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मारिया कोरिना मचाडो

Lokesh Pal October 11, 2025 05:00 12 0

संदर्भ:

वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्ष की नेता मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान किया गया, उन्हें यह पुरस्कार वेनेजुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने, संघर्ष करने, और न्यायपूर्ण एवं शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक परिवर्तन के प्रति उनके अथक प्रयासों के लिए दिया गया है।

पृष्ठभूमि:

  • दक्षिण अमेरिका में स्थित वेनेजुएला ऐतिहासिक रूप से एक समृद्ध राष्ट्र था, जिसके पास विश्व के सबसे बड़े तेल भंडार है।
    • वर्ष 1999 में, सैन्य नेता ह्यूगो चावेज़ सत्ता में आये और उन्होंने बोलिवेरियन क्रांति (जिसे चाविस्मो के नाम से भी जाना जाता है) की शुरुआत की
      • इस आंदोलन का नाम साइमन बोलिवर के नाम पर रखा गया था, जो विभिन्न देशों की स्वतंत्रता प्राप्ति में अपनी भूमिका के लिए लैटिन अमेरिका में एक सम्मानित व्यक्ति थे।
  • चाविस्मो के स्तंभ: चाविस्मो तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित था:
    • समाजवाद: कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करना, जैसे निःशुल्क स्वास्थ्य देखभाल और निःशुल्क शिक्षा।
    • लोकलुभावनवाद: नेता लोकलुभावनवाद में लिप्त रहते हैं, तथा वोट प्राप्त करने के लिए नि:शुल्क वितरण प्रणाली को बढ़ावा देते थे।
      • चावेज़ एक करिश्माई व्यक्तित्व थे, जिन्होंने जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि वे उनके रक्षक हैं।
    • अमेरिका-विरोध: घरेलू समस्याओं के लिए अमेरिका को दोषी ठहराना, अमेरिका विरोधी देशों (जैसे क्यूबा, रूस और चीन) के साथ गठबंधन करना, तथा पश्चिमी लोकतंत्र को अस्वीकार करना।
  • संस्थागत पतन और मानवीय संकट: शुरुआत में, तेल की ऊँची कीमतों ने चावेज़ को मुफ़्त योजनाओं के लिए धन मुहैया कराया और गरीबी कुछ समय के लिए कम हुई। हालाँकि, चावेज़ ने राष्ट्रीय संस्थाओं को व्यवस्थित रूप से नष्ट करना शुरू कर दिया:
    • न्यायपालिका का राजनीतिकरण कर दिया गया तथा अपने प्रिय/वफादार न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई।
    • चुनाव आयोग पर नियंत्रण स्थापित कर दिया गया, जिससे उसकी निष्पक्षता समाप्त हो गई।
    • मीडिया को दबा/ चुप करा दिया गया तथा विपक्षी नेताओं को देशद्रोही बताकर जेल में डाल दिया गया।
  • निकोलस मादुरो: वर्ष 2013 में चावेज़ की मृत्यु के बाद, निकोलस मादुरो ने सत्ता संभाली और तानाशाह की तरह व्यवहार किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
  • वर्तमान स्थिति: वर्तमान में वेनेज़ुएला मानवीय संकट से जूझ रहा है। वर्तमान में प्रकाशित कुछ आँकड़े के अनुसार:
    • अति मुद्रास्फीति की स्थिति है, जहां लोगों को एक पैकेट ब्रेड खरीदने के लिए भी ढेर सारे पैसों की जरूरत पड़ती है।
    • 2 मिलियन से अधिक लोग भूख से प्रभावित हैं।
    • लगभग 7 मिलियन लोग, या वेनेजुएला की 25% आबादी, देश छोड़कर चले गए हैं।
    • चुनाव, प्रतिबंध और कूटनीति, सभी वेनेजुएला की स्थिति को सुलझाने में विफल रहे हैं।

लोकतंत्र में मचाडो का योगदान:

  • मारिया कोरिना मचाडो, एक इंजीनियर और माँ, तानाशाही के विरुद्ध आशा की किरण बनकर उभरीं।
  • 2002: उन्होंने चुनाव धोखाधड़ी की निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए एनजीओ “सुमाते” की स्थापना की।
  • 2005: उन्होंने चावेज़ के विरुद्ध “राइट टू रिकॉल” जनमत संग्रह का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया और उन्हें अमेरिका का एजेंट करार दिया गया।
  • 2014: उन्होंने निकोलस मादुरो के विरोध में छात्रों का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप उन पर पुनः राजद्रोह का आरोप लगाया गया।
  • 2024 चुनाव: मचाडो को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया था, फिर भी उन्होंने पूरे विपक्ष को उम्मीदवार एडमंडो गोंजालेज के साथ एकजुट कर दिया।
    • यद्यपि सर्वेक्षणों में कहा गया था कि गोंजालेज आसानी से जीत जाएंगे, लेकिन तानाशाह मादुरो ने चुनाव परिणामों को खारिज कर दिया।
    • मचाडो ने 2024 में एक लेख लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अपनी जान के डर से छिपकर लिख रही हैं।
    • वर्ष 2024 के चुनाव के दौरान 2,000 से अधिक विपक्षी कार्यकर्ताओं को जेल में भी डाल दिया गया।

आगे की राह:

  • सुरक्षित निर्वासन: मादुरो और उनके शीर्ष जनरलों को सुरक्षित निर्वासन का विकल्प दिया गया है, बशर्ते वे सत्ता छोड़ दें। हालाँकि, वे परिणामों के डर के बिना नहीं जा सकते।
  • आम माफी/सर्वक्षमा: निचले स्तर के सैन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को सामान्य आम माफी प्रदान करना, यदि वे लोकतंत्र का समर्थन करना चुनते हैं।
  • सैन्य हस्तक्षेप: अमेरिका संभवतः मादुरो को हटाने के लिए अपनी सेना तैनात कर सकता है, लेकिन इससे सैन्य संघर्ष का खतरा है।

निष्कर्ष:

मारिया कोरिना मचाडो को राजनीतिक सक्रियता की भारी कीमत चुकानी पड़ी है, जिससे वे अलग-थलग पड़ गई हैं, क्योंकि उनके लगभग सभी वरिष्ठ सलाहकारों को या तो हिरासत में ले लिया गया है या देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया हैमचाडो द्वारा मादुरो के प्रशासन पर “आपराधिक माफिया” की तरह कार्य करने का आरोप लगाया है।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न: वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मारिया कोरिना मचाडो को वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र में शांतिपूर्ण परिवर्तन के लिए प्रयास करने के लिए दिया गया। संघर्षग्रस्त समाजों में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने में व्यक्तिगत साहस और नेतृत्व की भूमिका पर चर्चा कीजिए।

(10 अंक, 150 शब्द)

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