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विश्व एड्स दिवस

Lokesh Pal December 02, 2025 03:23 8 0

संदर्भ

विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य HIV/एड्स के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाना तथा HIV के साथ जीवनयापन करने वाले व्यक्तियों (PLHIV) के प्रति समर्थन और सहानुभूति की पुष्टि करना है।

विश्व एड्स दिवस के बारे में

  • उत्पत्ति: यह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 1988 में स्थापित पहला वैश्विक स्वास्थ्य दिवस था।
  • तिथि: 1 दिसंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
  • उद्देश्य: HIV की रोकथाम, उपचार तथा उपेक्षा-निवारण के संबंध में जन-जागरूकता बढ़ाना।
  • प्रतीक: लाल रिबन HIV/एड्स के प्रति जागरूकता और समर्थन का सार्वभौमिक प्रतीक है।
  • वर्ष 2025 की थीम: अधिकारों का मार्ग: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!” (Take the Rights Path: My Health, My Right!)
    • थीम का उद्देश्य: यह थीम महामारी, संघर्ष तथा असमानताओं जैसी बाधाओं के बीच HIV सेवाओं को अधिक अनुकूलित, न्यायसंगत और समुदाय-आधारित बनाने की आवश्यकता पर बल देती है, ताकि सभी को उपचार और देखभाल तक समान अधिकार प्राप्त हो।
    • नोडल मंत्रालय: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) द्वारा नेतृत्व।

HIV/एड्स क्या है?

  • परिभाषा: HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक वायरस है, जो CD4 कोशिकाओं पर हमला करके प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जो संक्रमणों के खिलाफ शरीर की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।
    • समय के साथ, HIV शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता को गंभीर रूप से कमजोर कर देता है, जिससे व्यक्ति अवसरवादी संक्रमणों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है।
  • एड्स की रोकथाम के संबंध में प्रगति
    • एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) HIV संक्रमण का सबसे उन्नत चरण है।
    • यह तब होता है, जब प्रतिरक्षा तंत्र अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो जाए तथा CD4 गणना 200 कोशिका/मिमी³. से कम हो जाए, या गंभीर अवसरवादी रोग विकसित हो जाएँ (जैसे तपेदिक, कैंसर आदि)।
  • HIV का संचरण
    • यौन संचरण: संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध से HIV प्रसारित होता है।
    • सुई/सीरिंज के उपयोग से संचरण: संक्रमणयुक्त सुई या सीरिंज का उपयोग करने से HIV का प्रसार होता है।
    • माता से शिशु को संक्रमण: गर्भावस्था, प्रसव अथवा स्तनपान के दौरान संक्रमण हो सकता है।
    • रक्ताधान द्वारा जोखिम: संक्रमित रक्त के आधान से HIV प्रसारित हो सकता है, यद्यपि कठोर जाँच प्रणालियों के कारण यह अत्यंत दुर्लभ हो चुका है।
    • सामान्य संपर्क जैसे छूने, गले लगाने, भोजन साझा करने, मच्छर काटने या वायु संपर्क से HIV नहीं फैलता है।
  • उपचार
    • यद्यपि HIV का पूर्ण उपचार उपलब्ध नहीं है, परंतु प्रतिरोधरोगी उपचार (ART) वायरस को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है।
    • ART प्रतिदिन और आजीवन लेना आवश्यक है, जिससे प्रतिरक्षा तंत्र सुरक्षित रहता है।

भारत की HIV/एड्स रोधी प्रतिक्रिया 

  • प्रारम्भिक राष्ट्रीय प्रयास (वर्ष 1985–1991): भारत का प्रारंभिक चरण HIV मामलों की पहचान करने, सुरक्षित रक्त आधान सुनिश्चित करने और लक्षित जन जागरूकता पहल शुरू करने पर केंद्रित था।
  • संस्थागत ढाँचा: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1992 में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) तथा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP) की स्थापना ने एक समन्वित बहु-क्षेत्रीय राष्ट्रीय प्रतिक्रिया सुनिश्चित की।
    • समय के साथ केंद्र-आधारित नियंत्रण से जिला स्तरीय सहभागिता, गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग तथा PLHIV नेटवर्क की सशक्त भागीदारी की ओर परिवर्तन हुआ।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP)

NACP पाँच चरणों से होकर विकसित हुआ है, जहाँ इसका स्वरूप मूल जागरूकता-आधारित मॉडल से व्यापक रोकथाम–जाँच–उपचार मॉडल में परिवर्तित हुआ।

NACP–I (वर्ष 1992–1999)

  • यह चरण भारत की पहली राष्ट्रीय HIV/एड्स रोकथाम रणनीति का प्रतीक था।
  • इसका मुख्य उद्देश्य HIV संचरण को धीमा करना तथा इसके परिणामस्वरूप होने वाली रुग्णता, मृत्यु दर और सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को कम करना था।

NACP–II (वर्ष 1999–2006)

  • कार्यक्रम ने हस्तक्षेपों का विस्तार किया तथा पूर्व प्रयासों को सुदृढ़ किया।
  • दो प्रमुख उद्देश्यों पर केंद्रित
    • भारत में HIV प्रसार को कम करना।
    • HIV/एड्स से निपटने हेतु दीर्घकालीन राष्ट्रीय क्षमता को सुदृढ़ करना।

NACP–III (वर्ष 2007–2012)

  • लक्ष्य: विस्तारित रोकथाम, देखभाल और उपचार रणनीतियों के माध्यम से पाँच वर्ष की अवधि में HIV महामारी को रोकना।
  • महत्त्वपूर्ण पहल: जिला एड्स रोकथाम एवं नियंत्रण इकाइयों (DAPCU) की स्थापना करना, जिससे जिला-स्तरीय निगरानी में वृद्धि हुई।

NACP–IV (वर्ष 2012–2017)

  • लक्ष्य: महामारी को रोकने में तेजी लाना तथा एकीकृत HIV प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना।
  • मुख्य उद्देश्य
    • वर्ष 2007 की तुलना में नए संक्रमणों में 50% की कमी लाना।
    • सभी  PLHIV के लिए देखभाल, सहायता और उपचार की सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना।

विस्तार (वर्ष 2017–2021): वर्ष 2030 तक एड्स को समाप्त करने के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए विस्तारित।

विस्तार के दौरान प्रमुख पहलें

  • HIV/एड्स अधिनियम 2017: इस अधिनियम ने भेदभाव-निषेध, गोपनीयता सुरक्षा तथा परीक्षण–उपचार हेतु सूचित सहमति को अनिवार्य किया।
  • मिशन ‘संपर्क’: उपचार छोड़ चुके PLHIV को पुनः खोज कर ART से जोड़ने का प्रयास।
  • जाँच और उपचार नीति: सभी निदान प्राप्त व्यक्तियों के लिए CD4 गणना की परवाह किए बिना ART आरंभ।
  • वायरल लोड निगरानी: उपचार पालन और परिणाम सुधार हेतु नियमित सार्वभौमिक वायरल लोड परीक्षण।

NACP–V (2021–2026)

  • प्रकार: एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना के रूप में लागू, कुल वित्तीय प्रावधान ₹15471.94 करोड़।
  • मुख्य फोकस: पूर्व उपलब्धियों को सुदृढ़ करते हुए रोकथाम, जाँच और उपचार से संबंधित उभरते चुनौतियों का समाधान।
  • SDG के साथ सामंजस्य: यह चरण सतत् विकास लक्ष्य 3.3 का समर्थन करता है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक HIV/एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करना है तथा समुदाय-नेतृत्व वाले हस्तक्षेपों पर बल देता है।

HIV/एड्स जागरूकता के लिए सरकारी कदम

  • जनसंचार अभियान: NACO व्यापक और युवा आबादी तक पहुँचने के लिए व्यापक मल्टीमीडिया और डिजिटल अभियान संचालित करता है।
  • जागरूकता पहल: होर्डिंग्स, बस पैनल, IEC वैन, कियोस्क और लोक प्रदर्शनों के माध्यम से पहुँच का विस्तार किया जाता है।
  • सामुदायिक लामबंदी: स्वयं सहायता समूहों, आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं और पंचायती राज प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण जमीनी स्तर पर जागरूकता को मजबूत करने में मदद करता है।
  • लक्षित हस्तक्षेप परियोजनाएँ: अक्टूबर 2025 तक, 1,587 लक्षित हस्तक्षेप (TI) परियोजनाएँ हैं, जो मानव संसाधन समूहों के लिए रोकथाम, परीक्षण और उपचार सेवाएँ सुनिश्चित करती हैं।
  • अन्य अभियान: राष्ट्रव्यापी थीमैटिक अभियान उपेक्षा को कम करने और कार्यस्थलों तथा संस्थानों में PLHIV के समावेश को बढ़ावा देने के लिए संचालित किए जाते हैं।
  • कानूनी सुरक्षा तंत्र: भेदभाव की शिकायतों का समाधान करने और PLHIV अधिकारों की रक्षा के लिए HIV और एड्स अधिनियम, 2017 के तहत 34 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

भारत में HIV/एड्स के मामले

  • HIV प्रसार में कमी
    • भारत में HIV का प्रसार वर्ष 2010 के 0.33% से घटकर वर्ष 2024 में 0.20% हो गया है।
    • 0.20% पर, भारत का प्रसार वैश्विक औसत 0.7% से काफी नीचे बना हुआ है, जो दर्शाता है कि देश महामारी को कम स्तर पर बनाए रखने और वैश्विक रुझानों से बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा है।
  • नए HIV संक्रमण: नए HIV संक्रमण वर्ष 2010 के 1.25 लाख मामलों से घटकर वर्ष 2024 में 64,500 मामले रह गए हैं, जो NACP के तहत प्रयोग की गई वर्ष 2010 की आधार रेखा की तुलना में 49% की कमी दर्शाता है।
    • यह गिरावट इसी अवधि के दौरान वैश्विक कमी दर 40% से अधिक है।
  • एड्स से संबंधित मौतों में कमी: इसमें 81.40% की गिरावट आई है, जो वर्ष 2010 में 1.73 लाख मौतों से घटकर वर्ष 2024 में 32,200 हो गई है।

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