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विश्व मृदा दिवस तथा शहरी स्वास्थ्य

Lokesh Pal December 05, 2025 05:15 10 0

सन्दर्भ:

प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबरविश्व मृदा दिवस’ मनाया जाता है, जिसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा की गई थी। यह दिवस मानव सभ्यता और पर्यावरणीय स्थिरता की नींव के रूप में मृदा की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर बल देता है।

2025 का विषय: “स्वस्थ शहरों के लिए स्वस्थ मृदा”

  • शहरी मृदा की आवश्यकता: जबकि आमतौर पर ध्यान ग्रामीण कृषि भूमि पर दिया जाता है, शहरों को बगीचों, पार्क सहित अन्य मृदा संसाधनों पर ध्यान देना चाहिए।
  • शहरी चुनौतियाँ: वर्तमान में वैश्विक जनसंख्या का 56% हिस्सा शहरों में रहता है, जो खाद्य असुरक्षा, प्रदूषण और चरम जलवायु (बाढ़ और अत्यधिक तापमान) जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है।

शहरी अनुकूलन में शहरी मृदा की प्रमुख भूमिकाएँ

  • जलवायु परिवर्तन और तापमान में कमी: स्वस्थ मृदा वनस्पति को सहारा देती है, ऊष्मा को अवशोषित कर CO2 को संगृहीत करती है, जिससे शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव कम होता है
  • बाढ़ और जल प्रबंधन: मिट्टी एक प्राकृतिक स्पंज के रूप में कार्य करती है, जिससे भूजल पुनर्भरण संभव होता है और कंक्रीट-प्रधान शहरों में सड़कों पर बाढ़ की आवृत्ति में कमी आती है।
  • शहरी खाद्य प्रणालियों और जैव विविधता का समर्थन: उपजाऊ मृदा छत और घर के अन्य स्थानों पर बागवानी को सक्षम बनाती है, सूक्ष्मजीवों, केंचुओं तथा परागणकों को बनाए रखते हुए खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देती है
  • “विटामिन N” प्रदान करना: मिट्टी से समृद्ध हरित स्थानों के संपर्क में आने से तनाव, चिंता और अवसाद में कमी आती है, जिससे शारीरिक गतिविधि और मानसिक कल्याण को बढ़ावा मिलता है।

शहरी मृदा के समक्ष विद्यमान चुनौतियाँ

  • व्यापक मृदा क्षरण: खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार विश्व की लगभग एक तिहाई मृदा क्षरणग्रस्त है, यह समस्या शहरी क्षेत्रों में विशेष रूप से गंभीर है
  • औद्योगिक और मानवीय गतिविधियों से प्रदूषण: शहरी मृदा अक्सर औद्योगिक अपशिष्ट, भारी धातुओं और प्रदूषकों से दूषित हो जाती है, जिससे उनकी उर्वरता और पारिस्थितिक स्वास्थ्य में कमी आती है।
  • मृदा संपीडन: निर्माण गतिविधियाँ, भारी यातायात और शहरी विकास मृदा को संपीडित करते हैं, जिससे जल का प्रवेश, जड़ों की वृद्धि और वायु संचार बाधित होता है, जो मृदा जीवन के लिए आवश्यक हैं।
  • कार्बनिक पदार्थों की हानि: शहरी मृदा में पुनःपूर्ति के अभाव के कारण अक्सर कार्बनिक पदार्थ नष्ट हो जाते हैं, जिससे पोषक तत्त्वों की मात्रा तथा पौधों एवं सूक्ष्मजीवों को सहारा देने की मिट्टी की क्षमता भी कम हो जाती है।
  • मृदा सीलिंग: कंक्रीट, डामर या फुटपाथ से मृदा को ढकने से यह प्रभावी रूप से “सील” हो जाती है, जिससे सूक्ष्मजीवों की मृत्यु हो जाती है, प्राकृतिक जल अवशोषण बाधित होता है और शहरी बाढ़ तथा ऊष्मा तनाव नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है

स्वस्थ शहरी मृदा को बढ़ावा देने के लिए आगे की राह

  • शहरी मृदा पुनर्स्थापन और संरक्षण: शहरों को कम्पोस्ट खाद, मृदा परीक्षण और जैविक संशोधनों के माध्यम से क्षरित भूमि के पुनर्वास को प्राथमिकता देनी चाहिए। नए निर्माण आदि से मृदा को और अधिक सील होने से रोकना भी इस गैर-नवीकरणीय संसाधन की रक्षा के लिए उतना ही आवश्यक है।
  • हरित बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देना: जहाँ तक संभव हो, कंक्रीट के स्थान पर मृदा-आधारित समाधानों को अपनाने की आवश्यकता है। पार्क, वर्षा उद्यानों और वृक्ष बेल्टों के नीचे की मिट्टी न केवल सौंदर्यपरक है, बल्कि यह एक महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा भी है जो बाढ़ और गर्मी के तनाव को कम करता है।
  • शहरी कृषि का समर्थन: सामुदायिक और घर के बगीचे में मृदा स्वास्थ्य में सुधार लाने के साथ-साथ स्वच्छ ताज़ा भोजन, मनोरंजन और सामाजिक जुड़ाव प्रदान करने के शक्तिशाली साधन हैं।
  • उत्तरदायी मृदा प्रबंधन को अपनाना: इसमें पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को अपनाना शामिल है, जैसे- रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी, कीटनाशकों के प्रयोग को न्यूनतम करना, देशी प्रजातियों को रोपना तथा मल्चिंग के माध्यम से ऊपरी मृदा की सुरक्षा करना।
  • मृदा साक्षरता और खाद निर्माण को बढ़ावा देना: स्कूल आदि में मृदा कार्यशालाओं का आयोजन तथा शहरी मृदा को समृद्ध बनाने के लिए घरेलू खाद निर्माण को बढ़ावा देना।

निष्कर्ष

शहरी अनुकूलन केवल स्टील और कंक्रीट पर ही नहीं, बल्कि जीवित और साँस लेने वाली मृदा पर भी निर्भर करता है। मृदा संसाधनों की सुरक्षा तथा संरक्षण शहरों, जन स्वास्थ्य और हमारे साझा भविष्य की रक्षा करती हैस्वस्थ शहरों के लिए स्वस्थ मृदा की आवश्यकता होती है, जो बदले में जागरूक तथा सक्रिय समुदायों पर निर्भर करती है|

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न: शहरी मृदा, सतत शहरी नियोजन के एक महत्त्वपूर्ण किन्तु उपेक्षित घटक के रूप में विकसित हो रही है। विश्व मृदा दिवस-2025 के संदर्भ में, खाद्य असुरक्षा, प्रदूषण, बाढ़ और शहरी ऊष्मा तनाव जैसी चुनौतियों से निपटने में “स्वस्थ शहरों के लिए स्वस्थ मृदा” की भूमिका पर चर्चा कीजिए।

(15 अंक, 250 शब्द)

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