100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

IUCN वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक 4 रिपोर्ट

Lokesh Pal October 28, 2025 02:40 130 0

संदर्भ 

पश्चिमी घाट, असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान और पश्चिम बंगाल के सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान के साथ, अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक 4 रिपोर्ट में ‘महत्त्वपूर्ण  रूप से चिंताग्रस्त’ श्रेणी के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है।

IUCN वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक 4 रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • लगभग 40% स्थल प्रमुख संरक्षण संबंधी चिंताओं का सामना कर रहे हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन सबसे व्यापक खतरा बनकर उभरा है।
  • संरक्षण परिदृश्य में गिरावट: वर्ष 2014 के बाद पहली बार, सकारात्मक संरक्षण परिदृश्य वाले स्थलों की हिस्सेदारी 63% से घटकर 57% हो गई है।
  • व्यापक चिंताएँ: एशिया में, प्रमुख खतरे हैं – जलवायु परिवर्तन, पर्यटन गतिविधियाँ, आक्रामक प्रजातियाँ और सड़कें एवं रेलमार्ग।
  • प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल, पृथ्वी की सतह के 1% से भी कम क्षेत्र को कवर करते हैं, लेकिन वैश्विक प्रजातियों की समृद्धि के 20% से अधिक का समर्थन करते हैं।
  • रिपोर्ट माउंट वुई (चीन) और सिंहराजा वन (श्रीलंका) जैसे स्थलों में समुदाय और युवाओं के नेतृत्व वाले संरक्षण के अच्छे उदाहरणों पर प्रकाश डालती है।
  • यह रिपोर्ट जैव विविधता की हानि को रोकने के लिए राष्ट्रीय प्रयासों को कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढाँचे (2022) के साथ संरेखित करने का आह्वान करती है।

भारत में संरक्षण की स्थिति

श्रेणी सूचीबद्ध भारतीय स्थल
संतोषजनक कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान (सिक्किम)।
कुछ चिंताओं के साथ संतोषजनक ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, काजीरंगा, केवलादेव, नंदा देवी और फूलों की घाटी।
महत्त्वपूर्ण रूप से चिंताग्रस्त पश्चिमी घाट, मानस नेशनल पार्क (असम), सुंदरबन नेशनल पार्क (पश्चिम बंगाल)।

पश्चिमी घाट को ‘रेड’ श्रेणी क्यों दी गई है?

  • असंवहनीय जलविद्युत विकास
    • कई बड़े पैमाने की जलविद्युत और पंप भंडारण परियोजनाएँ नदी पारिस्थितिकी तंत्र को बदल रही हैं और आवासों को खंडित कर रही हैं।
      • उदाहरण: तमिलनाडु के नीलगिरी में ₹5,843 करोड़ की सिल्लाहल्ला पंप भंडारण परियोजना का लक्ष्य सिल्लाहल्ला और कुंदा नदियों पर बाँध बनाकर 1,000 मेगावाट विद्युत उत्पन्न करना है।
  • अनियमित पर्यटन
    • अनियंत्रित पर्यटन के कारण कचरा जमा हो रहा है, आवासों की हानि हो रही है और मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है।
    • हाथियों जैसे वन्यजीव प्रायः प्लास्टिक और खाद्य अपशिष्ट का सेवन करते हैं, जिससे मृत्यु दर और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • वृक्षारोपण और भूमि-उपयोग परिवर्तन से आवास की हानि
    • चाय, कॉफी और यूकेलिप्टस के बागानों का विस्तार प्राकृतिक वनों का स्थान ले रहा है।
    • औपनिवेशिक काल में लाई गईं बबूल और यूकेलिप्टस जैसी आक्रामक प्रजातियाँ देशज वनस्पतियों को प्रभावित कर रही हैं और वनों को नुकसान पहुँचा रही हैं।
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
    • बढ़ते तापमान ने कई प्रजातियों को ऊँचाई पर पलायन करने पर मजबूर कर दिया है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा उत्पन्न हो रहा है।
    • उदाहरण: नीलगिरि फ्लाईकैचर और काले-नारंगी फ्लाईकैचर, निचले इलाकों के तेजी से गर्म होने के कारण ऊपर की ओर पलायन कर रहे हैं।
  • बुनियादी ढाँचे और कनेक्टिविटी के खतरे
    • वन गलियारों के माध्यम से सड़क और रेल नेटवर्क का विस्तार, वन हानि और सड़क दुर्घटनाओं के कारण वन्यजीवों की मृत्यु दर को बढ़ा रहा है।
    • सड़कें और रेलमार्ग पहली बार एशियाई प्राकृतिक विरासत स्थलों के लिए शीर्ष पाँच खतरों में से एक बन गए हैं।

पश्चिमी घाट का पारिस्थितिकी महत्त्व

  • विश्व के आठ सबसे गर्म जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक; हिमालय से भी प्राचीन है।
  • गुजरात से केरल तक छह भारतीय राज्यों को शामिल करता है।
  • लायन-टेल्ड मकाॅक, नीलगिरी तहर और मालाबार सिवेट सहित 325 वैश्विक रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों का क्षेत्र है।
  • लाखों लोगों को सहायता प्रदान करते हुए महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ (जल विनियमन, कार्बन पृथक्करण और मानसून स्थिरता) प्रदान करता है।

कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढाँचा (2022)

  • अंगीकरण: दिसंबर 2022 में मॉन्ट्रियल, कनाडा में जैव विविधता पर कन्वेंशन (CBD) के COP15 में (मूल रूप से कुनमिंग, चीन में योजना बनाई गई थी)।
  • उद्देश्य
    • वर्ष 2030 तक जैव विविधता के नुकसान को रोकना तथा वर्ष 2050 तक ‘प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करके जीवनयापन’ करना।
    • यह ‘प्रकृति के लिए पेरिस समझौते’ के रूप में कार्य करता है।
  • लक्ष्य (वर्ष 2050 के लिए)
    • पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता की रक्षा और पुनर्स्थापना करना तथा संकटग्रस्त प्रजातियों को विलुप्त होने को रोकना।
    • जैव विविधता के सतत् उपयोग और लाभों को सुनिश्चित करना।
    • आनुवंशिक संसाधनों के निष्पक्ष और न्यायसंगत बँटवारे को बढ़ावा देना।
    • कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त वित्त, प्रौद्योगिकी और क्षमता जुटाना।
  • लक्ष्य (वर्ष 2030 के लिए): 23 वैश्विक लक्ष्य, जिनमें से प्रमुख हैं:-
    • भूमि और महासागरों के 30% हिस्से (“30×30”) की रक्षा करना।
    • क्षरित पारिस्थितिकी तंत्रों के 30% हिस्से को पुनर्स्थापित करना।
    • विदेशी आक्रामक प्रजातियों के प्रवेश की दर को आधा कर देना।
    • सब्सिडी को कम-से-कम 500 अरब डॉलर प्रति वर्ष कम करना।
  • कानूनी स्वरूप: कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं; कार्यान्वयन राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीतियों (NBSAPs) और CBD के अंतर्गत स्वैच्छिक देश प्रतिबद्धताओं पर निर्भर करता है।

IUCN वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक के बारे में

  • IUCN वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक, अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा विकसित एक वैश्विक मूल्यांकन प्रणाली है।
  • उद्देश्य: दुनिया भर के सभी प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थलों की संरक्षण स्थिति और प्रबंधन प्रभावशीलता का मूल्यांकन करता है।
  • प्रारंभ: वर्ष 2014; प्रत्येक तीन वर्ष में अद्यतन (2017, 2020, 2025)।
  • उद्देश्य: यह निगरानी करना कि समय के साथ इन वैश्विक रूप से महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्रों का संरक्षण और प्रबंधन कितनी प्रभावी ढंग से किया जा रहा है।
  • कार्यक्षेत्र: वर्ष 2025 संस्करण में महाद्वीपों के 252 प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थलों का मूल्यांकन किया गया।
  • मूल्यांकन मानदंड: प्रत्येक स्थल का मूल्यांकन निम्नलिखित आधार पर किया जाता है:-
    • वर्तमान संरक्षण परिदृश्य: स्थलीय मूल्यों के संरक्षण की दीर्घकालिक संभावना।
    • खतरे: जलवायु परिवर्तन, आक्रामक प्रजातियाँ, रोग, आवास का ह्रास और पर्यटन का दबाव।
    • संरक्षण एवं प्रबंधन: नीतिगत सुदृढ़ता, वित्तपोषण, सामुदायिक सहभागिता।
    • मूल्यों की स्थिति: प्रजातियों, पारिस्थितिकी तंत्रों और पारिस्थितिकी प्रक्रियाओं की गुणवत्ता
  • आउटलुक की श्रेणियाँ: IUCN प्रत्येक साइट को चार श्रेणियों में वर्गीकृत करता है – संतोषजनक, कुछ चिंताओं के साथ संतोषजनक, महत्त्वपूर्ण रूप से चिंताग्रस्त, गंभीर।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.