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ब्लैक होल मोर्सेल्स

Lokesh Pal November 07, 2025 02:30 25 0

संदर्भ

एक नए सैद्धांतिक अध्ययन में प्रस्तावित किया गया है कि ब्लैक होल विलय के दौरान बनने वाले बहुत छोटे ब्लैक होल, जिन्हें ‘ब्लैक होल मोर्सेल्स’ (Black Hole Morsels) कहा जाता है, क्वांटम गुरुत्वाकर्षण के अवलोकनीय साक्ष्य प्रदान कर सकते हैं।

गुरुत्वाकर्षण बनाम क्वांटम यांत्रिकी

  • गुरुत्वाकर्षण: वह बल जो बड़े पैमाने की ब्रह्मांडीय संरचनाओं (ग्रहों, तारों, आकाशगंगाओं) को नियंत्रित करता है, जिसे आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत द्वारा व्याख्यायित किया गया है।
  • क्वांटम यांत्रिकी: उप-परमाणु क्षेत्र को नियंत्रित करता है, जहाँ कण अध्यारोपण और प्रायिकताएँ नियम का अनुसरण करते हैं।
  • चुनौती: इन दोनों ढाँचों को क्वांटम गुरुत्वाकर्षण के एक सुसंगत सिद्धांत में एकीकृत करना।
    • अन्य बलों की तुलना में गुरुत्वाकर्षण बल के अत्यधिक कमजोर होने के कारण इसके क्वांटम प्रभावों का प्रयोगशालाओं में सीधे परीक्षण करना लगभग असंभव है।

क्वांटम गुरुत्वाकर्षण क्या है?

  • क्वांटम गुरुत्वाकर्षण एक सैद्धांतिक ढाँचा है, जो क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों के अनुसार गुरुत्वाकर्षण का वर्णन करने का प्रयास करता है।
  • संक्षेप में, इसका उद्देश्य आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत, जो गुरुत्वाकर्षण को द्रव्यमान और ऊर्जा के कारण स्पेस-टाइम की वक्रता के रूप में समझाता है, को क्वांटम यांत्रिकी के साथ एकीकृत करना है, जो सबसे छोटे पैमाने पर कणों के व्यवहार को नियंत्रित करता है।

ब्लैक होल क्वांटम गुरुत्वाकर्षण की कुंजी क्यों हैं?

  • ब्लैक होल स्पेस-टाइम का एक ऐसा क्षेत्र है, जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल होता है कि कुछ भी, यहाँ तक कि प्रकाश भी, इससे बाहर नहीं निकल सकता है।
  • ब्लैक होल की सीमा को इवेंट होराइजन (Event Horizon) कहा जाता है।
  • इसके अंदर, भौतिकी के ज्ञात नियम गलत सिद्ध होने लगते हैं, जिससे ब्लैक होल क्वांटम गुरुत्व का अध्ययन करने के लिए सर्वोत्तम प्राकृतिक प्रयोगशालाएँ बन जाते हैं।
  • स्टीफन हॉकिंग का सिद्धांत: इन्होंने भविष्यवाणी की थी कि ब्लैक होल मंद विकिरण उत्सर्जित करते हैं, जो इवेंट होराइजन के पास उत्पन्न होने वाला एक क्वांटम प्रभाव है

हॉकिंग विकिरण (Hawking Radiation) के बारे में

  • स्टीफन हॉकिंग (1970 के दशक) द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
  • इसमें कहा गया है कि ब्लैक होल पूरी तरह से काले नहीं होते हैं, वे इवेंट होराइजन के पास क्वांटम प्रभावों के कारण हल्का विकिरण उत्सर्जित करते हैं।
  • इस विकिरण के कारण ब्लैक होल धीरे-धीरे अपना द्रव्यमान खो देते हैं और अंततः वाष्पित हो जाते हैं।
  • जैसे-जैसे ब्लैक होल छोटा होता जाता है, इस विकिरण का तापमान बढ़ता जाता है अर्थात्  छोटे ब्लैक होल अधिक गर्म होते हैं।

नई परिकल्पना: ‘ब्लैक होल मोर्सेल्स’

  • इस अध्ययन में प्रस्तावित किया गया है कि ‘ब्लैक होल मोर्सेल्स’ छोटे, अल्पकालिक ब्लैक होल हैं, जो संभवतः विशाल ब्लैक होल विलय के दौरान बने होंगे।
  • ‘मोर्सेल्स’ की प्रकृति
    • अपने मूल ब्लैक होल से कहीं छोटे, और द्रव्यमान में लगभग क्षुद्रग्रहों के बराबर होते हैं।
    • इसलिए, ये बहुत गर्म होते हैं और तीव्र हॉकिंग विकिरण उत्सर्जित करने में सक्षम होते हैं।
  • गठन तंत्र
    • ब्लैक होल विलय के दौरान, टकराव से अत्यंत सघन स्पेस-टाइम के छोटे-छोटे हिस्से में ‘विखंडित’ हो सकते हैं, जिससे कण बन सकते हैं।
    • ये सूक्ष्म ब्लैक होल हॉकिंग विकिरण के माध्यम से तेजी से वाष्पित हो जाते हैं, जिससे उच्च-ऊर्जा कणों का विस्फोट होता है।
  • ये कण उच्च-ऊर्जा गामा किरणों का विस्फोट उत्सर्जित कर सकते हैं, जिन्हें मौजूदा दूरबीनों से पहचाना जा सकता है।
    • ये उत्सर्जन अल्पकालिक होते हैं अर्थात् द्रव्यमान के आधार पर मिलीसेकंड से लेकर वर्षों तक चलते हैं।

वैज्ञानिक निहितार्थ

  • क्वांटम गुरुत्व का परीक्षण: हॉकिंग विकिरण का पता लगाने से अंतरिक्ष-समय की क्वांटम संरचना की प्रत्यक्ष जाँच हो सकेगी, जिसे लंबे समय से प्रायोगिक पहुँच से परे माना जाता रहा है।
  • प्राकृतिक ब्रह्मांडीय त्वरक: ब्लैक होल विलय प्राकृतिक प्रयोगशालाओं के रूप में कार्य कर सकते हैं और CERN के लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) जैसे मानव-निर्मित कण त्वरक से कहीं अधिक ऊर्जा पैमाने प्राप्त कर सकते हैं।
  • मानक मॉडल से परे नई भौतिकी: विकिरण स्पेक्ट्रम वर्तमान कण भौतिकी से विचलन को उजागर कर सकता है, जो अज्ञात अवधारणों की ओर इंगित करता है।

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