100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal December 01, 2025 02:47 15 0

भारत की GDP  प्रवृत्ति

वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में भारत की GDP में 8.2% की वृद्धि हुई, जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे अधिक है, जो मजबूत विनिर्माण और सेवाओं की गति से प्रेरित है।

वृद्धि प्रवृत्ति के प्रमुख बिंदु

  • मजबूत समग्र विस्तार: वास्तविक GDP में 8.2% वृद्धि हुई, जो लगभग 7.3% के पूर्वानुमानों से अधिक है। यह लगातार चौथी तिमाही है, जब वृद्धि की गति तीव्र हुई है।
  • विनिर्माण और उद्योग का प्रोत्साहन: विनिर्माण सकल मूल्य वर्द्धन (GVA ) में 9.1% की वृद्धि हुई, जो छह तिमाहियों में सबसे अधिक है। यह सुधार बेहतर क्षमता उपयोग और माँग में वृद्धि से समर्थित रहा।
    • समग्र उद्योग क्षेत्र में 7.7% वृद्धि दर्ज हुई, जबकि विनिर्माण क्षेत्र ने 7% से अधिक विस्तार बनाए रखा।
  • सेवाओं क्षेत्र का प्रभुत्व: सेवाओं में 9% से अधिक की वृद्धि हुई, जिसमें वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएँ (10.2%) और लोक प्रशासन एवं रक्षा (9.7%) सबसे आगे रहीं।
  • उपभोग-आधारित सुधार: निजी अंतिम उपभोग व्यय (PFCE) में 7.9% वृद्धि हुई। यह वृद्धि निम्न मुद्रास्फीति, GST दरों में कटौती तथा ग्रामीण माँग में सुधार से समर्थित रही।
  • निवेश वृद्धि: सकल स्थायी पूँजी निर्माण (GFCF) में 7.3% की वृद्धि हुई, जो सरकारी पूँजीगत व्यय में 31% की वृद्धि और निजी पूँजीगत व्यय पुनरुद्धार के प्रारंभिक संकेतों से प्रेरित थी।

GDP वृद्धि प्रवृत्ति के निहितार्थ

  • भारतीय रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत अवसर: हाल की अत्यंत निम्न मुद्रास्फीति (लगभग 0.25%) मजबूत वृद्धि के बावजूद मौद्रिक दर में कटौती की संभावना बढ़ाती है।
  • राजकोषीय चुनौतियाँ: नॉमिनल GDP वृद्धि 8.7% रहने से राजस्व संग्रहण और राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों पर दबाव बढ़ सकता है।
  • माँग की स्थिरता: उपभोग में सुधार यह दर्शाता है कि घरेलू माँग की गति स्थायी और मजबूत है।
  • वैश्विक प्रतिकूलताएँ: अमेरिका की शुल्क नीतियाँ, वैश्विक व्यापार सख्ती और भू-राजनीतिक जोखिम वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि को मध्यम कर सकते हैं।

ऑपरेशन सागर बंधु 

चक्रवात दित्वाह  (Ditwah) के कारण व्यापक पैमाने पर हुई मौतों, बाढ़ और विनाश के बाद भारत ने श्रीलंका को तत्काल मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया।

‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के बारे में

  • परिभाषा: ऑपरेशन सागर बंधु भारत का मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन है, जिसे चक्रवात दित्वाह  (Ditwah)  के दौरान श्रीलंका का समर्थन करने के लिए शुरू किया गया।
  • प्रवर्तन: इसे भारत सरकार द्वारा भारतीय नौसेना के माध्यम से अंजाम दिया जाता है, यह मिशन नेबरहुड फर्स्ट नीति और विजन महासागर के व्यापक ढाँचे के अंतर्गत कार्यान्वित है।
  • योगदान: भारत ने श्रीलंका को आवश्यक राहत सामग्री, चिकित्सा सामग्री, भोजन, आवास और आपातकालीन संसाधन भेजे।
  • नौसैनिक तैनाती: पहली खेप INS विक्रांत, भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत और INS उदयगिरी, स्वदेशी निर्मित स्टील्थ फ्रिगेट द्वारा पहुँचाई गई।
  • रणनीतिक महत्त्व: यह अभियान भारत की क्षेत्रीय एकजुटता, समुद्री सहयोग और पड़ोसी देशों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मिशन महासागर के तहत अन्य समान संचालन और अभ्यास

  • ऑपरेशन सद्भाव (वर्ष 2024): टाइफून यागी के प्रत्युत्तर में, भारत ने लाओस, वियतनाम और म्याँमार को सहायता प्रदान करने के लिए यह अभियान शुरू किया।
  • INS शारदा तैनाती (मई 2025): भारतीय नौसेना ने मालदीव के माफिलााफुशी एटोल में मानवतावादी सहायता और आपदा राहत अभ्यास के लिए INS शारदा तैनात किया, जो विजन महासागर के अनुरूप था।
  • AIKEYME अभ्यास (अप्रैल 2025): दस अफ्रीकी देशों के साथ यह अभ्यास खोज और बचाव अभियानों पर केंद्रित था, जिससे सहयोगात्मक मानवीय प्रतिक्रिया को प्रदर्शित किया गया।
  • INS संधायक तैनाती (जुलाई 2025): सर्वेक्षण पोत ने मलेशियाई बंदरगाह का दौरा किया और इसकी मानवीय संचालन क्षमताओं को उजागर किया गया।

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK)

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य  मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) पर एक राष्ट्रीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में प्रगति का आकलन करना, पारदर्शिता को मजबूत करना तथा परियोजना कार्यान्वयन में तेजी लाना था।

PMJVK के बारे में

  • PMJVK एक केंद्र-प्रायोजित क्षेत्रीय विकास योजना है, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक-सघन क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे और मूलभूत सुविधाओं में सुधार करना है।
  • उद्गम और विकास: PMJVK, वर्ष 2018–19 में शुरू हुई, मल्टी-सेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (MSDP) का पुनर्गठित संस्करण है, जिसे वर्ष 2008–09 में आरंभ किया गया था इसका  पुनर्गठन 1 अप्रैल, 2018 से प्रभावी हुआ।
  • कार्यान्वयन तंत्र: योजना को राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों के माध्यम से निर्धारित निधि-साझाकरण पैटर्न के अंतर्गत लागू किया जाता है।
    • परियोजना क्रियान्वयन: परियोजनाओं को संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश एजेंसियों द्वारा केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के समन्वय में इसे लागू, निगरानी और रखरखाव किया जाता है।
  • उद्देश्य
    • अल्पसंख्यक-सघन क्षेत्रों में विकास अंतर को कम करना।
    • सामुदायिक संपत्तियों का निर्माण करना, जैसे- स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, कौशल विकास केंद्र और नागरिक सुविधाएँ।
    • समावेशी विकास, सामाजिक समरसता और सार्वजनिक सेवाओं तक बेहतर पहुँच को प्रोत्साहित करना।
  • महत्त्व
    • वंचित  अल्पसंख्यक समुदायों के लिए समान विकास अवसर बढ़ाता है।
    • भारत के समावेशी शासन एजेंडा का समर्थन करता है और विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण में सीधे योगदान देता है।
    • लक्षित विकास निधियों के माध्यम से पिछड़े जिलों और ब्लॉकों में क्षेत्रीय समानता को मजबूत करता है।

सिंटैक्टिक फॉर्म

फ्राँस से सिंटैक्टिक फोम की खरीद में विलंब ने समुद्रयान, भारत के पहले मानवयुक्त पनडुब्बी मिशन, की महत्त्वपूर्ण परीक्षण समय-सारणी को प्रभावित किया है। इस मिशन का उद्देश्य समुद्र तल से 6,000 मीटर नीचे पहुँचना है।

सिंटैक्टिक फोम के बारे में

  • परिभाषा: सिंटैक्टिक फोम एक हल्का, उच्च-संरचनात्मक सामरिक पदार्थ है, जिसमें खोखले माइक्रोस्फीयर (अधिकतर काँच, सिरेमिक या पॉलिमर) को पॉलिमर रेजिन मैट्रिक्स में एम्बेड करके बनाया जाता है।
  • इसे “सिंटैक्टिक” कहा जाता है क्योंकि खोखले गोलक समान रूप से और व्यवस्थित रूप से रेजिन में व्यवस्थित होते हैं।
  • “फोम” शब्द: यह सामग्री की सेलुलर संरचना को दर्शाता है।

विशेषताएँ

  • उच्च प्लाव्यता: अपने कम घनत्व के कारण, सिंटैक्टिक फोम विशेष रूप से समुद्र के नीचे के अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त है तथा जहाँ प्लवनशीलता महत्त्वपूर्ण होती है, वहाँ बेहतर उछाल प्रदान करता है।
  • उच्च शक्ति-से-भार अनुपात: यह महासागर की गहरी सतहों पर उच्च दबाव सहन कर सकता है।
  • कम जल अवशोषण: बंद-सेल संरचना पानी को अवशोषित नहीं होने देती, जिससे कठोर पर्यावरण जैसे समुद्री जल और रासायनिक परिस्थितियों में दीर्घायु सुनिश्चित होती है।
  • थर्मल इन्सुलेशन: यह तापीय चालकता को कम करता है और शोर को कम करता है, जिससे समुद्री तथा अंतरिक्षीय वातावरण में अत्यधिक मूल्यवान है।
  • स्थायित्व एवं जंग प्रतिरोध: कठोर, संक्षारक और गहरी समुद्री परिस्थितियों में भी विश्वसनीय प्रदर्शन करता है।

प्रमुख अनुप्रयोग

  • गहरी समुद्र अन्वेषण: ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल (AUVs), मानवयुक्त उपग्रह और रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROVs) में उपयोग।
  • अंतरिक्ष क्षेत्र: हल्की संरचनाओं में जहाँ तापीय स्थिरता आवश्यक है।
  • रक्षा: नौसैनिक अनुप्रयोग जैसे सोनार डोम और हल्का कवच, जहाँ कम घनत्व तथा उच्च संपीडन शक्ति आवश्यक है।
  • तेल एवं गैस उद्योग: जल के नीचे पाइपलाइनों और ड्रिलिंग उपकरणों के लिए आदर्श।
  • एयरोस्पेस: एयरोस्पेस उद्योग में, सिंटैक्टिक फोम का उपयोग उपग्रह घटकों और संरचनात्मक भागों में किया जाता है।

रामायण थीम पार्क, गोवा

भारतीय प्रधानमंत्री ने गोवा में 77 फुट की भगवान राम की प्रतिमा तथा नए रामायण थीम पार्क का उद्घाटन श्री संस्था गोकार्ण पर्तगली जीवनोत्तम मठ के 550वें वर्ष के उपलक्ष्य में किया।

रामायण थीम पार्क के बारे में

  • श्री संस्था गोकार्ण पर्तगली जीवनोत्तम मठ ने रामायण की घटनाओं को दृश्य रूप में दर्शाने तथा सांस्कृतिक अधिगम को बढ़ावा देने हेतु एक थीम आधारित पार्क विकसित किया है।
  • अवस्थिति: दक्षिण गोवा के कनकोण क्षेत्र में कुशावती नदी के तट के निकट, श्री संस्था गोकार्ण पर्तगली जीवनोत्तम मठ परिसर के भीतर स्थित।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • पार्क में नई अनावृत 77 फ़ुट ऊँची भगवान राम की कांस्य प्रतिमा स्थापित है।
    • इसमें सुसज्जित उद्यान, रामायण कथानक को दर्शाने वाले स्थापत्य, व्याख्यात्मक स्थान तथा वैष्णव कला परंपरा से युक्त पथ शामिल हैं।
  • महत्त्व
    • युवा पीढ़ियों को भारत की महाकाव्य परंपरा से पुन: जोड़ने का प्रयास।
    • रामायण सर्किट जैसी व्यापक पहलों के अंतर्गत आध्यात्मिक पर्यटन को सुदृढ़ करता है।
    • भक्ति, कला और ऐतिहासिक स्मृति को समाहित करने वाला एक सांस्कृतिक केंद्र।

श्री संस्था गोकार्ण पर्तगली जीवनोत्तम मठ

  • यह गोवा का प्रथम गौड़ सारस्वत ब्राह्मण वैष्णव मठ तथा क्षेत्रीय सांस्कृतिक संरक्षण पर गहरा प्रभाव रखने वाला ऐतिहासिक आध्यात्मिक केंद्र है।
  • स्थापना 1475 ईसवी में हुई, जिससे मठ एवं समुदाय-सेवा की 550 वर्ष पुरानी परंपरा का संकेत मिलता है।
  • आचार एवं दार्शनिक परंपरा
    • यह जगद्गुरु माधवाचार्य की दार्शनिक परंपरा का अनुसरण करता है, जो 13वीं शताब्दी के दार्शनिक एवं अद्वैत विरोधी द्वैत वेदांत के प्रवर्तक थे।
    • इनके अनुसार जीवात्मा (आत्मा) और परब्रह्म (भगवान विष्णु) दो भिन्न एवं स्वतंत्र तत्त्व हैं।
    • यह मठ आश्रय-गृह स्थापित करने तथा भक्ति परंपरा को बनाए रखने के लिए प्रसिद्ध रहा है।
  • सांस्कृतिक भूमिका
    • ऐतिहासिक उथल-पुथल के समय गोवा की भाषा, परंपराओं और पहचान की रक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • आज भी सामुदायिक कल्याण, आध्यात्मिक शिक्षा और सांस्कृतिक निरंतरता को दिशा प्रदान करता है।

MH-60 रोमियो

भारत और अमेरिका ने भारतीय नौसेना के MH-60R हेलीकॉप्टर्स हेतु ₹7,995 करोड़ का स्थायित्व समर्थन समझौता किया, जिससे दीर्घकालिक उपलब्धता और रखरखाव क्षमता सुदृढ़ होगी।

  • भारत ने वर्ष 2020 में 24 MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टर अमेरिका के विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम के माध्यम से खरीदे थे, अब तक 15 को शामिल किया जा चुका है।

MH-60 रोमियो नौसैनिक हेलीकॉप्टर के बारे में

  • यह विश्व का सबसे उन्नत समुद्री हेलीकॉप्टर है और एंटी-सबमरीन और एंटी-सरफेस युद्ध के लिए US नेवी का मुख्य प्लेटफॉर्म है।
  • निर्माता: लॉकहीड मार्टिन, अमेरिका।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • उन्नत उपकरण: बेहतर डिटेक्शन और टारगेटिंग के लिए एडवांस्ड एयरबोर्न एक्टिव सोनार, मल्टी-मोड सर्च रडार और FLIR टरेट से लैस।
    • गति व दूरी: दो 1,425 किलोवाट टर्बोशाफ्ट इंजनों द्वारा संचालित, अधिकतम गति 267 किलोमीटर प्रति घंटा तथा लगभग 454 किलोमीटर की दूरी क्षमता।
    • वहन क्षमता: टॉरपीडो, वायु-से-भूमि प्रक्षेपास्त्र, रॉकेट तथा क्रू-नियंत्रित हथियार ले जाने में सक्षम।
    • संचालन स्थिति: सभी मौसमों में संचालन हेतु विकसित, अत्याधुनिक एवियोनिक्स और उच्च जीवंतता प्रणालियाँ।

भूमिका

  • पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW), सतह रोधी युद्ध (ASuW), खोज और बचाव (SAR), लाजिस्टिक निगरानी, ​​संचार रिले, नेवल गनफायर सपोर्ट और VERTREP का संचालन करता है।
  • यह फ्रिगेट, विध्वंसक, क्रूजर, विमानवाहक पोत और उभयचर जहाजों से संचालित होता है और तटीय और खुले समुद्र में मिशनों का समर्थन करता है।

स्थायित्व समर्थन समझौते का महत्त्व

  • उन्नत उपलब्धता: भारत में दीर्घकालिक रखरखाव, मरम्मत, पुर्जों की आपूर्ति और निरीक्षण सुविधाएँ सुनिश्चित कर परिचालन तैयारी बढ़ाता है।
  • आत्मनिर्भरता को बढ़ावा: देश में मरम्मत एवं समर्थन अवसंरचना का विकास आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप, अमेरिकी सरकारी समर्थन पर निर्भरता कम करता है।
  • औद्योगिक क्षमता निर्माण: भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के माध्यम से देशी उत्पाद और सेवाएँ विकसित कर रक्षा क्षेत्र की क्षमताओं का विस्तार।

एशिया पॉवर इंडेक्स 2025

भारत ने एशिया पॉवर इंडेक्स 2025 में तीसरा स्थान प्राप्त किया है, जहाँ प्रथम स्थान पर अमेरिका और द्वितीय स्थान पर चीन है।

एशिया पॉवर इंडेक्स के बारे में

  • यह ऑस्ट्रेलिया के लोवी संस्थान द्वारा जारी वार्षिक रैंकिंग है, जो एशिया के देशों की शक्ति और प्रभाव का विभिन्न मानकों के आधार पर मूल्यांकन करती है।
  • एशिया पॉवर इंडेक्स के सातवें संस्करण में एशिया के 27 देशों और क्षेत्रों की शक्ति का मूल्यांकन किया गया है। इसमें 8 थीमेटिक क्षेत्रों के अंतर्गत 131 संकेतकों का उपयोग किया गया है, जिनमें सैन्य, आर्थिक, कूटनीतिक और सांस्कृतिक मानक, साथ ही लचीलापन तथा भविष्य के संसाधन शामिल हैं।
  • उद्देश्य एवं निहितार्थ: यह सूचकांक देशों की सापेक्ष प्रभाव क्षमता का आकलन करता है, यह समझने के लिए कि वे अपने क्षेत्र और उससे बाहर किस प्रकार शक्ति का प्रदर्शन कर परिणामों को प्रभावित करते हैं।

भारत के लिए महत्त्व

  • भारत की यह स्थिति एशिया में उसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है तथा अनुमान है कि वर्ष 2025 तक भारत प्रमुख शक्ति का दर्जा प्राप्त कर लेगा।
  • लाभ: वैश्विक प्रतिष्ठा में वृद्धि, कूटनीतिक एवं आर्थिक संबंधों में सुधार।
  • जोखिम: बढ़ती भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा, विशेषकर चीन के साथ।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.