//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal
December 22, 2025 04:27
48
0
हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बाल तस्करी और संगठित गिरोहों द्वारा बच्चों का वाणिज्यिक यौन शोषण जैसी गंभीर समस्याओं को उजागर किया।
भारत मानव तस्करी का एक प्रमुख स्रोत, पारगमन और गंतव्य है, जिसमें व्यावसायिक यौन शोषण और जबरन श्रम सबसे प्रचलित रूप हैं।
सर्वोच्च न्यायालय का वर्ष 2025 का निर्णय बाल तस्करी मामलों में संवेदनशीलता और यथार्थवाद पर आधारित न्यायिक दृष्टिकोण की आवश्यकता रेखांकित करता है। मजबूत कानूनी प्रावधानों के बावजूद, तस्करी से निपटने के लिए बहुआयामी, पीड़ित-केंद्रित और अधिकार-आधारित रणनीति आवश्यक है। कानून प्रवर्तन, न्यायिक प्रक्रियाओं और पुनर्वास ढाँचों को सुदृढ़ कर भारत प्रत्येक बच्चे के लिए गरिमा और संरक्षण के अपने संवैधानिक वचन के और निकट पहुँच सकता है।
<div class="new-fform">
</div>

Latest Comments