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राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण

Lokesh Pal November 20, 2025 03:25 20 0

संदर्भ

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics & Programme Implementation- MoSPI) ने राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की 75वीं वर्षगाँठ और विश्व सांख्यिकी दिवस के अवसर पर उदयपुर में राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (National Industrial Classification- NIC) 2025 जारी किया।

राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (National Industrial Classification- NIC) के बारे में

  • राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC) भारत की आधिकारिक सांख्यिकीय वर्गीकरण प्रणाली है, जिसका उपयोग सभी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है।
  • उद्देश्य: NIC आर्थिक आँकड़ों के संग्रह, आयोजन और प्रकाशन के लिए एक मानकीकृत ढाँचा प्रदान करता है, जिससे राष्ट्रीय लेखाओं, उद्योग सर्वेक्षणों और सरकारी डेटाबेस में एकरूपता सुनिश्चित होती है।
  • विकसितकर्ता: यह वर्गीकरण सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा विकसित और अनुरक्षित किया जाता है।
  • उपयोग: NIC कोड का उपयोग कंपनी पंजीकरण, GST फाइलिंग, श्रम सर्वेक्षण, आर्थिक जनगणना, औद्योगिक लाइसेंसिंग और राष्ट्रीय आय लेखांकन के लिए किया जाता है।

NIC का विकास और उद्देश्य

  • आधारभूत सांख्यिकीय उपकरण: NIC सांख्यिकीय सर्वेक्षणों, जनगणनाओं, आर्थिक अनुसंधान, राष्ट्रीय लेखा-जोखा और नीति निर्माण के लिए मुख्य ढाँचे के रूप में कार्य करता है।
  • ऐतिहासिक विकास: भारत का वर्गीकरण NIC वर्ष 1962 से NIC वर्ष 1970, 1987, 1990, 1998, 2004 और वर्ष 2008 तक विकसित हुआ है, जो दशकों के आर्थिक परिवर्तनों को दर्शाता है।
  • वैश्विक अनुपालन: बेहतर वैश्विक तुलना के लिए NIC 2025 को संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय मानक औद्योगिक वर्गीकरण (ISIC  संशोधन 5) के अनुरूप बनाया गया है।

संशोधन की आवश्यकता

  • आर्थिक परिवर्तन को दर्शाना: NIC 2025 प्रौद्योगिकी, नवाचार, नवीकरणीय ऊर्जा, फिनटेक, ई-कॉमर्स और डिजिटल मध्यस्थता द्वारा संचालित तीव्र परिवर्तनों को दर्शाता है।
  • स्वदेशी क्षेत्रों को मान्यता: इस संशोधन में आयुष-आधारित स्वास्थ्य सेवा और हथकरघा उद्योग जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जिससे पारंपरिक आर्थिक गतिविधियों का प्रतिनिधित्व मजबूत हुआ है।
  • संरचनात्मक और तकनीकी बदलाव: अद्यतन वर्गीकरण में उत्पादन प्रणालियों, संगठनात्मक मॉडलों और उभरती व्यावसायिक संरचनाओं में बड़े परिवर्तनों को शामिल किया गया है।
  • पर्यावरणीय अनिवार्यताएँ: कार्बन कैप्चर और पर्यावरणीय सुधार जैसी बढ़ती हरित अर्थव्यवस्था गतिविधियों के लिए समर्पित वर्गीकरण की आवश्यकता थी।

NIC 2025 की मुख्य विशेषताएँ

  • छह-अंकीय कोडिंग संरचना: एक नई 6-अंकीय कोड प्रणाली (पूर्व में 5-अंकीय-2008) प्रस्तुत की गई है, जो उभरती गतिविधियों को दर्ज करने में अधिक विस्तृत जानकारी और लचीलापन प्रदान करती है।
  • उन्नत मध्यस्थता सेवाएँ: बिचौलियों की बढ़ती भूमिका को दर्शाने के लिए बिजली, खुदरा, रसद, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, रियल एस्टेट और खाद्य सेवाओं में नई श्रेणियाँ शुरू की गईं। उदाहरणार्थ- आयुष-आधारित स्वास्थ्य सेवा।
  • पर्यावरण और हरित अर्थव्यवस्था पर ध्यान: कार्बन कैप्चर, अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरणीय सुधार, सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) और SEEA (पर्यावरण-आर्थिक लेखांकन प्रणाली) ढाँचे के साथ संरेखण का विस्तारित कवरेज प्रदान करना।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था कवरेज: क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर, ब्लॉकचेन, प्लेटफॉर्म आधारित सेवाओं और वेब सर्च पोर्टल्स के लिए विशिष्ट वर्गीकरण, जो डिजिटल परिवर्तन को दर्शाता है।
  • प्रौद्योगिकी जनित दृष्टिकोण: गतिविधियों को आउटपुट/गतिविधि के आधार पर वर्गीकृत करता है, न कि प्रयुक्त तकनीक के आधार पर।

NIC 2025 का महत्त्व और अनुप्रयोग

  • राष्ट्रीय लेखा संकलन (GDP, GVA, IIP) में सुधार।
  • नवीकरणीय ऊर्जा, AI, डेटा सेंटर, फिनटेक जैसे उभरते क्षेत्रों का बेहतर मानचित्रण।
  • 6-अंकीय स्तर पर विस्तृत डेटा के माध्यम से बेहतर नीति निर्माण।
  • GSTN, MCA, EPFO, RBI के लिए वर्गीकरण को मानकीकृत करके व्यापार सुगमता को बढ़ावा।
  • अद्यतित कोड के साथ रोजगार, एमएसएमई और क्षेत्रीय सर्वेक्षणों का समर्थन।

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय मानक औद्योगिक वर्गीकरण (ISIC) के बारे में

  • अवलोकन: अंतरराष्ट्रीय मानक औद्योगिक वर्गीकरण (ISIC) विभिन्न देशों में आर्थिक गतिविधियों को एक सुसंगत और तुलनात्मक रूप  से वर्गीकृत करने हेतु संयुक्त राष्ट्र की एक प्रणाली है।
  • विकसितकर्ता: ISIC का विकास और प्रबंधन संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग (UNSD) द्वारा किया जाता है।
  • उद्देश्य: ISIC उद्योगों को व्यवस्थित और वर्गीकृत करने के लिए एक सार्वभौमिक ढाँचा प्रदान करता है, जिससे देश सुसंगत आर्थिक आँकड़े, राष्ट्रीय खाते और क्षेत्रीय आँकड़े तैयार कर सकते हैं।
  • संरचना: ISIC आर्थिक गतिविधियों को विभिन्न वर्गों, प्रभागों और समूहों में विभाजित करता है, जिसमें कृषि और विनिर्माण से लेकर सेवाओं और डिजिटल उद्योगों तक सभी क्षेत्र शामिल हैं।
  • अनुप्रयोग: ISIC का उपयोग GDP संकलन, श्रम-बल सर्वेक्षण, औद्योगिक आँकड़े, व्यावसायिक रजिस्टर और राष्ट्रीय वर्गीकरणों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के लिए किया जाता है।

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