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नई पौध प्रजातियों की सुरक्षा हेतु अंतरराष्ट्रीय अभिसमय

Lokesh Pal October 24, 2025 02:27 81 0

संदर्भ 

जिनेटिक रिसोर्सेज एक्शन इंटरनेशनल (GRAIN) की एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) का उपयोग विकासशील देशों पर प्रतिबंधात्मक ‘बीज पेटेंट व्यवस्था’ लागू करने के लिए तेजी से किया जा रहा है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • बौद्धिक संपदा (IP) उपकरण के रूप में FTA: समृद्ध राष्ट्र (जैसे- अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और ऑस्ट्रेलिया) विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मानकों को दरकिनार करने के लिए FTAs का उपयोग कर रहे हैं, ताकि बीजों और पौध प्रजातियों पर कठोर बौद्धिक संपदा (IP) नियम लागू किए जा सकें।
  • नए हितधारक:  संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने हाल ही में कंबोडिया, मलेशिया एवं मॉरीशस के साथ सम्पन्न मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) में नई पौध प्रजातियों की सुरक्षा हेतु अंतरराष्ट्रीय अभिसमय (UPOV) की धाराएँ सम्मिलित की हैं।
  • UPOV-1991 का प्रभाव: कंपनियों को नई पादप प्रजातियों  पर 20–25 वर्षों तक एकाधिकार अधिकार प्राप्त होते हैं, जबकि किसानों को पेटेंट बीजों को बचाने, पुन: उपयोग करने या अदला-बदली करने से रोका जाता है।
  • ग्लोबल साउथ पर दबाव:  एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों पर UPOV-संरेखित बीज कानून अपनाने का दबाव डाला जा रहा है, जिससे उनकी किसान-हितैषी बीज प्रणालियाँ बनाने की संप्रभु क्षमता सीमित हो रही है।

नई पौध प्रजातियों की सुरक्षा हेतु अंतरराष्ट्रीय अभिसमय (UPOV Convention)

  • उत्पत्ति: यह अभिसमय वर्ष 1961 में पेरिस में अपनाया गया और वर्ष 1968 में लागू हुआ।
  • मुख्यालय: जेनेवा, स्विट्जरलैंड।
  • उद्देश्य: नई, विशिष्ट, समान और स्थिर (DUS) पादप प्रजातियों के लिए पौध प्रजनक अधिकार (PBRs) प्रदान करना, जिससे कृषि नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके।
  • अधिकारों की अवधि: अधिकारों की अवधि के अंतर्गत, प्रजनकों को अपनी प्रजातियों के उत्पादन, बिक्री एवं विपणन पर 20–25 वर्षों तक विशेषाधिकार प्रदान किए जाते हैं।
  • UPOV में वर्ष 1991 का संशोधन: इस संशोधन ने प्रजनकों के अधिकारों को सशक्त, किसानों के अधिकारों को सीमित किया और सदस्यता केवल सरकारों तक सीमित कर दी।
  • सदस्य देश: 80

भारत और UPOV 

  • स्थिति: भारत UPOV का सदस्य नहीं है।
  • वैकल्पिक प्रणाली: भारत ने पौध किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 (PPV&FR Act) के तहत अपनी स्वयं की प्रणाली (Sui Generis Framework) विकसित की है।
  • संतुलित दृष्टिकोण: UPOV-1991 के विपरीत, भारत का कानून प्रजनकों के प्रोत्साहन और किसानों के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखता है।
  •  भारतीय कानून के अंतर्गत किसान
    • किसान बीजों को सुरक्षित रख सकते हैं, उनका प्रयोग और अदला-बदली कर सकते हैं, तथा उनका विक्रय भी कर सकते हैं ( ब्रांडेड बीजों के अलावा)।
    • पारंपरिक या स्वदेशी प्रजातियों के संरक्षण हेतु मान्यता और पुरस्कार प्राप्त कर सकते हैं।

जिनेटिक रिसोर्सेज एक्शन इंटरनेशनल (GRAIN) के बारे में

  • स्वरूप: अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1990 में हुई।
  • मुख्यालय: बार्सिलोना, स्पेन।
  • मिशन: अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के छोटे किसानों और सामाजिक आंदोलनों का समर्थन करना ताकि वे समुदाय-नियंत्रित और जैव विविधता-आधारित खाद्य प्रणालियाँ विकसित कर सकें।

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