100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारतीय कॉफी उत्पादन की वैश्विक सफलता

Lokesh Pal October 29, 2025 03:42 53 0

संदर्भ

भारतीय  प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय कॉफी को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है।

संबंधित तथ्य 

  • प्रधानमंत्री ने कॉफी उत्पादन के स्थानीय समुदायों पर परिवर्तनकारी प्रभाव की भी सराहना की, विशेषकर कोरापुट (ओडिशा), कूर्ग और चिकमँगलूर (कर्नाटक) तथा पश्चिमी घाट क्षेत्र में।

भारत में कॉफी का इतिहास

  • उत्पत्ति: कॉफी का मूल स्थान दक्षिण इथियोपिया के ऊँचे पठारी क्षेत्र हैं।
  • भारत में आगमन: वर्ष 1670 में बाबा बूदान, जो मक्का यात्रा पर गए थे, यमन से सात कॉफी बीज छिपाकर लाए और उन्हें कर्नाटक की चंद्रगिरि पहाड़ियों में रोपित किया।  उस समय अरब देशों से कॉफी बीजों का निर्यात प्रतिबंधित था।
  • डचों की भूमिका: 17वीं शताब्दी में भारत के कुछ हिस्सों पर अधिकार के दौरान डचों ने कॉफी की खेती के विस्तार में योगदान दिया।
  • ब्रिटिश कालीन व्यावसायिक विस्तार: 19वीं शताब्दी के मध्य में ब्रिटिश राज के दौरान कॉफी की खेती का व्यावसायिक विकास हुआ, विशेष रूप से मैसूर क्षेत्र में।

भारत में कॉफी उत्पादन 

  • भारतीय कॉफी पर्यावरण-अनुकूल खेती के लिए जानी जाती है, जिससे इसका स्वाद और सुगंध अद्वितीय बनते हैं।
  • मुख्य प्रकार 
    • अरेबिका: ऊँचाई वाले क्षेत्रों में उगाई जाती है, बेहतर स्वाद और सुगंध के कारण उच्च मूल्य प्राप्त करती है।
    • रोबस्टा: अपनी और उच्च कैफीन सामग्री के लिए प्रसिद्ध रोबस्टा बीन्स का उपयोग कॉफी मिश्रणों में व्यापक रूप से किया जाता है।
      • इसकी निम्न गुणवत्ता धारणा के बावजूद, इसकी वैश्विक उत्पादन में 72% भागीदारी है।
  • भौगोलिक विस्तार: भारत में लगभग 4.9 लाख हेक्टेयर में कॉफी की कृषि होती है।  मुख्यतः कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में 90% उत्पादन होता है।
    • उभरते कॉफी क्षेत्र: ओडिशा, उत्तर-पूर्व भारत, आंध्र प्रदेश की अराकू घाटी
    • राज्यवार उत्पादन: कर्नाटक – कुल उत्पादन का 70%, केरल – 23%, तमिलनाडु – 5%।
  • उत्पादन और निर्यात: भारत वार्षिक रूप से 3.63 लाख मीट्रिक टन कॉफी का उत्पादन करता है।
    • उत्पादन का लगभग 70%, 120 से अधिक देशों को निर्यात किया जाता है, जिससे 1.8 बिलियन डॉलर की निर्यात आय (वर्ष 2024-25) प्राप्त होती है।
  • कॉफी उत्पादन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ
    • जलवायु: गर्म एवं आर्द्र, तापमान 15°C से 28°C के बीच।
    • वर्षा: 150 से 250 सेमी. प्रतिवर्ष।
    • मृदा: अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी, जिसमें ह्यूमस, लौह और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में हो।
    • ऊँचाई: 600 से 1,600 मीटर के बीच पहाड़ी ढलानों पर उगाया जाता है।
    • छाया और शुष्क मौसम: विकास के लिए छायादार वृक्षों की आवश्यकता होती है तथा बेरी पकने के दौरान शुष्क परिस्थितियों की आवश्यकता होती है।

मुख्य कॉफी उत्पादक क्षेत्र

राज्य/क्षेत्र मुख्य क्षेत्र विशेषताएँ
कर्नाटक चिकमँगलूर, कूर्ग, हसन, बिलिगिरी पहाड़ियाँ भारत के कुल उत्पादन का 60% से अधिक; अरेबिका और रोबस्टा दोनों का उत्पादन।
तमिलनाडु पुलनी, शेवरॉय, नीलगिरी, अन्नामलाई पहाड़ियाँ ऊँचाई पर उगाई जाने वाली कॉफी, विशिष्ट सुगंध के लिए प्रसिद्ध
केरल वायनाड, त्रावणकोर, मालाबार मॉनसून मालाबार” कॉफी के लिए प्रसिद्ध; जैविक खेती
ओडिशा कोरापुट सतत् आदिवासी कॉफी मॉडल, पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी पहल
उत्तर-पूर्व भारत अरुणाचल, नागालैंड, मेघालय नए ‘बुटीक कॉफी’ के रूप में उभरते क्षेत्र।

कोरापुट कॉफी: सतत् विकास का मॉडल 

  • पारिस्थितिक पुनर्स्थापन: कॉफी बोर्ड के सहयोग से कोरापुट जिले में क्षतिग्रस्त वनभूमियों को उपजाऊ कॉफी बागानों में बदला गया, जिससे मृदा अपरदन कम हुआ और जैव विविधता में वृद्धि हुई।
  • आदिवासी सशक्तिकरण: कॉफी की खेती ने आदिवासी किसानों को स्थायी आय प्रदान की है।
    • महिलाएँ इस क्षेत्र  का अहम हिस्सा बन गई हैं, वे कटाई, प्रसंस्करण और विपणन में मुख्य भूमिका निभा रही हैं, जिससे गाँवों में सभी को साथ लेकर विकास सुनिश्चित हो रहा है।
  • बाजार स्थिति:कोरापुट कॉफी” अब विशेष आदिवासी ब्रांड के रूप में उभर रही है, अराकू कॉफी की तरह वैश्विक पहचान प्राप्त कर रही है।
    • किसानों की आय और जीवन स्तर में सुधार देखा गया है, बेहतर ब्रांडिंग और बाजार पहुँच के कारण।

कॉफी बोर्ड के बारे में

  • स्थापना: कॉफी अधिनियम, 1942 के तहत।
  • नोडल मंत्रालय: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार।
  • मुख्यालय: बंगलूरू, कर्नाटक।

कॉफी प्रोत्साहन हेतु सरकारी पहलें 

  • कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया: गुणवत्ता सुधार, प्रसंस्करण व विपणन ढाँचे को मजबूत करने हेतु कार्यक्रम संचालित करता है।
    • भौगोलिक संकेत (GI) टैगिंग और ट्रेसबिलिटी सिस्टम के माध्यम से प्रीमियम ब्रांडिंग को बढ़ावा देना।
  • कॉफी विकास कार्यक्रम (CDP): पुनः रोपण, यंत्रीकरण और जल-कुशल सिंचाई प्रणालियों को प्रोत्साहन।
  • महिला एवं जनजातीय सशक्तीकरण: कोरापुट व अराकू जैसे क्षेत्रों में महिला-नेतृत्व वाली सहकारी समितियाँ स्थापित करना।
    • कॉफी की खेती को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) जैसे आजीविका मिशनों के साथ एकीकृत किया गया है।
  • विशेष कॉफी ब्रांडिंग: अराकू, कोरापुट, और कूर्ग जैसी कॉफी ब्रांड को सिंगल-ओरिजिन स्पेशलिटी कॉफी के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
    • डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ONDC) के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और ई-कॉमर्स निर्यात के साथ सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.