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क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी और बांग्लादेश (Regional Comprehensive Economic Partnership)

Samsul Ansari December 27, 2023 11:28 211 0

संदर्भ

बांग्लादेश की चीन समर्थित ‘क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी’ (Regional Comprehensive Economic Partnership- RCEP) में शामिल होने की योजना है। 

  • यदि बांग्लादेश RCEP में शामिल होता है तो भारत, बांग्लादेश के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement- FTA) के संदर्भ में अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है।

संबंधित तथ्य

  • ध्यातव्य है कि भारत व बांग्लादेश सितंबर, 2022 में भारत-बांग्लादेश व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA) पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए थे।
  • बांग्लादेश का दृष्टिकोण: बांग्लादेश वर्ष 2026 में विकासशील देश का दर्जा हासिल करने के बाद अपने साझेदार देशों के बाजारों तक अधिमान्य पहुँच (Preferential access) बनाए रखने के लिए मुक्त व्यापार समझौते पर काम कर रहा है।
    • दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौते (South Asia Free Trade Agreement- SAFTA) के अंतर्गत अल्प विकसित देश (Least Developed Country- LDC) के रूप में, बांग्लादेश को भारतीय बाजार में अपनी अधिकांश वस्तुओं के लिए शुल्क-मुक्त और कोटा-मुक्त पहुँच प्राप्त है, जिसे वह वर्ष 2026 के बाद खो देगा।
मुक्त व्यापार समझौता या एफटीए (FTA)

  • FTA दो या दो से अधिक देशों के बीच व्यापार और निवेश में कुछ बाधाओं/टैरिफ को कम करने या समाप्त करने तथा भाग लेने वाले देशों के बीच मजबूत व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को सुविधाजनक बनाने के लिए बनाई गई संधियाँ हैं।
  • FTA की अवधारणा व्यापार संरक्षणवाद (Trade Protectionism) की संकल्पना के विपरीत है।

व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) 

  • इसमें आर्थिक सहयोग क्षेत्रों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है जिसमें मानक व्यापार समझौतों या FTA के दायरे से परे सेवाएँ, निवेश, प्रतिस्पर्द्धा, बौद्धिक संपदा अधिकार और बहुत कुछ शामिल होता है।

दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA)

  • इसे वर्ष 1995 में दक्षिण एशियाई वरीयता व्यापार समझौता (South Asian Preferential Trade Agreement- SAPTA) के रूप में लागू किया गया था। 
    • जिसे वर्ष 2006 से साफ्टा (SAFTA)  द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया। 
  • इस समझौते का लक्ष्य दक्षिण एशिया में व्यापार संबंधी बाधाओं को दूर करना है और सार्क देशों के बीच अधिक उदार व्यापार व्यवस्था स्थापित करना है।

बांग्लादेश का RCEP में शामिल होने से जुड़ी चिंताएँ

  • रूल्स ऑफ ओरिजिन को दरकिनार करना (Circumventing rules of origin- RoO): भारत-बांग्लादेश मुफ्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement- FTA),  FTA मार्ग के माध्यम से बांग्लादेश से भारत में चीनी सामानों के प्रवाह को सुविधाजनक बना सकता है, जिससे भारतीय बाजारों पर बोझ पड़ेगा और भारतीय उद्योग प्रभावित होंगे।
    • RoO प्रावधानों के दुरुपयोग को लेकर चिंता के कारण ही भारत RCEP वार्ता से पीछे हट गया था।
    • रूल्स ऑफ ओरिजिन (Rules of Origin-RoO): यह एक नियम या मानदंड है जिसका उपयोग किसी उत्पाद के राष्ट्रीय स्रोत को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

RCEP

क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP)

  • RCEP दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (Association of Southeast Asian Nations- ASEAN) के मुक्त व्यापार समझौते के भागीदारों (ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, न्यूजीलैंड और कोरिया गणराज्य) के बीच एक 15-सदस्यीय क्षेत्रीय मुक्त व्यापार समझौता है।
  • भारत नवंबर 2019 में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) वार्ता से हट गया।
  • RCEP, सदस्य देशों के सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर विश्व का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार समझौता है।
  • यह अनुमान लगाया गया है कि अपने व्यापार उदारीकरण प्रावधानों के माध्यम से RCEP वर्ष 2030 तक $200 बिलियन से अधिक की आय में वृद्धि कर सकता है और विश्व व्यापार में $500 बिलियन जोड़ सकता है।

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