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Lokesh Pal
October 23, 2025 05:00
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वर्तमान में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) का कोई अध्यक्ष या सदस्य नहीं है, जो एक गंभीर सामाजिक तथा राजनीतिक समस्या है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की प्रगति संस्थागत अस्तित्व और प्रभावी सशक्तीकरण के बीच के अंतर को उजागर करती है। प्रवर्तनीय शक्तियों, स्वायत्तता और राजनीतिक इच्छाशक्ति के बिना, ऐसे आयोग शक्तिहीन प्रहरी बनकर रह जाते हैं।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:प्रश्न: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) को प्रायः “दंतविहीन बाघ” कहा जाता है, जो अल्पसंख्यक अधिकारों का प्रभावी गारंटर होने की बजाय केवल एक प्रतीकात्मक निकाय है। इसकी वैधानिक सीमाओं और संस्थागत इतिहास के आलोक में, आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए कि क्या राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अपने अधिदेश में पर्याप्त रूप से विफल रहा है। (15 अंक, 250 शब्द) |
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