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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal November 19, 2025 02:45 19 0

बटुकेश्वर दत्त

हाल ही में भारत में बटुकेश्वर दत्त की जयंती मनाई गई, जो एक ऐसे क्रांतिकारी है, जिन्हें स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के बावजूद अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।

बटुकेश्वर दत्त के बारे में

  • उनका जन्म 18 नवंबर, 1910 को बर्दवान (पश्चिम बंगाल) में हुआ था। वे कम आयु में ही क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए थे।
  • वे वर्ष 1928 में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) में शामिल हुए, लगभग उसी समय जब संगठन का पुनर्गठन किया जा रहा था और इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) कर दिया गया था।
    • वे भगत सिंह के निकट सहयोगी थे और कानपुर में HSRA के सक्रिय सदस्य बने।

प्रमुख योगदान

  • दिल्ली असेंबली बम विस्फोट (वर्ष 1929): भगत सिंह के साथ, उन्होंने 8 अप्रैल, 1929 को केंद्रीय असेंबली में बम फेंके, जिसका उद्देश्य किसी को हताहत करना नहीं था।
    • उन्हें गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया साथ ही उन्हें दोषी ठहराया गया तथा उन्होंने राजनीतिक विरोध के रूप में कारावास का विकल्प चुना।
  • जेल में बिताए वर्ष: मुल्तान, झेलम, त्रिचिनोपोली, सलेम और अंडमान की जेलों में नौ वर्ष बिताए।
    • राजनीतिक कैदियों के साथ मानवीय व्यवहार की माँग को लेकर बार-बार भूख हड़ताल की।
    • भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पुनः गिरफ्तार, वर्ष 1942-46 तक फिर से जेल में रहे।
  • अंतिम वर्ष: 20 जुलाई, 1965 को उनका निधन हो गया और उनका अंतिम संस्कार पंजाब के हुसैनीवाला राष्ट्रीय शहीद स्मारक में किया गया, जहाँ भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के स्मारक मौजूद हैं।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस, 2025

16 नवंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना का प्रतीक है।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के बारे में

  • प्रेस की स्वतंत्रता और नैतिक पत्रकारिता के महत्त्व को उजागर करने के लिए प्रतिवर्ष 16 नवंबर को मनाया जाता है।
  • यह दिवस वर्ष 1966 में भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना का प्रतीक है, जिसका पुनर्गठन वर्ष 1979 में हुआ।
    • परिषद का विचार सबसे पहले वर्ष 1956 में प्रथम प्रेस आयोग द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
  • यह दिवस पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों और विशेषज्ञों के दृष्टिकोण तथा पुरस्कार विजेताओं के कार्यों को दर्शाने वाली एक स्मारिका के विमोचन के माध्यम से उच्च पत्रकारिता मानकों को मान्यता प्रदान करता  है।

भारतीय प्रेस परिषद (PCI) के बारे में  

  • प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 के अंतर्गत एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है।
  • अधिदेश: प्रेस की स्वतंत्रता को संरक्षित रखना और पत्रकारिता के मानकों में सुधार लाना।
  • प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन, नैतिक कदाचार से संबंधित शिकायतों का निपटारा करना और स्वतः संज्ञान लेना।

मुख्य तथ्य

  • भारत का मीडिया परिदृश्य: पंजीकृत प्रकाशनों की संख्या वर्ष 2004-05 में 60,143 से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 1.54 लाख हो गई है।
  • विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में स्थान: वर्ष 2025 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 32.96 अंकों के साथ 151वें स्थान पर है, जो पिछले वर्ष के 159वें स्थान से 8 स्थान ऊपर है।

जलवायु परिवर्तन और व्यापार पर एकीकृत मंच (IFCCT)

हाल ही में COP-30 ने व्यापार नीति और जलवायु कार्रवाई के बीच बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए IFCCT का शुभारंभ किया।

जलवायु परिवर्तन और व्यापार पर एकीकृत मंच (IFCCT) के बारे में 

  • IFCCT एक नया, राजनीतिक रूप से समर्थित मंच है, जिसे COP-30 प्रेसीडेंसी के तहत जलवायु उपायों और वैश्विक व्यापार प्रणालियों के बीच अंतर्संबंधों पर संरचित संवाद को सक्षम बनाने के लिए बनाया गया है।
  • उद्देश्य: IFCCT का उद्देश्य एक औपचारिक मंच प्रदान करना है, जहाँ देश खुले तौर पर चर्चा कर सकें कि व्यापार नीतियाँ, जलवायु महत्त्वाकांक्षाएँ और विकासात्मक प्राथमिकताएँ कैसे परस्पर क्रिया करती हैं।
    • यह टैरिफ और सीमा कार्बन समायोजन जैसे एकतरफा जलवायु-संबंधी व्यापार उपायों से उत्पन्न बढ़ते विवादों का प्रबंधन करने का प्रयास करता है।
  • संचालन: यह एक खुली, देश-संचालित परामर्श प्रक्रिया है, जो वर्ष 2026 तक जारी रहेगी।
  • यह UNFCCC जैसी बहुपक्षीय संरचनाओं के साथ कार्य करेगा और विश्व व्यापार संगठन के साथ निकटता से जुड़ेगा, स्थापित वैश्विक व्यापार शासन के भीतर चर्चाओं को स्थापित करेगा।

महत्त्व

  • यह वैश्विक बाजारों को विखंडित करने और आपूर्ति शृंखलाओं को अस्थिर करने से जलवायु-व्यापार संबंधी बढ़ते टकराव को रोकने के लिए एक संरचित तंत्र प्रदान करता है।
  • यह असमान क्षमताओं और साझा लेकिन विभेदित उत्तरदायित्व की आवश्यकता को उजागर करने के लिए विकासशील देशों के मुद्दों को संबोधित करता है।
  • यह अंतर-संचालनीय जलवायु-व्यापार नियमों के उद्भव का समर्थन करता है, जिससे तेजी से बढ़ते जलवायु-संबंधित व्यापार साधनों के कारण होने वाली अनिश्चितता कम होती है।
  • इसका उद्देश्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच विश्वास का पुनर्निर्माण करना और वैश्विक प्रणाली को सुसंगत, जलवायु-संरेखित और विकास-अनुकूल व्यापार नीतियों की ओर निर्देशित करना है।

ई-जागृति 

भारत के ई-जागृति प्लेटफॉर्म  ने उपभोक्ता शिकायतों के त्वरित समाधान, बेहतर पहुँच और घरेलू एवं अनिवासी भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर पारदर्शिता प्रदान करते हुए, तेजी से बदलाव लाया है।

  • नवंबर 2025 तक, इसने 1,30,550 शिकायतें दर्ज कीं और 1,27,058 मामलों का निपटारा किया, जो इसकी उच्च दक्षता को दर्शाता है।

ई-जागृति के बारे में

  • सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के माध्यम से ई-न्याय एवं शिकायत निवारण, उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा पूरे भारत में उपभोक्ता न्याय वितरण को सुव्यवस्थित तथा आधुनिक बनाने के लिए विकसित एक एकीकृत डिजिटल शिकायत निवारण प्रणाली है।
  • प्रारंभ: यह प्लेटफॉर्म  1 जनवरी, 2025 को लॉन्च किया गया था।
  • उद्देश्य: एकीकृत डिजिटल इंटरफेस के माध्यम से नागरिकों और अनिवासी भारतीयों के लिए त्वरित, सुलभ और प्रौद्योगिकी-संचालित उपभोक्ता विवाद समाधान प्रदान करना।

मुख्य विशेषता

  • यह प्लेटफॉर्म OTP-आधारित पंजीकरण, वर्चुअल सुनवाई, रियल टाइम केस ट्रैकिंग और डिजिटल या ऑफलाइन शुल्क भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।
  • यह बुजुर्गों और दिव्यांग उपयोगकर्ताओं के लिए बहुभाषी समर्थन, AI-सक्षम सहायता, चैटबॉट सहायता और वॉइस-टू-टेक्स्ट टूल प्रदान करता है।
  • यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, भूमिका-आधारित अनुमतियों और भारत कोष तथा PayGov भुगतान गेटवे के साथ एकीकरण के साथ सुरक्षित पहुँच सुनिश्चित करता है।
  • यह ऑनलाइन उपभोक्ता मध्यस्थता प्रणाली (OCMS), ई-दाखिल (इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग प्लेटफॉर्म), राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग केस प्रबंधन प्रणाली (NCDRC CMS) और कंप्यूटरीकृत नेटवर्क सिस्टम (CONFONET) को एक ही इंटरफेस में एकीकृत करता है ताकि विखंडन और कागजी कार्रवाई को कम किया जा सके।

महत्त्व

  • ई-जागृति एक पूर्णतः डिजिटल, सुलभ और राष्ट्रव्यापी मंच के माध्यम से समावेशी, पारदर्शी और कुशल उपभोक्ता न्याय प्रदान करके नागरिक-केंद्रित शासन को सुदृढ़ बनाती है।

अभ्यास अजय वारियर-25

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने संयुक्त आतंकवाद-रोधी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए राजस्थान में अभ्यास अजय वारियर-25 का आठवाँ संस्करण प्रारंभ किया है।

अभ्यास अजय वारियर-2025 के बारे में

  • अजय वारियर एक द्विवार्षिक भारत-ब्रिटेन संयुक्त सैन्य अभ्यास है, जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच व्यावसायिक सहयोग को मजबूत करना और अंतर-संचालन क्षमता में सुधार लाना है।
  • इस अभ्यास का पहला संस्करण वर्ष 2011 में आयोजित किया गया था।
  • स्थान: विदेशी प्रशिक्षण केंद्र, महाजन फील्ड फायरिंग रेंज, राजस्थान।
  • मुख्य क्षेत्र
    • यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत आयोजित किया जाता है और अर्द्ध-शहरी परिवेश में आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित होता है।
    • इसमें ब्रिगेड स्तर पर संयुक्त मिशन योजना, एकीकृत सामरिक अभ्यास, सिमुलेशन-आधारित परिदृश्य और कंपनी-स्तरीय क्षेत्रीय अभ्यास शामिल हैं।
    • इस अभ्यास में दोनों सेनाओं के 240 सैन्यकर्मी समान रूप से भाग ले रहे हैं, जिसमें भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व सिख रेजिमेंट कर रही है।
  • महत्त्व: यह अभ्यास परिचालन समन्वय को मजबूत करता है, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सहायता करता है और क्षेत्रीय स्थिरता एवं वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए भारत-ब्रिटेन रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करता है।

कोलोनोक्स (ColoNoX)

परमाणु ऊर्जा विभाग ने मधुमेह से संबंधित पैर के अल्सर के लिए भारत का पहला नाइट्रिक-ऑक्साइड वाउंड ड्रेसिंग लॉन्च किया है, जो परमाणु विज्ञान-आधारित स्वास्थ्य सेवा समाधानों में एक बड़ी प्रगति का प्रतीक है।

कोलोनोक्स (ColoNoX) के बारे में

  • कोलोनोक्स (ColoNoX) भारत की पहली नाइट्रिक-ऑक्साइड-रिलीजिंग वाउंड ड्रेसिंग है, जिसे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) द्वारा विकसित किया गया है और कोलोजेनेसिस प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से मधुमेह से संबंधित फूट अल्सर (Foot Ulcers) के इलाज के लिए इसका व्यवसायीकरण किया गया है।

विशेषताएँ

  • यह ड्रेसिंग नियंत्रित नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्सर्जन करती है, जिससे घाव जल्दी भरते हैं, संक्रमण का जोखिम कम होता है और मधुमेह रोगियों में ऊतक की रिकवरी में सुधार होता है।
  • इसका चरण II और चरण III के सफल नैदानिक ​​परीक्षण हो चुके हैं, जो मधुमेह से संबंधित पैर के अल्सर के प्रबंधन में सुरक्षा और प्रभावकारिता को प्रदर्शित करते हैं।
  • इसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) से व्यावसायिक उत्पादन की स्वीकृति मिली है, जिससे विनियमित और व्यापक चिकित्सा पहुँच सुनिश्चित हुई है।
  • यह भारत की उच्च मधुमेह आबादी के लिए एक किफायती और उन्नत चिकित्सीय विकल्प प्रदान करता है।

नाइट्रिक ऑक्साइड की भूमिका

  • नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) एक महत्त्वपूर्ण संकेतन अणु है, जो सूजन को नियंत्रित करके, कोशिका प्रसार को बढ़ावा देकर और कोलेजन निर्माण को उत्तेजित करके घाव भरने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • यह चोट लगने पर संवहनी प्रतिक्रिया को प्रभावित करता है, सूजन प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है, रोगाणुरोधी प्रभाव डालता है और घाव के पुनःविकसित और बंद होने के बाद के चरणों में सहायता करता है।

महत्त्व

  • यह नवाचार सामाजिक लाभ के लिए परमाणु विज्ञान को लागू करके भारत की जैव चिकित्सा क्षमताओं को मजबूत करता है तथा देश भर में अंग-विच्छेदन को कम करने एवं मधुमेह रोगियों के परिणामों में सुधार के लिए लागत प्रभावी समाधान प्रदान करता है।

सेंटिनल-6B उपग्रह

हाल ही में वैश्विक समुद्र स्तर और जलवायु अवलोकनों को बेहतर बनाने के लिए एक नया महासागर-निगरानी उपग्रह, सेंटिनल-6B, प्रक्षेपित किया गया।

  • यह सेंटिनल-6 माइकल फ्रीलिच (सेंटिनल-6A) उपग्रह का उत्तराधिकारी है, जिसे नवंबर 2020 में प्रक्षेपित किया गया था।

सेंटिनल-6B के बारे में

  • यह एक महासागर-ट्रैकिंग उपग्रह है, जिसमें छह ऑनबोर्ड विज्ञान उपकरण लगे हैं, जिसे NASA, राष्ट्रीय महासागरीय एवं वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।

मुख्य उद्देश्य

  • वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि को उच्च परिशुद्धता के साथ मापना, जलवायु और महासागरीय स्थिति की निगरानी के लिए सटीक आँकड़े प्रदान करना।
  • महासागरीय तापमान, तरंगों और सतही स्थलाकृति का मानचित्रण करना, वैश्विक मौसम और चक्रवात-पूर्वानुमान मॉडलों में सुधार करना।
  • बेहतर रियल-टाइम आँकड़ों के माध्यम से चक्रवात, बाढ़ और चरम मौसम की घटनाओं के लिए पूर्व-चेतावनी क्षमताओं को मजबूत करना।
  • नौवहन में सहायता करके, समुद्र के नीचे केबलों और पाइपलाइनों को सुरक्षित करके तथा नौवहन सुरक्षा को बढ़ाकर समुद्री संचालन का समर्थन करना।

महत्त्व

  • सेंटिनल-6B, अपने ट्विन उपग्रह सेंटिनल-6 माइकल फ्रीलिच के साथ मिलकर, विश्व के 90% से अधिक महासागरों को कवर करते हुए उच्च-रिजॉल्यूशन माप प्रदान करेगा।

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