं।
    • लघु खनिज, गैस आपूर्ति और अन्य उभरते क्षेत्र जोड़े जा रहे हैं।
    • बंद या परिवर्तित कारखानों का प्रतिस्थापन, मौसमी समायोजन, और GST व डिजिटल डेटा स्रोतों का एकीकरण किया जा रहा है ताकि आँकड़े अधिक सटीक हों।
  • संशोधन की आवश्यकता: भारत की बाजार-उन्मुख अर्थव्यवस्था और तेजी से विकसित होते उद्योगों को देखते हुए, सांख्यिकीय प्रणाली को सटीक तथा समयबद्ध डेटा एकत्र करने की आवश्यकता है।
    • आधार वर्ष में संशोधन से IIP को नई वस्तुओं, पुराने उत्पादों की अप्रासंगिकता, क्षेत्रीय भारों में परिवर्तन और अर्थव्यवस्था की संरचनात्मक परिवर्तनों के अनुरूप बनाया जा सकता है।

IIP का आधार वर्ष

  • आधार वर्ष वह वर्ष होता है, जिसके सापेक्ष वर्तमान औद्योगिक उत्पादन को मापा जाता है।
  • भारत ने वर्ष 1937 से अब तक नौ बार IIP का आधार वर्ष बदला है।
  • नवीनतम संशोधन सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधार वर्ष 2022–23 के अनुरूप किया गया है।

यह संशोधन भारत की औद्योगिक प्रदर्शन को अधिक यथार्थवादी, समयोचित और व्यापक रूप में प्रस्तुत करेगा। यह नीति-निर्माण, निवेश योजना, और आर्थिक विश्लेषण के लिए बेहतर निर्णय लेने में सहायक सिद्ध होगा।

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